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इंजीनियर अपहरण कांड: पुलिस ने किया था खुलासे का दावा, 70 घंटे बाद भी अपहृत को नहीं ला सकी सामने

पुलिस की जांच आगे बढ़ी. अपहरण होने की बजाय साजिश की आशंका बन गई. इसके बाद पुलिस की पड़ताल के बाद पता चला कि दीपक का अपहरण नहीं बल्कि टॉवर के खेल में शामिल बीजेपी नेता गोपाल सिंह बबलू को फ़ंसाने की साजिश थी.

इंजीनियर अपहरण कांड: पुलिस ने किया था खुलासे का दावा
इंजीनियर अपहरण कांड: पुलिस ने किया था खुलासे का दावा
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Published : Oct 16, 2021, 3:16 PM IST

चंदौली: टॉवर टेक्नीशियन अपहरण कांड की मिस्ट्री 70 घंटे बाद भी नहीं सुलझ सकी. हालांकि पुलिस 24 घंटे में ही मामले के खुलासे का दावा कर चुकी है. पुलिस ने बताया था कि टॉवर टेक्नीशियन दीपक सिंह ने खुद अपने ही अपहरण की साजिश रची थी.

घटना की अफवाह फैलाकर मथुरा फरार हो गया जहां वृंदावन में फ्लैट लेकर रहने के दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. बावजूद इसके पुलिस ऑफिशियल तरीके से अब तक इस हाई प्रोफाइल मिस्ट्री का खुलासा नहीं कर सकी.

दरअसल, बुधवार देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि टावर इंजीनियर दीपक सिंह का अपहरण हो गया है. अपहरण से पूर्व दीपक ने अपने साले को फोन कर बताया था कि कोई व्यक्ति ब्लैक स्कार्पियो से उसका पीछा कर रहा था. अपहरण की बात से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

एसपी चंदौली समेत तमाम पुलिस फोर्स मुगलसराय पहुंच छानबीन में जुट गई. इस दौरान दीपक की स्विफ्ट डिजायर कार मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के डांडी में पड़ी मिली. मौके से उसके मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए गए थे.

वहीं, दीपक के भाई संदीप सिंह ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस को भाजपा से जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू, उसके भाई विजय सिंह व अन्य साथियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी. इसके बाद पुलिस ने तत्काल इन लोगों को पूछताछ के लिए उठा लिया. घंटों की पूछताछ के बाद भी अपहरण की घटना से जुड़े कोई सुबूत नहीं मिले.

यह भी पढ़ें : जिला पंचायत की बैठक बना सियासी अखाड़ा, देखिए कैसे भीड़ गए सपा-भाजपा के नेता

पुलिस की जांच आगे बढ़ी. अपहरण होने की बजाय साजिश की आशंका बन गई. इसके बाद पुलिस की पड़ताल के बाद पता चला कि दीपक का अपहरण नहीं बल्कि टॉवर के खेल में शामिल बीजेपी नेता गोपाल सिंह बबलू को फ़ंसाने की साजिश थी.

लेकिन दीपक को हिरासत में लिए जाने के बाद इसमें शामिल होने की आशंका पर दीपक के भाई संदीप व उसके साले को भी पूछताछ के लिए थाने पर बैठा लिया गया. इसके अलावा इस घटना में नामजद बीजेपी नेता गोपाल सिंह बबलू, उनके भाई विजय सिंह व अन्य व्यक्ति को पहले से ही पुलिस ने पूछताछ के लिए रोक रखा है.

ऐसे में लग रहा है कि दीपक की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस अभी तक इस मिस्ट्री को पूरी तरह सुलझा नहीं पाई है. इसके बाद एक बार फिर इस घटना को लेकर चर्चा आम है कि क्या पुलिस की प्राथमिक जांच में बबलू सिंह को फंसाने के लिए अपहरण की साजिश रचने का जो खुलासा हुआ, वास्तव में मामला वहीं या पूछताछ में कुछ और बात भी सामने आई है.

इस बात ने पुलिस की विवेचना को शायद नया मोड़ दे दिया हो. यदि चंदौली पुलिस ने 24 घंटे में अपहरण कांड का खुलासा कर लिया था तो फिर 70 घंटे बाद भी इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया.

इस बाबत सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि अपहरण कांड का साजिशकर्ता दीपक सिंह पुलिस हिरासत में है. विवेचना चल रही है. जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा. अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.

चंदौली: टॉवर टेक्नीशियन अपहरण कांड की मिस्ट्री 70 घंटे बाद भी नहीं सुलझ सकी. हालांकि पुलिस 24 घंटे में ही मामले के खुलासे का दावा कर चुकी है. पुलिस ने बताया था कि टॉवर टेक्नीशियन दीपक सिंह ने खुद अपने ही अपहरण की साजिश रची थी.

घटना की अफवाह फैलाकर मथुरा फरार हो गया जहां वृंदावन में फ्लैट लेकर रहने के दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. बावजूद इसके पुलिस ऑफिशियल तरीके से अब तक इस हाई प्रोफाइल मिस्ट्री का खुलासा नहीं कर सकी.

दरअसल, बुधवार देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि टावर इंजीनियर दीपक सिंह का अपहरण हो गया है. अपहरण से पूर्व दीपक ने अपने साले को फोन कर बताया था कि कोई व्यक्ति ब्लैक स्कार्पियो से उसका पीछा कर रहा था. अपहरण की बात से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

एसपी चंदौली समेत तमाम पुलिस फोर्स मुगलसराय पहुंच छानबीन में जुट गई. इस दौरान दीपक की स्विफ्ट डिजायर कार मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के डांडी में पड़ी मिली. मौके से उसके मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए गए थे.

वहीं, दीपक के भाई संदीप सिंह ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस को भाजपा से जिला पंचायत सदस्य गोपाल सिंह बबलू, उसके भाई विजय सिंह व अन्य साथियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी. इसके बाद पुलिस ने तत्काल इन लोगों को पूछताछ के लिए उठा लिया. घंटों की पूछताछ के बाद भी अपहरण की घटना से जुड़े कोई सुबूत नहीं मिले.

यह भी पढ़ें : जिला पंचायत की बैठक बना सियासी अखाड़ा, देखिए कैसे भीड़ गए सपा-भाजपा के नेता

पुलिस की जांच आगे बढ़ी. अपहरण होने की बजाय साजिश की आशंका बन गई. इसके बाद पुलिस की पड़ताल के बाद पता चला कि दीपक का अपहरण नहीं बल्कि टॉवर के खेल में शामिल बीजेपी नेता गोपाल सिंह बबलू को फ़ंसाने की साजिश थी.

लेकिन दीपक को हिरासत में लिए जाने के बाद इसमें शामिल होने की आशंका पर दीपक के भाई संदीप व उसके साले को भी पूछताछ के लिए थाने पर बैठा लिया गया. इसके अलावा इस घटना में नामजद बीजेपी नेता गोपाल सिंह बबलू, उनके भाई विजय सिंह व अन्य व्यक्ति को पहले से ही पुलिस ने पूछताछ के लिए रोक रखा है.

ऐसे में लग रहा है कि दीपक की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस अभी तक इस मिस्ट्री को पूरी तरह सुलझा नहीं पाई है. इसके बाद एक बार फिर इस घटना को लेकर चर्चा आम है कि क्या पुलिस की प्राथमिक जांच में बबलू सिंह को फंसाने के लिए अपहरण की साजिश रचने का जो खुलासा हुआ, वास्तव में मामला वहीं या पूछताछ में कुछ और बात भी सामने आई है.

इस बात ने पुलिस की विवेचना को शायद नया मोड़ दे दिया हो. यदि चंदौली पुलिस ने 24 घंटे में अपहरण कांड का खुलासा कर लिया था तो फिर 70 घंटे बाद भी इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया.

इस बाबत सीओ सदर अनिल राय ने बताया कि अपहरण कांड का साजिशकर्ता दीपक सिंह पुलिस हिरासत में है. विवेचना चल रही है. जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा. अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.

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