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सेना के जवान की मौत से शोक में डूबा भटरौल गांव

ओडिशा के गोपालपुर में तैनात जवान महेंद्र यादव के असामयिक निधन से उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई है. महेंद्र पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और पीलिया की बीमारी से जूझ रहे थे. वह अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्री और एक पुत्र को छोड़ गए हैं.

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Published : Apr 7, 2021, 1:34 PM IST

हवलदार, महेंद्र यादव
हवलदार, महेंद्र यादव

चंदौली: सेना में हवलदार के पद पर तैनात जवान की असामयिक मौत से उनके गृह जिले में शोक की लहर दौड़ गई है. बबुरी थाना क्षेत्र के औडारी गांव के रहने वाले 45 वर्षीय महेंद्र यादव ओडिशा के गोपालपुर में हवलदार के पद पर तैनात थे. मंगलवार को ओडिशा के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. जवान की मौत से परिवार में शोक है. परिजन पार्थिव शरीर को घर ला रहे हैं.

कुछ समय से चल रहे थे बीमार
महेंद्र यादव साल 2000 में सेना में भर्ती हुए थे. वह वर्तमान में ओडिशा के गोपालपुर में हवलदार के पद पर तैनाथ थे. महेंद्र पिछले कुछ समय से पीलिया की बीमारी से जूझ रहे थे. बताया जा रहा है कि मंगलवार को इलाज के दौरान जवान की मौत हो गई.

पढ़ें: चंदौली में आंबेडकर की प्रतिमा टूटने पर बवाल

शव लाने के परिजन हुए रवाना

परिजन पार्थिव शरीर को घर ला रहे हैं. औड़ारी भटरौल निवासी महेंद्र यादव वर्ष 2000 में इलाहाबाद से सेना में भर्ती हुए थे. वह वर्तमान में हवलदार के पद पर उड़ीसा के गोपालपुर में तैनात थे. सेना के अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा था, लेकिन जिंदगी की जंग में वो हार गए. महेंद्र की मौत से उनके गांव में शोक की लहर है. वह अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्रियों और एक पुत्र समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.

चंदौली: सेना में हवलदार के पद पर तैनात जवान की असामयिक मौत से उनके गृह जिले में शोक की लहर दौड़ गई है. बबुरी थाना क्षेत्र के औडारी गांव के रहने वाले 45 वर्षीय महेंद्र यादव ओडिशा के गोपालपुर में हवलदार के पद पर तैनात थे. मंगलवार को ओडिशा के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. जवान की मौत से परिवार में शोक है. परिजन पार्थिव शरीर को घर ला रहे हैं.

कुछ समय से चल रहे थे बीमार
महेंद्र यादव साल 2000 में सेना में भर्ती हुए थे. वह वर्तमान में ओडिशा के गोपालपुर में हवलदार के पद पर तैनाथ थे. महेंद्र पिछले कुछ समय से पीलिया की बीमारी से जूझ रहे थे. बताया जा रहा है कि मंगलवार को इलाज के दौरान जवान की मौत हो गई.

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शव लाने के परिजन हुए रवाना

परिजन पार्थिव शरीर को घर ला रहे हैं. औड़ारी भटरौल निवासी महेंद्र यादव वर्ष 2000 में इलाहाबाद से सेना में भर्ती हुए थे. वह वर्तमान में हवलदार के पद पर उड़ीसा के गोपालपुर में तैनात थे. सेना के अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा था, लेकिन जिंदगी की जंग में वो हार गए. महेंद्र की मौत से उनके गांव में शोक की लहर है. वह अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्रियों और एक पुत्र समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.

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