चंदौली: घोषी उपचुनाव में सपा की जीत का जश्न मनाना पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू को महंगा पड़ गया. पूर्व विधायक मनोज के खिलाफ पुलिस ने 7 सीएलए समेत छह विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि पूर्व विधायक ने डीडीयू नगर में सड़क जाम करके अतिशबाजी की. जिससे आमजनमानस को परेशानी का सामना करना पड़ा. एसपी डॉ. अनिल कुमार ने पूर्व विधायक के खिलाफ मुकदमे की पुष्टि की है. वहीं, सपा नेता ने पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने व मनगढ़ंत मुकदमा दर्ज करने का आरोप है.
दरअसल, सपा ने मऊ जिले के घोसी विधानसभा में हुए उपचुनाव को करीब 43 हजार वोट से जीत हासिल हुई. सपा के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह चौहान को करारी शिकस्त दी है. इसकी जानकारी होने के बाद चंदौली के सैयदराजा से सपा के पूर्व विधायक मनोज सिंह ने अपने समर्थकों संग खुशी का इजहार किया. आनन-फानन में मनोज सिंह डब्लू ने डीडीयू नगर कस्बा में समर्थकों के साथ पटाखों को फोड़ने के लिए काली मंदिर के सामने पहल की. पूर्व विधायक के काफिले में चलने वाले वाहनों से कस्बा के मेन रोड को जाम कर दिया गया.
जोकि सड़क वाराणसी और चंदौली मुख्यालय सहित अन्य स्थानों की जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग हैं. पूर्व विधायक के आतिशबाजी के दौरान सड़क पर यातायात पूरी तरह से थम सा गया. आतिशबाजी के बाद पूर्व विधायक अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए. जिसके बाद आतिशबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसका संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आईपीसी की धाराओं व 7 सीएलए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस जल्द ही पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है.
मनोज बोले, कट्टा खोसने वाला व्यक्ति नहीं हूं: इस मामले में पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू का कहना है कि "मैं कोई कट्टा खोजने वाला व्यक्ति नहीं हूं. मुकदमा राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज किया गया है. लेकिन जनता सब समझती है, यह राजनीतिक खुन्नस है. जिसमें चंदौली के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. मैं महज 30 सेकंड सड़क पर रुका, इस दौरान कौन सी ऐसी आपदा आ गई पुलिस अधिकारी इसका जवाब दें". कहा कि यह भाजपा के बड़े नेताओं के इशारे पर किया जा रहा है ताकि आगामी दिनों में उनकी गंगा कटान को लेकर प्रस्तावित यात्रा रोकी जा सके. लेकिन यह यात्रा पूरी होकर रहेगी.
पूर्व विधायक ने पुलिस की मंशा पर उठाए सवाल: पूर्व विधायक ने पुलिस की एफआईआर पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि हमारे साथ सुरक्षाकर्मी के अलावा कोई भी असलहा धारी नहीं है. जबकि असलहा धारी कई लोगों का जिक्र किया गया है. किसी तरह के सरकारी काम मे कोई बाधा उत्पन्न नहीं की गई. स्कूली बच्चों के वाहनों के फंसने का एक जिक्र है, 4 बजे कौन सा स्कूल खुला रहता है. 30 सेकेंड के जश्न में कौन सी एम्बुलेंस फंस गई. यह पूरी बीजेपी के नेता व मंत्री व विधायक के दबाव में आकर मुकदमा दर्ज किया गया है.
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