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सैयदाराजा थाना मामले में दरोगा समेत चार पुलिसकर्मी सस्पेंड

चंदौली के सैयदराजा थाना मामले में थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह मामला गर्म हो गया है, और इसकी चर्चाएं पूरे जनपद में हो रही है.

चंदौली
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Published : Oct 1, 2021, 2:22 PM IST

चंदौली : सैयदराजा थाना मामले में रोजाना नया मोड़ सामने आ रहा है. ऐसा लग रहा रहा है की जैसे यह पूरा मामला पुलिस और सत्ता के बीच संघर्ष बन गया है. कभी सत्ता की हनक भारी पड़ती दिख रही है, तो कभी पुलिसिया कार्रवाई बढ़ती दिख रही है, लेकिन मामला सत्ता पक्ष भाजपा से जुड़ा है, लिहाजा पुलिस वाले भी एक के बाद एक इस प्रकरण की ताप में झुलसते नजर आ रहे हैं. अब पुलिस महकमे में सैयदराजा थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए चार पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है. एसपी अमित कुमार ने जांच रिपोर्ट के अवलोकन के बाद एक्शन लिया है. पुलिस की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह मामला गर्म हो गया है, और इसकी चर्चाएं पूरे जनपद में हो रही है.

पुलिस के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक सैयदराजा उदय प्रताप सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षक अमित कुमार को रिपोर्ट भेजी गई‚ जिसमें- 28/09/2021 की शाम को विशाल मद्धेशिया नामक व्यक्ति अपने वार्ड में दो व्यक्तियों के बीच हुए जमीनी विवाद के मामले में थाने पर आए थे, और आपस में इन लोगों के बीच तेज आवाज में बातें की जा रही थी. उसी दौरान संतरी ड्यूटी पर तैनात आरक्षी कृष्ण कुमार सिंह द्वारा किसी बात को लेकर इनसे कहासुनी/मारपीट हो गई. जिसपर थाने पर मौजूद उपनिरीक्षक जय प्रकाश यादव, आरक्षी- शैलेन्द्र यादव और आरक्षी- सत्यलोक चौहान द्वारा भी उनसे कहासुनी और मारपीट की घटना हुई.

प्रभारी निरीक्षक ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि संबंधित पुलिसकर्मियों का आचरण पूरी तरह अनुचित और विभाग की छवि को धूमिल करने वाला है. इनके द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतते हुए आवश्यक विधिक कार्रवाई करने की बजाय अमर्यादित व्यवहार किया गया, जिसके आधार पर चारों पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक चंदौली द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. मामले से सम्बन्धित जांच और अन्य विवेचनात्मक कार्रवाई अभी चल रही है.

इस पूरे मामले में एसपी अमित कुमार ने आरोपी चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई, लेकिन इस कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या यह कार्रवाई सत्ता के दबाव की वजह की गई ? क्योंकि जिले पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने एसपी चंदौली की शिकायत केंद्रीय मंत्री समेत संगठन के उच्च पदाधिकारियों से की थी. क्या मामले की सच्चाई जानने में कप्तान को तीन दिन लग गए ? अगर पुलिस कर्मियों की गलती थी तो फिर पुलिस से इंसास छिनने और हत्या के प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कैसे कर लिया गया ? आमतौर पर इस तरह केके मामलों की जांच डीएसपी या एडिशनल एसपी से कराई जाती है, लेकिन एक दरोगा की जांच उसी थाने के कोतवाल से क्यों कराई गई ? सवाल तो और भी है, जिनका जवाब पुलिस प्रशासन को देना होगा ? लेकिन फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

क्या है मामला

दरअसल, जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, दिग्गज बीजेपी नेता राणा प्रताप सिंह समेत बीजेपी की टीम सैयदराजा थाने में डंटी थी. तभी विशाल मद्धेशिया से मारपीट के आरोपी दारोगा जय प्रकाश यादव को तलब कर प्रकरण में उनका पक्ष जाना गया. इसी बीच भाजपाइयों के साथ वहां मौजूद एक युवक दारोगा शिव बाबू यादव को जाति से संबोधित करते हुए उन्हें आखें दिखाता है. हालांकि पुलिस का अपमान होता देख बीजेपी जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह उठे और दारोगा से कार्यकर्ता को दूर किया.

वहीं, मौके पर मौजूद किसी ने यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाल दिया. वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को चिन्हित किया और उसे गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी युवक शैलेंद्र प्रताप सिंह पूर्व आईटी सेल जनपद संयोजक चंदौली के पद पर कार्य कर चुका है. अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज ने बताया सैयदराजा थाने में तैनात दारोगा से अभद्रता और टिप्पणी करने के मामले में आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया. दरोगा की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा गया. गौरतलब है कि बीजेपी नेता विशाल मद्धेशिया की पिटाई के मामले में दारोगा जयप्रकाश यादव और तीन सिपाहियों शैलेंद्र यादव, सत्यलोक, कृष्ण कुमार सिंह पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था.

चंदौली : सैयदराजा थाना मामले में रोजाना नया मोड़ सामने आ रहा है. ऐसा लग रहा रहा है की जैसे यह पूरा मामला पुलिस और सत्ता के बीच संघर्ष बन गया है. कभी सत्ता की हनक भारी पड़ती दिख रही है, तो कभी पुलिसिया कार्रवाई बढ़ती दिख रही है, लेकिन मामला सत्ता पक्ष भाजपा से जुड़ा है, लिहाजा पुलिस वाले भी एक के बाद एक इस प्रकरण की ताप में झुलसते नजर आ रहे हैं. अब पुलिस महकमे में सैयदराजा थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह की रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए चार पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है. एसपी अमित कुमार ने जांच रिपोर्ट के अवलोकन के बाद एक्शन लिया है. पुलिस की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह मामला गर्म हो गया है, और इसकी चर्चाएं पूरे जनपद में हो रही है.

पुलिस के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक सैयदराजा उदय प्रताप सिंह द्वारा पुलिस अधीक्षक अमित कुमार को रिपोर्ट भेजी गई‚ जिसमें- 28/09/2021 की शाम को विशाल मद्धेशिया नामक व्यक्ति अपने वार्ड में दो व्यक्तियों के बीच हुए जमीनी विवाद के मामले में थाने पर आए थे, और आपस में इन लोगों के बीच तेज आवाज में बातें की जा रही थी. उसी दौरान संतरी ड्यूटी पर तैनात आरक्षी कृष्ण कुमार सिंह द्वारा किसी बात को लेकर इनसे कहासुनी/मारपीट हो गई. जिसपर थाने पर मौजूद उपनिरीक्षक जय प्रकाश यादव, आरक्षी- शैलेन्द्र यादव और आरक्षी- सत्यलोक चौहान द्वारा भी उनसे कहासुनी और मारपीट की घटना हुई.

प्रभारी निरीक्षक ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया कि संबंधित पुलिसकर्मियों का आचरण पूरी तरह अनुचित और विभाग की छवि को धूमिल करने वाला है. इनके द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतते हुए आवश्यक विधिक कार्रवाई करने की बजाय अमर्यादित व्यवहार किया गया, जिसके आधार पर चारों पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक चंदौली द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. मामले से सम्बन्धित जांच और अन्य विवेचनात्मक कार्रवाई अभी चल रही है.

इस पूरे मामले में एसपी अमित कुमार ने आरोपी चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई, लेकिन इस कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या यह कार्रवाई सत्ता के दबाव की वजह की गई ? क्योंकि जिले पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने एसपी चंदौली की शिकायत केंद्रीय मंत्री समेत संगठन के उच्च पदाधिकारियों से की थी. क्या मामले की सच्चाई जानने में कप्तान को तीन दिन लग गए ? अगर पुलिस कर्मियों की गलती थी तो फिर पुलिस से इंसास छिनने और हत्या के प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कैसे कर लिया गया ? आमतौर पर इस तरह केके मामलों की जांच डीएसपी या एडिशनल एसपी से कराई जाती है, लेकिन एक दरोगा की जांच उसी थाने के कोतवाल से क्यों कराई गई ? सवाल तो और भी है, जिनका जवाब पुलिस प्रशासन को देना होगा ? लेकिन फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

क्या है मामला

दरअसल, जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, दिग्गज बीजेपी नेता राणा प्रताप सिंह समेत बीजेपी की टीम सैयदराजा थाने में डंटी थी. तभी विशाल मद्धेशिया से मारपीट के आरोपी दारोगा जय प्रकाश यादव को तलब कर प्रकरण में उनका पक्ष जाना गया. इसी बीच भाजपाइयों के साथ वहां मौजूद एक युवक दारोगा शिव बाबू यादव को जाति से संबोधित करते हुए उन्हें आखें दिखाता है. हालांकि पुलिस का अपमान होता देख बीजेपी जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह उठे और दारोगा से कार्यकर्ता को दूर किया.

वहीं, मौके पर मौजूद किसी ने यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में डाल दिया. वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को चिन्हित किया और उसे गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी युवक शैलेंद्र प्रताप सिंह पूर्व आईटी सेल जनपद संयोजक चंदौली के पद पर कार्य कर चुका है. अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज ने बताया सैयदराजा थाने में तैनात दारोगा से अभद्रता और टिप्पणी करने के मामले में आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया. दरोगा की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा गया. गौरतलब है कि बीजेपी नेता विशाल मद्धेशिया की पिटाई के मामले में दारोगा जयप्रकाश यादव और तीन सिपाहियों शैलेंद्र यादव, सत्यलोक, कृष्ण कुमार सिंह पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था.

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