चंदौली: नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने और दुष्कर्म करने के दोषी को अदालत ने मंगलवार को 20 साल कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन की ओर से मुकदमे की पैरवी विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह, अवधेश नारायण सिंह और रमाकांत उपाध्याय ने की.
पीड़िता के पिता ने 27 मई 2018 को थाने में इस आशय की लिखित तहरीर दी थी. आरोप था कि 24 मई 2018 को भोर में चार बजे पड़ोस का ही युवक मनोज कुमार बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया. काफी खोजनीन करने के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला. करीब 12 दिन बाद बेटी घर लौटी तो बताया कि उक्त युवक शादी का झांसा देकर भगा ले गया था. वह मुगलसराय से मुंबई ले गया. वहां एक कमरे में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया.
इस मामले की सुनवाई स्पेशल जज पॉक्सो कोर्ट में हुई. इस दौरान आरोपी को धारा 3/4 (2) पॉक्सो एक्ट में 20 साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला सुनाया. वहीं, धारा-363 आईपीसी में चार वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना, धारा-366 आईपीसी में पांच साल की सजा और 7 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि पुलिस अभियुक्तों को सजा दिलवाने के उद्देश्य से ऑपरेशन कन्विक्शन चला रही है. इसके तहत अदालत में प्रभावी पैरवी की जा रही, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके. इसके परिणामस्वरूप दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा हुई.
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