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मासूम के लिए देवदूत बने एसपी, जाने क्या है पूरा मामला

चंदौली में खाकी का मानवीय रूप सामने आया, जिसने एक बच्चे की जान बचा ली. जी हां...एसपी चंदौली ने एक बच्चे के लिए देवदूत बन गए. उन्होंने बच्चे को समय से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराकर उसकी जान बचाई. परिजनों ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद कहा.

चंदौली एसपी ने बचाई बच्चे की जान.
चंदौली एसपी ने बचाई बच्चे की जान.
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Published : Oct 19, 2021, 9:54 AM IST

चंदौली: खाकी का नाम सामने आते ही लोगों में क्रूर व्यक्तित्व चेहरा सामने आता है, लेकिन अपराधियों से मोर्चा लेते लेते कठोर हो चुके खाकी के शहजादों के अंदर भी नरम दिल है. कुछ ऐसी ही तश्वीर चंदौली में देखने को मिली. एसपी चंदौली अमित कुमार एक मासूम के लिए फरिश्ता बन गए. एक मासूम की जान सांसत में थी और उसको तत्काल इलाज की जरूरत थी. पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने न सिर्फ मासूम को समय से अस्पताल पहुंचाया, बल्कि समय से इलाज भी उपलब्ध कराया. फिलहाल, बच्चे का इलाज जारी है और खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

सोमवार दोपहर एक मासूम घर के पास खेलते समय तालाब में गिर कर बेहोश हो गया था. उसे आनन-फानन में परिजन इलाज के लिए लेकर जा रहे थे, लेकिन इस बीच अलीनगर थाना क्षेत्र के मटकुट्टा गांव के पास डीडीयू-गया रेल रूट पर रेलवे क्रॉसिंग के पास मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी और आवागमन ठप था. इससे अलीनगर सकलडीहा मार्ग पर आवनगमन बंद हो गया. इसी दौरान धर्मेन्द्र राजभर अपने बच्चे को लेकर परिजनों संग बदहवास अवस्था में पैदल रेलवे ट्रैक पार कर रहा था कि तभी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार की नजर पड़ी और उन्होंने पूछा कि आप लोग रो क्यों रहे हैं, बच्चे को क्या हुआ.

इस पर एक महिला ने बताया कि बच्चा खेलते समय तालाब में गिर गया था और बेहोश हो गया है. इलाज के लिए जा रहे हैं. रेलवे फाटक पर मालगाड़ी के बेपटरी होने के कारण दोनों तरफ वाहनों का रेला लगा हुआ था और सड़क पर जाने के लिए जगह नहीं थी. इसके बाद बच्चे की बिगड़ती हालत को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने अपने स्कॉर्ट से तत्काल बच्चे और उसके परिजनों को पुलिस कर्मियों के साथ तत्काल मुगलसराय इलाज के लिए भेजा, लेकिन विभागीय लापरवाही यहां भी भारी दिखी.

राजकीय महिला चिकित्सालय में बच्चों के डॉक्टर न होने पर तत्काल उसको अलीनगर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक अमित कुमार भी अस्पताल पहुंचे और बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर से उसके बारे में जानकारी ली. इस दौरान सूचना पाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट राम्या आर भी पहुंचीं और पूरे मामले की जानकारी ली.

पुलिस अधीक्षक ने परिजनों को ढांढस बंधाया और कहा कि बच्चे का पूरा इलाज होगा और उनको हर संभव मदद दी जाएगी. मुगलसराय के निजी हॉस्पिटल में इलाज कराने के बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां मासूम का इलाज चल रहा है और बच्चा खतरे से बाहर है.

यह भी पढ़ें: प्रियंका का लखनऊ दौरा, इस सप्ताह जारी हो सकती है कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि हम लोग रेलवे क्रॉसिंग पर खड़े थे. कुछ लोग एक बच्चे को लेकर बदहवास अवस्था में घूम रहे थे. तत्काल उन्होंने पुलिस की गाड़ी से बच्चे और उसके परिजनों को अस्पताल भेजा गया. जहां समय से इलाज मिलने से बच्चे की जान बच गई.

चंदौली: खाकी का नाम सामने आते ही लोगों में क्रूर व्यक्तित्व चेहरा सामने आता है, लेकिन अपराधियों से मोर्चा लेते लेते कठोर हो चुके खाकी के शहजादों के अंदर भी नरम दिल है. कुछ ऐसी ही तश्वीर चंदौली में देखने को मिली. एसपी चंदौली अमित कुमार एक मासूम के लिए फरिश्ता बन गए. एक मासूम की जान सांसत में थी और उसको तत्काल इलाज की जरूरत थी. पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने न सिर्फ मासूम को समय से अस्पताल पहुंचाया, बल्कि समय से इलाज भी उपलब्ध कराया. फिलहाल, बच्चे का इलाज जारी है और खतरे से बाहर बताया जा रहा है.

सोमवार दोपहर एक मासूम घर के पास खेलते समय तालाब में गिर कर बेहोश हो गया था. उसे आनन-फानन में परिजन इलाज के लिए लेकर जा रहे थे, लेकिन इस बीच अलीनगर थाना क्षेत्र के मटकुट्टा गांव के पास डीडीयू-गया रेल रूट पर रेलवे क्रॉसिंग के पास मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी और आवागमन ठप था. इससे अलीनगर सकलडीहा मार्ग पर आवनगमन बंद हो गया. इसी दौरान धर्मेन्द्र राजभर अपने बच्चे को लेकर परिजनों संग बदहवास अवस्था में पैदल रेलवे ट्रैक पार कर रहा था कि तभी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार की नजर पड़ी और उन्होंने पूछा कि आप लोग रो क्यों रहे हैं, बच्चे को क्या हुआ.

इस पर एक महिला ने बताया कि बच्चा खेलते समय तालाब में गिर गया था और बेहोश हो गया है. इलाज के लिए जा रहे हैं. रेलवे फाटक पर मालगाड़ी के बेपटरी होने के कारण दोनों तरफ वाहनों का रेला लगा हुआ था और सड़क पर जाने के लिए जगह नहीं थी. इसके बाद बच्चे की बिगड़ती हालत को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने अपने स्कॉर्ट से तत्काल बच्चे और उसके परिजनों को पुलिस कर्मियों के साथ तत्काल मुगलसराय इलाज के लिए भेजा, लेकिन विभागीय लापरवाही यहां भी भारी दिखी.

राजकीय महिला चिकित्सालय में बच्चों के डॉक्टर न होने पर तत्काल उसको अलीनगर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक अमित कुमार भी अस्पताल पहुंचे और बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर से उसके बारे में जानकारी ली. इस दौरान सूचना पाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट राम्या आर भी पहुंचीं और पूरे मामले की जानकारी ली.

पुलिस अधीक्षक ने परिजनों को ढांढस बंधाया और कहा कि बच्चे का पूरा इलाज होगा और उनको हर संभव मदद दी जाएगी. मुगलसराय के निजी हॉस्पिटल में इलाज कराने के बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां मासूम का इलाज चल रहा है और बच्चा खतरे से बाहर है.

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इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि हम लोग रेलवे क्रॉसिंग पर खड़े थे. कुछ लोग एक बच्चे को लेकर बदहवास अवस्था में घूम रहे थे. तत्काल उन्होंने पुलिस की गाड़ी से बच्चे और उसके परिजनों को अस्पताल भेजा गया. जहां समय से इलाज मिलने से बच्चे की जान बच गई.

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