चन्दौली: आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मुगलसराय कोतवाली की अवैध वसूली की जानकारी द्वीट के माध्यम से दी. उन्होंने वसूली की पूरी सूची सोशल मीडिया में शेयर की थी. इसके बाद चन्दौली पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. मामले को तूल पकड़ता देख एसपी ने एएसपी प्रेमचंद को जांच सौंपी थी. ईटीवी भारत से बातचीत में एएसपी प्रेमचंद ने बताया कि मामले की प्राथमिक जांच में विभागीय पुरानी रंजिश का मामला सामने आ रहा है.
गौरतलब है कि चन्दौली कोतवाल शिवानंद मिश्रा 2015 में जब वाराणसी के सिगरा थाने के थानाध्यक्ष थे, उस समय सौमित्र मुखर्जी उनका अधीनस्थ था. इस सूची को तभी की दुश्मनी और हाल ही में मुगलसराय में एक महिला के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराने के मामले के चलते तैयार किया जाना बताया जा रहा है. फिलहाल मामले में जांच चल रही है. वहीं इस पूरे मामले में मुगलसराय कोतवाल शिवानंद मिश्रा ने सभी आरोप सिरे से खारिज करते हुए इसे छवि खराब करने का प्रयास बताया है.
हो रही मामले की जांच
ईटीवी भारत से बात करते हुए जांच अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या वायरल लिस्ट सत्यता के करीब नहीं नजर आ रही है. फिर भी मामला गंभीर है और जांच जारी है. अब तक ज्यादातर लोगों ने पूछताछ में पैसे देने की बात को सिरे से खारिज किया है. जांच के बाद रिपोर्ट कप्तान को सौंपी जाएगी. जिसके बाद आगे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
लिस्ट के वायरल होने के पीछे रेखा सिंह की भूमिका
इस लिस्ट के वायरल होने के पीछे रेखा सिंह नाम की महिला की भूमिका सामने आई है. वहीं इस सूची को चन्दौली कोतवाल शिवानंद मिश्रा के पूर्व अधीनस्ठ सौमित्र मुखर्जी ने तैयार किया है. बता दें कि सौमित्र मुखर्जी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2015 में थाना सिगरा वाराणसी स्थित एक व्यक्ति की जमीन पर दूसरे को कब्जा करा दिया था. उस समय वहां के थानाध्यक्ष शिवानंद मिश्र थे. जो वर्तमान में प्रभारी निरीक्षक चन्दौली हैं.
आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अवैध वसूली की सूची की थी ट्वीट
गौरतलब है कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस की अवैध वसूली की एक सूची ट्वीट की थी. इस लिस्ट में 35.64 लाख रुपये से ज्यादा की वसूली का जिक्र किया है. उन्होंने इसे लेकर जांच की मांग की थी. इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. इसके बाद एसपी चंदौली ने जांच का आदेश देते हुए एएसपी प्रेमचंद को मामले की जांच सौंपी थी.