चंदौली: जिला अस्पताल के बगल से गुजरी नहर का पानी अस्पताल परिसर के भीतर घुस गया है. इससे पूरा अस्पताल परिसर डूब गया है. शनिवार को दूरदराज से इलाज के लिए आए मरीज पानी में घुसकर अस्पताल पहुंचे. इस दौरान मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि सीएमएस उर्मिला सिंह ने जल्द ही समस्या को ठीक करने का दावा किया है.
बता दें कि किसानों की मांग पर गेहूं सिंचाई के लिए मुख्य गंगा नहर से सम्बद्ध माइनर नहर में पानी छोड़ा गया है. इसके चलते नहर का पानी बगल में बने पंडित कमलापति त्रिपाठी अस्पताल में घुस गया. जिससे पूरा अस्पताल परिसर तालाब में तब्दील हो गया है. इससे आने वाले मरीजों के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही आवासीय परिसर में भी पानी घुस गया है. सीएमओ आवास व कार्यालय जिला जज आवास, एमसीएच विंग से लेकर कोविड जांच सेंटर ब्लड बैंक तक पानी भरा हुआ है.
अस्पताल परिसर में पानी जमा होने के कारण मरीजों और तीमारदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. यही नहीं इमरजेंसी वार्ड के ठीक सामने पानी लगने के कारण आने-जाने वाले मरीजों को और एंबुलेंस को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. कोविड जांच के लिए आ रहे लोगों को घुटने भर पानी में होकर गुजरना पड़ रहा है. जिससे मरीजों की बीमारी दूर होने की बजाय संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. हालांकि यह समस्या काफी पुरानी है. बीते कई सालों से इसी तरह अस्पताल में नहर का पानी भर जाता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जिम्मेदार अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
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मामले में सीएमएस उर्मिला सिंह ने बताया कि सुबह से ही यह विकट समस्या बनी हुई है. हालांकि इस दौरान सभी सेवायें चालू हैं. जलनिकासी के लिए स्वास्थ्य विभाग के स्वीपर को लगाया गया है. साथ ही इसके लिए नगर पालिका के चेयरमैन से भी बात की गई है. सीएमएस ने बताया कि जिलाधिकारी को भी मामले से अवगत करा दिया गया है.
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