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कोयला व्यापारी की करतूत का खामियाजा भुगत रहा बेगुनाह, पुलिस से की इच्छामृत्यु की मांग

यूपी के चन्दौली में कोल व्यवसायी के फ्रॉड करने का मामला सामने आया है, जहां व्यवसायी ने नौकर के नाम फर्म बनाकर करोड़ों का GST घोटाला किया है. जिसके बाद पीड़ित ने एसपी ऑफिस जाकर इच्छामृत्यु की मांग की है.

पीड़ित विनोद
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Published : Oct 13, 2019, 12:08 AM IST

Updated : Oct 13, 2019, 1:44 AM IST

चंदौली: एशिया की सबसे बड़ी कोयले की मंडी कही जाने वाली चंधासी कोल मंडी एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार इसकी वजह बनी है जीएसटी की चोरी, जहां कोल मंडी के एक बड़े व्यवसायी विशाल जगोटा पर आरोप है कि उसने अपने ही मुंशी के नाम पर धोखे से फर्म बनाकर एक करोड़ 40 लाख रुपये के राजस्व की चोरी कर ली. मामले में पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुगलसराय कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. वहीं हद तो तब हो गई जब बिना कोई गलती किए जीएसटी नहीं भरने के आरोप में खुद पीड़ित शख्स विनोद को जेल भी जाना पड़ा था और तो और जब पीड़ित ने इसको लेकर एसपी से शिकायत की तो उसे असल आरोपी द्वारा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी जा रही है.

व्यवसायी ने नौकर के नाम फर्म बनाकर किया करोड़ों का GST घोटाला.

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, साल 2012 में चंधासी कोल मंडी के व्यापारी विशाल जगोटा के यहां युवक विनोद ने बतौर मुंशी नौकरी शुरू की थी. इस दौरान उससे प्रमाण के नाम पर दस्तावेज ले लिए गए थे. पीड़ित का आरोप है कि प्रमाण के नाम पर लिए गए दस्तावेजों की मदद से व्यापारी ने उसके नाम पर धोखे से कोयले की फर्म का रजिस्ट्रेशन करा लिया और व्यापार शुरू कर दिया, जिसके बाद साल 2017 में चोरी का आरोप लगाते हुए मुंशी विनोद को काम से हटा दिया गया. इसके ठीक एक साल बाद 2018 में विनोद को उसके नाम पर राजस्व विभाग की ओर से नोटिस मिला, जिसमें एक करोड़ 12 लाख रुपये की जीएसटी बकाया का जिक्र था. वहीं हकबकाए विनोद ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि उसके नाम पर धोखे से एक फर्म रजिस्टर्ड कराई गई है, जिसके बकाया कर को लेकर उसे राजस्व विभाग ने नोटिस जारी की है.

पीड़ित ने की थी उच्चाधिकारियों से शिकायत
पीड़ित विनोद ने खुद के साथ हुई इस आपबीती से जिले के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत भी कराया लेकिन कोई सुनवाई तो दूर की बात नतीजा सिफर रहा. वहीं कोई पैरवी न होने के चलते पीड़ित विनोद को 26 मार्च 2018 को राजस्व के बकाया के आरोप में 14 दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा. इस पूरे वाकये ने पीड़ित युवक विनोद को इस कदर तोड़कर रख दिया कि उसने एसपी हेमंत कुटियाल से मिलकर आपबीती जाहिर करते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की. जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी चंदौली ने प्रकरण की जांच सीओ सिटी को सौंपी है और विनोद को न्याय का आश्वासन दिया है.

वहीं बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनोद चौहान के परिवार में घटना के बाद से ही खलबली मची हुई है, और अब पीड़ित विनोद और उसके परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. पीड़ित के पिता उमा चौहान ब्लड प्रेशर और सांस के रोगी हैं. किसी तरह परिवार का गुजारा चल रहा है. उनका कहना है कि हम इतनी बड़ी रकम कहां से जमा कर पाएंगे. यही नहीं अब उन्हें एक और भी डर सता रहा है की इस दबाव के बीच या तो उनका बेटा आत्महत्या कर लेगा या फिर उसकी हत्या हो जाएगी.

वहीं सीओ सिटी त्रिपुरारी पांडेय ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिनों पूर्व युवक ने पुलिस अधीक्षक के यहां जाकर व्यापारी पर फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की थी. जिसके बाद एसपी चंदौली ने इस पूरे मामले की जांच उन्हें सौंपी थी. इस प्रकरण में प्रारंभिक जांच के बाद युवक की तहरीर पर व्यापारी विशाल जगोटा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है, जिसकी विवेचना की जा रही है.

चंदौली: एशिया की सबसे बड़ी कोयले की मंडी कही जाने वाली चंधासी कोल मंडी एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार इसकी वजह बनी है जीएसटी की चोरी, जहां कोल मंडी के एक बड़े व्यवसायी विशाल जगोटा पर आरोप है कि उसने अपने ही मुंशी के नाम पर धोखे से फर्म बनाकर एक करोड़ 40 लाख रुपये के राजस्व की चोरी कर ली. मामले में पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने मुगलसराय कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. वहीं हद तो तब हो गई जब बिना कोई गलती किए जीएसटी नहीं भरने के आरोप में खुद पीड़ित शख्स विनोद को जेल भी जाना पड़ा था और तो और जब पीड़ित ने इसको लेकर एसपी से शिकायत की तो उसे असल आरोपी द्वारा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी जा रही है.

व्यवसायी ने नौकर के नाम फर्म बनाकर किया करोड़ों का GST घोटाला.

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, साल 2012 में चंधासी कोल मंडी के व्यापारी विशाल जगोटा के यहां युवक विनोद ने बतौर मुंशी नौकरी शुरू की थी. इस दौरान उससे प्रमाण के नाम पर दस्तावेज ले लिए गए थे. पीड़ित का आरोप है कि प्रमाण के नाम पर लिए गए दस्तावेजों की मदद से व्यापारी ने उसके नाम पर धोखे से कोयले की फर्म का रजिस्ट्रेशन करा लिया और व्यापार शुरू कर दिया, जिसके बाद साल 2017 में चोरी का आरोप लगाते हुए मुंशी विनोद को काम से हटा दिया गया. इसके ठीक एक साल बाद 2018 में विनोद को उसके नाम पर राजस्व विभाग की ओर से नोटिस मिला, जिसमें एक करोड़ 12 लाख रुपये की जीएसटी बकाया का जिक्र था. वहीं हकबकाए विनोद ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि उसके नाम पर धोखे से एक फर्म रजिस्टर्ड कराई गई है, जिसके बकाया कर को लेकर उसे राजस्व विभाग ने नोटिस जारी की है.

पीड़ित ने की थी उच्चाधिकारियों से शिकायत
पीड़ित विनोद ने खुद के साथ हुई इस आपबीती से जिले के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत भी कराया लेकिन कोई सुनवाई तो दूर की बात नतीजा सिफर रहा. वहीं कोई पैरवी न होने के चलते पीड़ित विनोद को 26 मार्च 2018 को राजस्व के बकाया के आरोप में 14 दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा. इस पूरे वाकये ने पीड़ित युवक विनोद को इस कदर तोड़कर रख दिया कि उसने एसपी हेमंत कुटियाल से मिलकर आपबीती जाहिर करते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की. जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी चंदौली ने प्रकरण की जांच सीओ सिटी को सौंपी है और विनोद को न्याय का आश्वासन दिया है.

वहीं बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनोद चौहान के परिवार में घटना के बाद से ही खलबली मची हुई है, और अब पीड़ित विनोद और उसके परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. पीड़ित के पिता उमा चौहान ब्लड प्रेशर और सांस के रोगी हैं. किसी तरह परिवार का गुजारा चल रहा है. उनका कहना है कि हम इतनी बड़ी रकम कहां से जमा कर पाएंगे. यही नहीं अब उन्हें एक और भी डर सता रहा है की इस दबाव के बीच या तो उनका बेटा आत्महत्या कर लेगा या फिर उसकी हत्या हो जाएगी.

वहीं सीओ सिटी त्रिपुरारी पांडेय ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिनों पूर्व युवक ने पुलिस अधीक्षक के यहां जाकर व्यापारी पर फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की थी. जिसके बाद एसपी चंदौली ने इस पूरे मामले की जांच उन्हें सौंपी थी. इस प्रकरण में प्रारंभिक जांच के बाद युवक की तहरीर पर व्यापारी विशाल जगोटा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है, जिसकी विवेचना की जा रही है.

Intro:चंदौली - एशिया की सबसे बड़ी कोल मंडी चंदासी कोल मंडी एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार उसकी वजह बनी है जीएसटी की चोरी. जी हां कोल मंडी के एक बड़े व्यवसायी पर आरोप है कि उसने अपने ही मुंशी के नाम पर फर्म बनाकर एक करोड़ 40 लाख रुपए के राजस्व डकार लिए. व्यवसाई के यहां मुंशी का काम कर चुके युवक की तहरीर पर पुलिस ने मुगलसराय कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. जीएसटी नहीं भरने के चलते युवक विनोद को जेल भी जाना पड़ा था. यहीं नहीं एसपी चंदौली से शिकायत के बाद अब उसे अंजाम भुगतने की धमकी मिल रही है.




Body:वीओ 1 - दरअसल 2012 में चंदासी गोल मंडी के व्यापारी विशाल जगोटा के यहां बतौर मुंशी विनोद ने काम शुरू किया था. इस दौरान उससे पहचान पत्र के नाम पर उससे डॉक्यूमेंट ले लिए गए. पीड़ित का आरोप है कि डॉक्यूमेंट की मदद से व्यापारी ने उसके नाम पर धोखे से कोयले की एक फर्म का रजिस्ट्रेशन करा लिया और व्यापार करने लगा. जिसके बाद वर्ष 2017 में चोरी का आरोप लगाकर उसे काम से हटा दिया गया. हटाए जाने के एक साल बाद 2018 में उसे राजस्व विभाग की ओर से एक करोड़ 12 लाख रुपए की जीएसटी बताया संबंधी नोटिस मिली. युवक ने पड़ताल की तो जानकारी हुई कि धोखे से उसके नाम पर एक फर्जी फर्म बना दी गई. विनोद ने इस घटना से जिले के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत भी कराया. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बीच 26 मार्च 2018 को जीएसटी का राजस्व जमा न करने के आरोप में राजस्व विभाग की टीम ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया. इसके बाद बीते दिनों यह युवक पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल से मिलकर पूरे प्रकरण को बताते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी चंदौली ने इस मामले की जांच सीओ सिटी को सौंप दी है.

विनोद चौहान (पीड़ित)

वीओ 2 - वही बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनोद चौहान के परिवार में घटना के बाद से ही खलबली मची हुई है, और अब पीड़ित विनोद और उसके परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. पीड़ित के पिता उमा चौहान ब्लड प्रेशर और सांस के रोगी हैं. किसी तरह परिवार का गुजारा चल रहा है. उनका कहना है कि हम इतनी बड़ी रकम कहां से जमा कर पाएंगे. यही नहीं अब उन्हें एक और भी डर सता रहा है की इस दबाव के बीच या तो उनका बेटा आत्महत्या कर लेगा या फिर उसकी हत्या हो जाएगी.

बाइट - उमा चौहान (पीड़ित के पिता)

वीओ - वहीं सीओ सदर त्रिपुरारी पांडे ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व युवक ने पुलिस अधीक्षक के यहां जाकर व्यापारी पर फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की थी. जिसके बाद एसपी चंदौली ने इस पूरे मामले की जांच उन्हें सौंपी थी. इस प्रकरण में प्रारंभिक जांच के बाद युवक की तहरीर पर व्यापारी विशाल जगोटा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. जिसकी विवेचना की जा रही है. पुलिस को प्रारंभिक जांच में जो तथ्य मिले हैं. उसके अनुसार मालिकान द्वारा कर्मचारियों के नाम फर्जी फर्म बनाकर करोड़ो का कारोबार किया जाता रहा होगा. मुंशी के नाम फर्म बनाकर एक करोड़ से अधिक का राजस्व चोरी करने के मामले के सामने आने के बाद अप पुलिस की निगाहें मंडी पर लग गई हैं. इस तरह की भी आशंका जताई जा रही है की पुलिस की पड़ताल में ऐसे ही अन्य मामले भी सामने आ सकते हैं.

बाइट - त्रिपुरारी पांडेय (सीओ सदर)

वीओ 4 - वहीं इस पूरे प्रकरण में ईटीवी भारत ने आरोपी विशाल जगोटा से जब बात करने का प्रयास किया गया तो उनके फर्म पर कोई नहीं मिला. यहीं नहीं जब उन्हें फ़ोन पर संपर्क साधने का प्रयास किया गया. तो वो भी बंद मिला. हालांकि ईटीवी भारत उनका पक्ष भी जरूर जानने का प्रयास करेगा.

वॉक थ्रू..

एफवीओ - ग़ौरतलब है कि चंदासी कोल मंडी में लगभग 4 हजार फर्म है. जो कोयले का व्यापार करते हैं , और एक अनुमान के मुताबिक मंडी में सालाना 200 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है. ऐसे में टैक्स बचाने के लिए व्यापारी की ओर से तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं. मुंशी के नाम फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी का मामला सामने आने के बाद ये कोयला मंडी पुलिस के साथ ही जीएसटी विभाग के भी रडार पर आ गई है.







Conclusion:कमलेश गिरी
चंदौली
9452845730


note - इससे संबंधित एक फ़ाइल विसुअल इसी slug से wrap के द्वारा भेजी गई है.
Last Updated : Oct 13, 2019, 1:44 AM IST
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