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चंदौली: पायलट परियोजना के तौर पर बीट पुलिस प्रणाली की हुई शुरुआत - पायलट परियोजना

अपराध और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के उद्देश्य से बीट पुलिस प्रणाली को पायलट परियोजना के तौर पर लागू किया जा रहा है. इस प्रणाली से पुलिस की स्थिति में भी सुधार होगा.

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बीट पुलिस प्रणाली की हुई शुरुआत
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Published : Feb 1, 2020, 5:58 AM IST

चन्दौली: जिले में बीट पुलिस प्रणाली को पायलट परियोजना के तौर पर लागू किया जा रहा है. इस प्रणाली से कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी और अपराध व अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में सहूलियत होगी. बीट आरक्षी की जिम्मेदारी होगी कि घटनास्थल पर पहुंचकर अपने दायित्वों का निर्वहन करे.

ईटीवी भारत से बातचीत में एसपी चंदौली हेमंत कुटियाल ने बताया कि बीट पुलिसिंग सिस्टम से अपराध व अपराधियों पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही पुलिस की स्थिति में भी सुधार होगा. बीट पुलिसिंग सिस्टम से पुलिस सीधे जनता से जुड़ेगी और आम जन सुरक्षा प्रदान होगी.

एसपी हेमंत कुटियाल से बातचीत करते संवाददाता.


स्मार्ट पुलिसिंग के तौर पर बीट प्रणाली होगी शुरू
शासन की इस पहल के बाद स्मार्ट पुलिसिंग के तौर पर बीट प्रणाली को चंदौली के चकिया कोतवाली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. पुलिस को सिस्टम की बारीकियों का पाठ पढ़ाया गया. इस दौरान बीट बुक, वायरलेस हैंडसेट और असलहा दिया जा रहा है. साथ ही इन्हें एक सीयूजी नंबर भी दिया जाएगा, जिससे आरक्षी बीट अधिकारी के बदले जाने के बाद भी नंबर के जरिए उस क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से जुड़ाव बना रहे.


इस प्रोजेक्ट को अन्य थानों में किया जाएगा लागू
आरक्षी बीट अधिकारी अपराध पर लगाम लगाने के साथ ही यूपी पुलिस से जुड़ी योजनाओं को भी लोगों तक पहुचाने में मदद करेंगे. यूपीकॉप, पिंनप्रिंट सी प्लान एप्प है. इससे जुड़ी जानकारी और उपयोग के बारे में भी समझाना है. इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद जिले के अन्य थानों में भी इसे लागू किया जाएगा.


शिकायतों के निस्तारण की होगी जिम्मेदारी
इस व्यवस्था के पीछे शासन की मंशा किसी भी विवाद की सूचना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचकर निस्तारित कर बड़ी घटना होने से रोकना है. साथ ही निस्तारण की सूचना से उच्चाधिकारियों को अवगत कराना है. महिला हेल्पलाइन 1090, डायल 112 समेत हेल्पलाइन नंबरों पर मिली शिकायतों के निस्तारण की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी.


एसडीएम, सीओ स्टेशन ऑफिसर करेंगे मॉनिटरिंग
समस्या की स्थिति और निस्तारण की रिपोर्ट क्लोजर पर दर्ज कर सूचना से उच्च अधिकारियों को अवगत कराना होगा. इसकी मॉनिटरिंग एसडीएम, सीओ स्टेशन ऑफिसर करेंगे. अपराधियों की धरपकड़ पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से इन्हें पिस्टल दिया गया है. जिससे कहीं व किसी भी स्थिति में पुलिसकर्मियों को चलाने में आसानी होगी.

ये भी पढ़ें- चंदौली: फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने 12 शिक्षकों पर होगी FIR


कितनी कारगार होगी प्रणाली
गौरतलब है कि बीते दिनों सीएए और एनआरसी को लेकर मचा बवाल हिंसा का रूप ले लिया, जिसका अंदाजा न तो पुलिस लगा सकी और न ही लोकल इंटेलिजेंस की टीम. जिसके बाद पुलिस की सूचना तंत्र को मजबूत और कारक बनाने के उद्देश्य से इस प्रणाली की शुरुआत की गई. ऐसे में यह देखना होगा कि पुलिस की यह प्रणाली आगामी दिनों में कितना कारगर होती है.

चन्दौली: जिले में बीट पुलिस प्रणाली को पायलट परियोजना के तौर पर लागू किया जा रहा है. इस प्रणाली से कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी और अपराध व अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में सहूलियत होगी. बीट आरक्षी की जिम्मेदारी होगी कि घटनास्थल पर पहुंचकर अपने दायित्वों का निर्वहन करे.

ईटीवी भारत से बातचीत में एसपी चंदौली हेमंत कुटियाल ने बताया कि बीट पुलिसिंग सिस्टम से अपराध व अपराधियों पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही पुलिस की स्थिति में भी सुधार होगा. बीट पुलिसिंग सिस्टम से पुलिस सीधे जनता से जुड़ेगी और आम जन सुरक्षा प्रदान होगी.

एसपी हेमंत कुटियाल से बातचीत करते संवाददाता.


स्मार्ट पुलिसिंग के तौर पर बीट प्रणाली होगी शुरू
शासन की इस पहल के बाद स्मार्ट पुलिसिंग के तौर पर बीट प्रणाली को चंदौली के चकिया कोतवाली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. पुलिस को सिस्टम की बारीकियों का पाठ पढ़ाया गया. इस दौरान बीट बुक, वायरलेस हैंडसेट और असलहा दिया जा रहा है. साथ ही इन्हें एक सीयूजी नंबर भी दिया जाएगा, जिससे आरक्षी बीट अधिकारी के बदले जाने के बाद भी नंबर के जरिए उस क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से जुड़ाव बना रहे.


इस प्रोजेक्ट को अन्य थानों में किया जाएगा लागू
आरक्षी बीट अधिकारी अपराध पर लगाम लगाने के साथ ही यूपी पुलिस से जुड़ी योजनाओं को भी लोगों तक पहुचाने में मदद करेंगे. यूपीकॉप, पिंनप्रिंट सी प्लान एप्प है. इससे जुड़ी जानकारी और उपयोग के बारे में भी समझाना है. इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद जिले के अन्य थानों में भी इसे लागू किया जाएगा.


शिकायतों के निस्तारण की होगी जिम्मेदारी
इस व्यवस्था के पीछे शासन की मंशा किसी भी विवाद की सूचना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचकर निस्तारित कर बड़ी घटना होने से रोकना है. साथ ही निस्तारण की सूचना से उच्चाधिकारियों को अवगत कराना है. महिला हेल्पलाइन 1090, डायल 112 समेत हेल्पलाइन नंबरों पर मिली शिकायतों के निस्तारण की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी.


एसडीएम, सीओ स्टेशन ऑफिसर करेंगे मॉनिटरिंग
समस्या की स्थिति और निस्तारण की रिपोर्ट क्लोजर पर दर्ज कर सूचना से उच्च अधिकारियों को अवगत कराना होगा. इसकी मॉनिटरिंग एसडीएम, सीओ स्टेशन ऑफिसर करेंगे. अपराधियों की धरपकड़ पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से इन्हें पिस्टल दिया गया है. जिससे कहीं व किसी भी स्थिति में पुलिसकर्मियों को चलाने में आसानी होगी.

ये भी पढ़ें- चंदौली: फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी पाने 12 शिक्षकों पर होगी FIR


कितनी कारगार होगी प्रणाली
गौरतलब है कि बीते दिनों सीएए और एनआरसी को लेकर मचा बवाल हिंसा का रूप ले लिया, जिसका अंदाजा न तो पुलिस लगा सकी और न ही लोकल इंटेलिजेंस की टीम. जिसके बाद पुलिस की सूचना तंत्र को मजबूत और कारक बनाने के उद्देश्य से इस प्रणाली की शुरुआत की गई. ऐसे में यह देखना होगा कि पुलिस की यह प्रणाली आगामी दिनों में कितना कारगर होती है.

Intro:चन्दौली - जिले में बीट पुलिस प्रणाली को पायलट परियोजना के तौर पर लागू किया जा रहा है. इस प्रणाली से कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी तथा अपराध व अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में सहूलियत होगी. बीट आरक्षी की जिम्मेदारी होगी कि घटना स्थल पर पंहुचकर निडर होकर अपने दायित्वों का निर्वहन करें.

Body:ईटीवी भारत से बातचीत में एसपी चंदौली हेमंत कुटियाल ने बताया कि बीट पुलिसिंग सिस्टम से अपराध व अपराधियों पर अंकुश तो लगेगा ही साथ ही पुलिस की स्थिति में भी सुधार होगा. बीट पुलिसिंग सिस्टम से पुलिस सीधे जनता से जुड़ेगी और आम जन सुरक्षा प्रदान होगी.

शासन की इस पहल के बाद स्मार्ट पुलिसिंग के तौर पर बिट प्रणाली को चंदौली के चकिया कोतवाली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है और पुलिस को सिस्टम की बारीकियों का पाठ पढ़ाया. इस दौरान बीट बुक, वायरलेस हैंडसेट व असलहा दिया जा रहा है. साथ ही इन्हें एक सीयूजी नंबर भी दिया जाएगा. जिससे आरक्षी बीट अधिकारी के बदले जाने के बाद भी नंबर के जरिये उस क्षेत्र के संभ्रांत लोगों से जुड़ाव बना रहे है.

आरक्षी बिट अधिकारी अपराध पर लगाम लगाने के साथ ही यूपी पुलिस से जुड़ी योजनाओं को भी लोगों तक पहुचाने में मदद करेंगे. यूपीकॉप, पिंनप्रिंट सी प्लान एप्प है.इससे जुड़ी जानकारी और उपयोग के बारे में भी समझाना है.इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद जिले के अन्य थानों में भी इसे लागू किया जाएगा.

इस व्यवस्था के पीछे शासन की मंशा है किसी भी विवाद की सूचना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचकर निस्तारित कर बड़ी घटना होने से रोकना है. साथ ही निस्तारण की सूचना से उच्चाधिकारियों को अवगत कराना है.


महिला हेल्पलाइन 1090, डायल112 समेत हेल्पलाइन नंबरों पर मिली शिकायतों के निस्तारण की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होगी. समस्या की स्थिति व निस्तारण की रिपोर्ट क्लोजर पर दर्ज कर सूचना से उच्च अधिकारियों को अवगत कराना होगा. इसकी मोनिटरिंग एसडीएम, सीओ स्टेशन ऑफिसर करेंगे.

अपराधियों की धरपकड़ पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से इन्हें पिस्टल दिया गया है. जिससे कहीं व किसी भी स्थिति में पुलिसकर्मियों को चलाने में आसानी होगी.

गौरतलब है कि बीते दिनों सीएए और एनआरसी को लेकर मचा बवाल हिंसा का रूप ले लिया. जिसका अंदाजा न तो पुलिस लगा सकी और न ही लोकल इंटेलिजेंस की टीम. जिसके बाद पुलिस की सूचना तंत्र को मजबूत और कारक बनाने के उद्देश्य से इस प्रणाली की शुरुआत की गई.ऐसे में यह देखना होगा कि पुलिस की यह प्रणाली आगामी दिनों में कितना कारगर होती है।

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Chandauli
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