चन्दौली: डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ और रेलवे चाइल्ड लाइन के बीच भूले-भटके बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए एक विशेष गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी में भूले-भटके, घर से भागने वाले बच्चों एवं कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता से अलग हो गए बच्चों के पुनर्वास से संबंधित चर्चा की गई.
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बच्चों के पुनर्वास को लेकर बैठक
वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा के दिशा निर्देश में डीडीयू आरपीएफ और रेलवे चाइल्ड लाइन ने एक नई पहल की ओर कदम बढ़ाने की सोची. इसके अंतर्गत जंक्शन के प्लेटफॉर्मों पर भूले-भटके, घर से भागने वाले बच्चों और कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता से अलग हो गए बच्चों को पुनर्वास करने को लेकर आवश्यक मीटिंग हुई. मीटिंग में चर्चा की गई कि यदि किसी बच्चे के माता-पिता कोरोना होने के कारण जिंदा नहीं हैं तो उन बच्चों का किस तरह से पुनर्वास कराया जाएगा. इस कार्य के लिए कोई भी व्यक्ति रेलवे चाइल्डलाइन का टोल फ्री नंबर 1098 का उपयोग कर सूचना दे सकता है.
ये लोग रहे शामिल
इस संबंध में चाइल्डलाइन के सदस्यों ने अपनी समस्याओं के बारे में बताया कि चंदौली में बच्चों के लिए कोई भी शेल्टर न होने के कारण भूले-भटके बच्चों को उनके माता पिता को सही सलामत सुपुर्द करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. साथ ही उन्होंने रेलवे की तरफ से मास्क और वैक्सीन लगाने का आग्रह किया. जिसके लिए रेलवे सुरक्षा बल ने हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है. बैठक में आरपीएफ निरीक्षक संजीव कुमार, उप निरीक्षक अश्वनी कुमार, मेरी सहेली टीम के महिला आरक्षी सावत्री फोगड़िया, एबी पार्वती और रेलवे चाइल्डलाइन से कोऑर्डिनेटर सुंदर सिंह, सदस्य सीमा यादव, चंदा गुप्ता, चांदनी विश्वकर्मा और ब्रजेश मिश्रा शामिल थे.