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होम क्रेडिट के नाम पर फ्रॉड करने वाले 4 आरोपी गिरफ्तार, आप भी रहें सावधान!

चंदौली में होम क्रेडिट के नाम पर फ्रॉड करने वाले 4 आरोपीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी उपभोक्ताओं का डेटा चोरी कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे.

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होम क्रेडिट के नाम पर फ्रॉड
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 10:51 PM IST

चंदौली: आपने अगर होम क्रेडिट फाइनेंस की मदद से कभी मोबाइल और अन्य सामान खरीदें हों और उसका ईएमआई चुकाकर आप बेफिक्र हो गए है, तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि साइबर ठग आपके पिछले डाटा पर फिर से लोन ले सकते है. जिसकी भरपाई फिर से आपको करनी पड़ सकती है. जी हां सुनने में भले ही अटपटा लग रहा है, लेकिन यह सच है. चन्दौली में साइबर ठगों ने 14 ऐसे होम क्रेडिट वालों को अपना निशाना बनाया है. जिन्होंने पहली बार मोबाइल और अन्य कुछ जरूरी सामान खरीदने के लिए लोन लिया था. उनका लोन चुकता होने के बाद साइबर ठगों ने उनके नाम पर लाखों का पैसा उड़ा दिया.

पुराने उपभोक्ता का डाटा लीक करते है फ्रॉड: चंदौली पुलिस की साइबर टीम ने अंतर्जनपदीय साइबर ठग गैंग का खुलासा करते हुए 4 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. यह सभी अपराधी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से होम क्रेडिट फाइनेंस कंपनी से जुड़े थे. पुलिस ने इनके पास से 55 हजार नगदी समेत लाखों रुपये मूल्य की कीमत के मोबाइल बरामद किये है. इस गैंग की मोड ऑफ ऑपरेंडी कुछ इस तरह की है कि लोगों को उनपर शक भी नही होता. दरअसल, इस गैंग में फाइनेंस कंपनी का एक बंदा शामिल है. जो ग्राहकों का डेटा चोरी कर ठगी को अंजाम देता था.

इसे भी पढ़े-150 करोड़ से बदलेगी की बनारस में बिजली व्यवस्था, विभाग ने शुरू की नई तैयारी

अच्छी सिविल वाले लोगों को बनाते थे निशाना: आरोपी इसके लिए उसने सबसे पहले उन ग्राहकों को अपना निशाना बनाते थे, जिनकी सिविल अच्छी हो. ताकि लोन आसानी से हो सके. इन ग्राहकों का डेटा चोरी कर फर्जी नम्बर पर ओटीपी लेकर सामान के एवज में लोन लिया जाता था. बाद में उसे खरीदे गए सामान के बदले खाते से पैसा निकाल लिया जाता था.

फाइनेंस कंपनी में काम करता था मास्टरमाइंड: पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी जितेंद होम क्रेडिट में काम करता था. जिसे कम्पनी ने निकाल दिया गया. लेकिन इसे कम्पनी का यूजर आईडी और पासवर्ड पता था. अब उस यूजर आईडी की मदद से उसने लोन लिए एक दर्जन से अधिक लोंगो के डाटा को निकाल कर पहले आईडी पर फोटो बदला. इसके बाद फर्जी नम्बर लेकर यूजर के डाटा पर पुनः लोन कराया और खाते से पैसा निकाल लिया.

मोबाइल दुकानदार भी गैंग में शामिल: उन्होंने बताया कि इस गिरोह में तीन अन्य मोबाइल के दुकानदार भी शामिल है. जो आर्थिक लाभ के लिए जुड़े थे. शिकायत के बाद पुलिस की साइबर सेल टीम ने मुगलसराय पुलिस के साथ मिलकर 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 55 हजार नगदी और दो एंड्रॉयड फोन बरामद किए गए. इन लोगों ने दर्जन से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया है.

यह भी पढ़े-मंत्री का OSD और DGP का पीए बनकर लोगों को ठगने वाला किन्नर गिरफ्तार

चंदौली: आपने अगर होम क्रेडिट फाइनेंस की मदद से कभी मोबाइल और अन्य सामान खरीदें हों और उसका ईएमआई चुकाकर आप बेफिक्र हो गए है, तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि साइबर ठग आपके पिछले डाटा पर फिर से लोन ले सकते है. जिसकी भरपाई फिर से आपको करनी पड़ सकती है. जी हां सुनने में भले ही अटपटा लग रहा है, लेकिन यह सच है. चन्दौली में साइबर ठगों ने 14 ऐसे होम क्रेडिट वालों को अपना निशाना बनाया है. जिन्होंने पहली बार मोबाइल और अन्य कुछ जरूरी सामान खरीदने के लिए लोन लिया था. उनका लोन चुकता होने के बाद साइबर ठगों ने उनके नाम पर लाखों का पैसा उड़ा दिया.

पुराने उपभोक्ता का डाटा लीक करते है फ्रॉड: चंदौली पुलिस की साइबर टीम ने अंतर्जनपदीय साइबर ठग गैंग का खुलासा करते हुए 4 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. यह सभी अपराधी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से होम क्रेडिट फाइनेंस कंपनी से जुड़े थे. पुलिस ने इनके पास से 55 हजार नगदी समेत लाखों रुपये मूल्य की कीमत के मोबाइल बरामद किये है. इस गैंग की मोड ऑफ ऑपरेंडी कुछ इस तरह की है कि लोगों को उनपर शक भी नही होता. दरअसल, इस गैंग में फाइनेंस कंपनी का एक बंदा शामिल है. जो ग्राहकों का डेटा चोरी कर ठगी को अंजाम देता था.

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अच्छी सिविल वाले लोगों को बनाते थे निशाना: आरोपी इसके लिए उसने सबसे पहले उन ग्राहकों को अपना निशाना बनाते थे, जिनकी सिविल अच्छी हो. ताकि लोन आसानी से हो सके. इन ग्राहकों का डेटा चोरी कर फर्जी नम्बर पर ओटीपी लेकर सामान के एवज में लोन लिया जाता था. बाद में उसे खरीदे गए सामान के बदले खाते से पैसा निकाल लिया जाता था.

फाइनेंस कंपनी में काम करता था मास्टरमाइंड: पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी जितेंद होम क्रेडिट में काम करता था. जिसे कम्पनी ने निकाल दिया गया. लेकिन इसे कम्पनी का यूजर आईडी और पासवर्ड पता था. अब उस यूजर आईडी की मदद से उसने लोन लिए एक दर्जन से अधिक लोंगो के डाटा को निकाल कर पहले आईडी पर फोटो बदला. इसके बाद फर्जी नम्बर लेकर यूजर के डाटा पर पुनः लोन कराया और खाते से पैसा निकाल लिया.

मोबाइल दुकानदार भी गैंग में शामिल: उन्होंने बताया कि इस गिरोह में तीन अन्य मोबाइल के दुकानदार भी शामिल है. जो आर्थिक लाभ के लिए जुड़े थे. शिकायत के बाद पुलिस की साइबर सेल टीम ने मुगलसराय पुलिस के साथ मिलकर 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 55 हजार नगदी और दो एंड्रॉयड फोन बरामद किए गए. इन लोगों ने दर्जन से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया है.

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