चंदौली: कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों को गति देने के लिए आपात स्थिति के लिए भारतीय रेलवे द्वारा सवारी कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है. इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल को 268 सवारी कोचों को आइसोलेशन कोच में बदलने की जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें से अबतक 166 कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित किया जा चुका है.
पूर्व मध्य रेल के विभिन्न मंडलों को सवारी कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित करने हेतु दिए गए लक्ष्य तथा अब तक तैयार किए गए आइसोलेशन कोचों की रेल मंडलवार स्थिति इस प्रकार है.
- दानापुर मंडल द्वारा दिए गए लक्ष्य 55 कोच में से 38 कोच.
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल द्वारा 38 में से 16 कोच.
- धनबाद मंडल द्वारा 40 में से 24 कोच.
- समस्तीपुर मंडल द्वारा 55 में से 40 कोच.
- सोनपुर मंडल द्वारा 40 में से 28 कोच.
- कैरेज रिपेयर वर्कशॉप हरनौत द्वारा 40 में से 20 कोच.
इन आइसोलेशन कोचों में पूर्व में जारी किए गए चिकित्सा परामर्श के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. साथ ही जरूरतों एवं नियमों के तहत सर्वश्रेष्ठ विश्राम और चिकित्सा निगरानी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. रेलवे के इन प्रयासों से न केवल कोरोना वायरस से लड़ाई में मजबूती आएगी बल्कि वायरस से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों को भी बल मिलेगा.
एक कोच में 8 वार्ड बनाए जाएंगे
ट्रेन के एक कोच में 8 वार्ड बनाए जाएंगे, जिसमें मरीजों की जरूरत के हिसाब से कोचों में शौचालय की जगह स्नानागार बनाया जाएगा. जिसमें मिडिल बेड को हटा दिया जाएगा. वाश बेसिन में लिफ्ट प्रकार के हैंडल के साथ नल को लगाया जाएगा. साथ ही सभी कोचों में ऑक्सीजन सिलेंडर रखे जाएंगे.