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चंदौली: प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला, 61 अपात्र हुए लाभान्वित - चंदौली खबर

उत्तर प्रदेश के चंदौली में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है. इस योजना का लाभ पात्रों की बजाय अपात्रों को मिलता दिख रहा है. इसका खुलासा जिला स्तरीय समिति जांच में सामने आया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला.
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Published : Nov 7, 2019, 8:46 PM IST

चंदौली: जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है. जहां विभागीय मिलीभगत से अपात्रों का चयन कर मिलने वाली धनराशि का बंदरबाट किया जा रहा है. इसका खुलासा जिला स्तरीय समिति की जांच में हुआ है, जिसमें अब तक 61 अपात्र लाभार्थी मिले हैं. इन अपात्रों से पैसे की वसूली के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला.

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला

  • प्रधानमंत्री आवास योजना में जिले में गरीबों का आशियाना बनाने का सपना लूट और भ्रष्टचार की भेंट चढ़ गया.
  • इससे इसका लाभ पात्रों की बजाय अपात्रों को मिल रहा है.
  • अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कमाई का जरिया बन चुके इस योजना में दलालो की चांदी है.
  • इसका खुलासा खुद परियोजना निदेशक की जांच में हुआ, अब तक कुल 61 लोग अपात्र पाए गए हैं.
  • इसके बाद सीडीओ चन्दौली ने इन सभी से रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी है.
  • अब तक 27 लाख 60 हजार रुपये स्टेट हेड एकाउंट में जमा करा दिए गए हैं.

जबकि 46 लोगों के खिलाफ आरसी जारी की गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में अबतक 2 ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. जबकि 6 ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा एक बीडीओ, एक एडीओ पंचायत, एक एडीओ कोऑपरेटिव, एक जेई और एक अकाउंटेट के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई चल रही है.

इसे भी पढ़ें- चंदौली: छठ पूजा पर रेलवे के दावे फेल, यात्रियों की फजीहत

अधिकारियों की भी मिलीभगत से हुआ घोटाला
जिलास्तरीय जांच में पाया गया है कि सभी अपात्रों के खाते में पहली किस्त भी डाल दी गई थी, लेकिन ग्रामीणों की लगातार मिल शिकायतों के बाद जिलाधिकारी के निदेश पर जब जांच की गई तो प्रधानमंत्री आवास योजना के वितरण में भारी अनियमितता पाई गई. इसमें ब्लाक के कर्मचारियों के साथ-साथ कई अधिकारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है. मामले में ग्रामीणों की शिकायत के बाद खलबली मच गई. परियोजना निदेशक ने गांवों में जाकर सत्यापन किया गया तो आरोप सही पाए गए. विभाग अब मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई में जुटा है.

अब तक 27 लाख 60 हजार रुपये की हुई रिकवरी
अपात्रों की पहचान के बाद जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या इन अपात्रों से पैसे की वसूली की सामने आई. अब तक इन अपात्रों से करीब 27 लाख 60 हजार रुपये की रिकवरी की गई है. जबकि अन्य 40 लोगों को आरसी भिजवाई गई है. साथ ही इस योजना में हुई बंदरबाट में शामिल दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

एक शिकायतकर्ता की मानें तो विभागीय मिलीभगत का आलम ये है कि अपात्रों की शिकायत करने पर मामले की जांच तो की जाती है लेकिन अपात्र पाए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती और अंततः विभागीय मिलीभगत से उन अपात्रों के खाते में पैसे का भुगतान कर दिया जाता है.

बता दें कि पिछले दिनों जिले में अतिवृष्टि के चलते 12 से ज्यादा लोगों के मकान जमींदोज हो गए थे. इसमें 6 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. ये सभी पात्र होते हुए भी प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची से गायब थे.

चंदौली: जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है. जहां विभागीय मिलीभगत से अपात्रों का चयन कर मिलने वाली धनराशि का बंदरबाट किया जा रहा है. इसका खुलासा जिला स्तरीय समिति की जांच में हुआ है, जिसमें अब तक 61 अपात्र लाभार्थी मिले हैं. इन अपात्रों से पैसे की वसूली के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला.

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला

  • प्रधानमंत्री आवास योजना में जिले में गरीबों का आशियाना बनाने का सपना लूट और भ्रष्टचार की भेंट चढ़ गया.
  • इससे इसका लाभ पात्रों की बजाय अपात्रों को मिल रहा है.
  • अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कमाई का जरिया बन चुके इस योजना में दलालो की चांदी है.
  • इसका खुलासा खुद परियोजना निदेशक की जांच में हुआ, अब तक कुल 61 लोग अपात्र पाए गए हैं.
  • इसके बाद सीडीओ चन्दौली ने इन सभी से रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी है.
  • अब तक 27 लाख 60 हजार रुपये स्टेट हेड एकाउंट में जमा करा दिए गए हैं.

जबकि 46 लोगों के खिलाफ आरसी जारी की गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में अबतक 2 ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. जबकि 6 ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा एक बीडीओ, एक एडीओ पंचायत, एक एडीओ कोऑपरेटिव, एक जेई और एक अकाउंटेट के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई चल रही है.

इसे भी पढ़ें- चंदौली: छठ पूजा पर रेलवे के दावे फेल, यात्रियों की फजीहत

अधिकारियों की भी मिलीभगत से हुआ घोटाला
जिलास्तरीय जांच में पाया गया है कि सभी अपात्रों के खाते में पहली किस्त भी डाल दी गई थी, लेकिन ग्रामीणों की लगातार मिल शिकायतों के बाद जिलाधिकारी के निदेश पर जब जांच की गई तो प्रधानमंत्री आवास योजना के वितरण में भारी अनियमितता पाई गई. इसमें ब्लाक के कर्मचारियों के साथ-साथ कई अधिकारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है. मामले में ग्रामीणों की शिकायत के बाद खलबली मच गई. परियोजना निदेशक ने गांवों में जाकर सत्यापन किया गया तो आरोप सही पाए गए. विभाग अब मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई में जुटा है.

अब तक 27 लाख 60 हजार रुपये की हुई रिकवरी
अपात्रों की पहचान के बाद जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या इन अपात्रों से पैसे की वसूली की सामने आई. अब तक इन अपात्रों से करीब 27 लाख 60 हजार रुपये की रिकवरी की गई है. जबकि अन्य 40 लोगों को आरसी भिजवाई गई है. साथ ही इस योजना में हुई बंदरबाट में शामिल दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

एक शिकायतकर्ता की मानें तो विभागीय मिलीभगत का आलम ये है कि अपात्रों की शिकायत करने पर मामले की जांच तो की जाती है लेकिन अपात्र पाए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती और अंततः विभागीय मिलीभगत से उन अपात्रों के खाते में पैसे का भुगतान कर दिया जाता है.

बता दें कि पिछले दिनों जिले में अतिवृष्टि के चलते 12 से ज्यादा लोगों के मकान जमींदोज हो गए थे. इसमें 6 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. ये सभी पात्र होते हुए भी प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची से गायब थे.

Intro:चंदौली - प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है. जहां विभागीय मिलीभगत से अपात्रों का चयन कर मिलने वाली धनराशि का बंदरबाट किया जा रहा है. इसका खुलासा जिला स्तरीय समिति की जांच में हुआ है. जांच में अबतक 61 अपात्र लाभार्थी मिले है. इन अपात्रों से पैसे की वसूली के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

Body:प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक इस आवास योजना में जिले में गरीबों का आशियाना बनाने का सपना लूट और भ्रष्टचार की भेंट चढ़ गया. जिससे इसका लाभ पात्रों की बजाय अपात्रों को मिल रहा है. अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कमाई का जरिया बन चुके इस योजना में दलालो की चांदी है. इसका खुलासा खुद परियोजना निदेशक की जांच में हुआ. अबतक कुल 61 लोग अपात्र पाए गए है. जिसके बाद सीडीओ चन्दौली ने इन सभी से रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी है. अबतक 27 लाख 60 हजार रुपये स्टेट हेड एकाउंट में जमा करा दिए गए है. जबकि 46 लोगों के खिलाफ आरसी जारी की गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में अबतक 2 ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. जबकि 6 ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा एक बीडीओ, एक एडीओ पंचायत, एक एडीओ कोऑपरेटिव, एक जेई और एक अकाउंटेट के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई चल रही है.

जिला स्तरीय जांच में पाया गया है कि सभी अपात्रों के खाते में पहली किस्त भी डाल दी गई थी. लेकिन ग्रामीणों की लगातार मिल शिकायतों के बाद जिलाधिकारी के निदेश पर जब जांच की गई. तो प्रधानमंत्री आवास योजना के वितरण में भारी अनियमितता पाई गई. इसमें ब्लाक के कर्मचारियों के साथ-साथ कई अधिकारियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है.मामले में ग्रामीणों की शिकायत के बाद खलबली मच गई. परियोजना निदेशक ने गांवों में जाकर सत्यापन किया गया. तो आरोप सही पाए गए. विभाग अब मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई में जुटा है.

अपात्रों की पहचान के बाद जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी समस्या इन अपात्रों से पैसे की वसूली की सामने आई. अबतक इन अपात्रों से करीब 27 लाख 60 हजार रुपये की रिकवरी की गई है. जबकि अन्य 40 लोगों को आरसी भिजवाई गई है. साथ ही इस योजना में हुई बंदरबाट में शामिल दोषी अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई भी शुरू कर दी है.

एक शिकायतकर्ता की माने तो विभागीय मिलीभगत का आलम ये है कि अपात्रों की शिकायत करने पर मामले की जांच तो की जाती है. लेकिन अपात्र पाए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती, और अंततः विभागीय मिलीभगत से उन अपात्रों के खाते में पैसे का भुगतान कर दिया जाता है.

ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों चन्दौली में अतिवृष्टि के चलते दर्जनों लोगों के मकान जमींदोज हो गए थे. जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. जबकि दर्जन भर लोग घायल हो गए थे. ये सभी पात्र होते हुए भी प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची से गायब थे.

बाइट - अभय कुमार श्रीवास्तव (सीडीओ)

बाइट - रंगनाथ मौर्य (शिकायतकर्ता)

पीटीसी कमलेश

यह मामला सिर्फ वित्तीय अनियमितता का ही नहीं है. बल्कि ये उन मौतों के भी जिम्मेदार है. जिनकी मृत्यु अतिवृष्टि की वजह से हो गई. अब देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस घोटाले में शामिल दोषीयो के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है.Conclusion:कमलेश गिरी
चंदौली
9452845730

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