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पूर्व सपा सांसद रामकिशुन यादव के भतीजे हारे प्रधान पद का चुनाव, टूटा दशकों पुराना रिकॉर्ड - चंदौली खबर

चंदौली के पंचायत चुनाव में सकलडीहा से सपा विधायक प्रभुनारायण यादव के भतीजे को जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. वहीं पूर्व सपा सांसद रामकिशुन यादव के भतीजे ग्राम प्रधान का चुनाव हार गए.

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Published : May 5, 2021, 11:43 PM IST

चंदौली: सपा में परिवारवाद बड़ी समस्या रही है. विरोधी दल पार्टी के इसी परिवार मोह पर निशाना साधते रहे हैं. लेकिन, हाल के कुछ वर्षों में जनता ने जिस तरह परिवारवाद को नकारना शुरू किया. उसका क्रम पंचायत चुनाव में भी जारी रहा. सकलडीहा से सपा विधायक प्रभुनारायण यादव के भतीजे को जिला पंचायत चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. वहीं सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव के छोटे भाई सैयदराजा क्षेत्र के बगहीं गांव से ग्राम प्रधान का चुनाव हार गए. इसके अलावा जिले में समाजवादी पार्टी का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के परिवार का उनके गांव नियामताबाद के बौरी में 40 साल से चला आ रहा दबदबा भी खत्म हो गया. रामकिशुन यादव के भतीजे भी ग्राम प्रधान का चुनाव हार गये.

पूर्व सांसद के भतीजे का जिला पंचायत सदस्य पद के लिए कट गया था टिकट
बता दें कि पूर्व सांसद रामकिशुन यादव को हाल के कुछ वर्षों में राजनीति रास नहीं आ रही है. उन्हें और उनके परिवार को एक के बाद एक राजनीतिक झटके लगते चले जा रहे हैं. जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भतीजे मुलायम यादव का टिकट कटा तो नाराज पुत्र संतोष यादव ने न सिर्फ अपना टिकट वापस कर दिया, बल्कि चुनाव भी नहीं लड़ा. अब पूर्व सांसद के गांव बौरी से उनके भतीजे ग्राम प्रधान का चुनाव हार गए हैं.

इसे भी पढ़ें-'मैं एमएससी-पीएचडी हूं'... इतना सुनते ही एसपी ने किया 11 हजार रुपये का चालान

सतीश सिंह ने 345 मतों से हराया
पूर्व सांसद के परिवार का 40 साल से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से ग्राम प्रधान के पद पर कब्जा चला आ रहा था. लेकिन, अबकी ग्राम पंचायत के चुनाव में उनके छोटे भाई स्वर्गीय श्याम जी यादव के पुत्र अजय यादव को हार का मुंह देखना पड़ा. गांव के सतीश सिंह ने 345 मतों से चुनाव जीता.

चंदौली: सपा में परिवारवाद बड़ी समस्या रही है. विरोधी दल पार्टी के इसी परिवार मोह पर निशाना साधते रहे हैं. लेकिन, हाल के कुछ वर्षों में जनता ने जिस तरह परिवारवाद को नकारना शुरू किया. उसका क्रम पंचायत चुनाव में भी जारी रहा. सकलडीहा से सपा विधायक प्रभुनारायण यादव के भतीजे को जिला पंचायत चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. वहीं सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम यादव के छोटे भाई सैयदराजा क्षेत्र के बगहीं गांव से ग्राम प्रधान का चुनाव हार गए. इसके अलावा जिले में समाजवादी पार्टी का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले पूर्व सांसद रामकिशुन यादव के परिवार का उनके गांव नियामताबाद के बौरी में 40 साल से चला आ रहा दबदबा भी खत्म हो गया. रामकिशुन यादव के भतीजे भी ग्राम प्रधान का चुनाव हार गये.

पूर्व सांसद के भतीजे का जिला पंचायत सदस्य पद के लिए कट गया था टिकट
बता दें कि पूर्व सांसद रामकिशुन यादव को हाल के कुछ वर्षों में राजनीति रास नहीं आ रही है. उन्हें और उनके परिवार को एक के बाद एक राजनीतिक झटके लगते चले जा रहे हैं. जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भतीजे मुलायम यादव का टिकट कटा तो नाराज पुत्र संतोष यादव ने न सिर्फ अपना टिकट वापस कर दिया, बल्कि चुनाव भी नहीं लड़ा. अब पूर्व सांसद के गांव बौरी से उनके भतीजे ग्राम प्रधान का चुनाव हार गए हैं.

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सतीश सिंह ने 345 मतों से हराया
पूर्व सांसद के परिवार का 40 साल से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से ग्राम प्रधान के पद पर कब्जा चला आ रहा था. लेकिन, अबकी ग्राम पंचायत के चुनाव में उनके छोटे भाई स्वर्गीय श्याम जी यादव के पुत्र अजय यादव को हार का मुंह देखना पड़ा. गांव के सतीश सिंह ने 345 मतों से चुनाव जीता.

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