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बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की आशंका, किसानों की बढ़ी चिंता - चंदौली लेटेस्ट न्यूज

चंदौली में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से किसानों ने तिलहन, दलहन और साग-सब्जी की फसलों को नुकसान की आशंका जताई है. किसानों ने मांग की है कि सरकार की तरफ से उनकी फसलों के नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए.

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चंदौली में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि
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Published : Jan 12, 2022, 10:52 PM IST

चंदौली: अचानक मौसम बदलने के बाद हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. तेज बारिश और ओलावृष्टि की वजह से तापमान तो नीचे गिर ही गया है, साथ ही इससे गेंहू, तिलहन, दलहन और साग-सब्जी की फसलों को नुकसान की आशंका है. इसके चलते ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने सरकार से मांग की है कि उनकी फसलों के नुकसान का आंकलन किया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए.

दरअसल, बुधवार को हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसान परेशान हैं. उनके मुताबिक इस बारिश और ओलावृष्टि से उनकी फसलें प्रभावित होंगी, जिसका सीधा असर उनकी पैदावार पर होगा. इस पर जिले के खेती के जानकार किसान रतन सिंह ने कहा कि जिन इलाकों में ओलावृष्टि हुई है, वहां दलहन और तिलहन की फसलों को 70 फीसदी तक नुकसान की आशंका है. इस ओलावृष्टि का आलू की खेती पर बड़ा व प्रतिकूल असर होगा. आलू की फसलें 80 फीसदी तक प्रभावित होने की आशंका है.

जिन किसानों ने गेहूं की फसल को नहीं सींचा है, उन्हें नुकसान नहीं होगा. जबकि अन्य किसानों को 10 से 20 फीसदी नुकसान झेलना पड़ सकता है. वहीं, खेती के जानकार एक अन्य किसान बीरेंद्र सिंह ने बताया कि बारिश व ओलावृष्टि से दलहन व तिलहन की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी. मौसम ऐसे ही बना रहा और बारिश आगे भी जारी रही तो नुकसान और बढ़ सकता है.

यह भी पढ़ें- बर्बाद फसलों का बीमा कंपनियों से दिलाया जाए क्लेम, पूर्व सांसद लिखेंगे केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र

हालांकि कृषि वैज्ञानिक एसपी सिंह ने कहा कि जिले में हुई बारिश से किसान परेशान न हों. इस बारिश से गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा फायदा होगा. वहीं चना व मसूर की फसलें भी बेहतर होंगी. दलहन की फसलों को आंशिक नुकसान की आशंका है. उन्होंने कहा कि इस बारिश व ओलावृष्टि को किसानों के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि फसलों को लेकर यदि किसी तरह का संशय या सवाल हो तो कृषि वैज्ञानिकों से सम्पर्क कर किसान उचित सलाह प्राप्त करें.

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चंदौली: अचानक मौसम बदलने के बाद हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. तेज बारिश और ओलावृष्टि की वजह से तापमान तो नीचे गिर ही गया है, साथ ही इससे गेंहू, तिलहन, दलहन और साग-सब्जी की फसलों को नुकसान की आशंका है. इसके चलते ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने सरकार से मांग की है कि उनकी फसलों के नुकसान का आंकलन किया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए.

दरअसल, बुधवार को हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसान परेशान हैं. उनके मुताबिक इस बारिश और ओलावृष्टि से उनकी फसलें प्रभावित होंगी, जिसका सीधा असर उनकी पैदावार पर होगा. इस पर जिले के खेती के जानकार किसान रतन सिंह ने कहा कि जिन इलाकों में ओलावृष्टि हुई है, वहां दलहन और तिलहन की फसलों को 70 फीसदी तक नुकसान की आशंका है. इस ओलावृष्टि का आलू की खेती पर बड़ा व प्रतिकूल असर होगा. आलू की फसलें 80 फीसदी तक प्रभावित होने की आशंका है.

जिन किसानों ने गेहूं की फसल को नहीं सींचा है, उन्हें नुकसान नहीं होगा. जबकि अन्य किसानों को 10 से 20 फीसदी नुकसान झेलना पड़ सकता है. वहीं, खेती के जानकार एक अन्य किसान बीरेंद्र सिंह ने बताया कि बारिश व ओलावृष्टि से दलहन व तिलहन की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी. मौसम ऐसे ही बना रहा और बारिश आगे भी जारी रही तो नुकसान और बढ़ सकता है.

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हालांकि कृषि वैज्ञानिक एसपी सिंह ने कहा कि जिले में हुई बारिश से किसान परेशान न हों. इस बारिश से गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा फायदा होगा. वहीं चना व मसूर की फसलें भी बेहतर होंगी. दलहन की फसलों को आंशिक नुकसान की आशंका है. उन्होंने कहा कि इस बारिश व ओलावृष्टि को किसानों के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि फसलों को लेकर यदि किसी तरह का संशय या सवाल हो तो कृषि वैज्ञानिकों से सम्पर्क कर किसान उचित सलाह प्राप्त करें.

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