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खुलासाः अलकायदा के आतंकियों ने चंदौली से खरीदे थे असलहे

लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के दोनों आतंकियों ने चंदौली जिले से असलहे खरीदे थे. यह खुलासा दोनों आतंकियों के मददगारों ने यूपी एटीएस की पूछताछ में किया है.

अलकायदा के आतंकियों ने चंदौली से खरीदे थे असलहे
अलकायदा के आतंकियों ने चंदौली से खरीदे थे असलहे
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Published : Jul 18, 2021, 5:13 PM IST

चंदौलीः राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के दोनों आतंकियों के मददगारों से यूपी एटीएस (UP ATS) की पूछताछ में चंदौली कनेक्शन सामने आया है. पूछताछ के दौरान असलहों की सप्लाई के लिए कानपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद के अलावा चंदौली का नाम बताया है. जहां से उन्होंने आतंकी मसीरुद्दीन और मिनहाज को असलहे दिलाए थे. एटीएस की टीम ने इसका जिक्र कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र में भी किया है. इस खुलासे ने चंदौली पुलिस की इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े कर दिए है.

अलकायदा आतंकियों के मददगार शकील, मो. मुईद और मो. मुस्तकीम द्वारा एटीएस को दी गई जानकारी के बाद एटीएस की नजर उनके बताए गए चारों जनपदों पर हैं. जिनमें चंदौली भी शामिल है. आतंकियों का कनेक्शन चंदौली जिले से होने की जानकारी का बाद अन्य सुरक्षा एजेंसियां सकते में है. जिले से आतंकियों को असलहा सप्लाई होता रहा और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी सुगबुगाहट भी नहीं हुई. ऐसे में चंदौली की सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें-आतंकी साजिश: यूपी एटीएस ने शकील सहित 2 अन्य को किया गिरफ्तार
बता दें की करीब दो वर्ष पूर्व मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चौरहट गांव से ISI एजेंट राशिद को गिरफ्तार किया था. मूलरूप से वाराणसी के प्रह्लादघाट निवासी राशिद चौरहट में अपने नाना के यहां रहता था. आर्मी इंटेलिजेंस और एटीएस की टीम को ISI एजेंट राशिद के खिलाफ पाकिस्तान की सरपरस्ती की सबूत मिले थे. जो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भारतीय ठिकानों की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजता था.

इसे भी पढ़ें-यूपी दहलाने की साजिश में तय थी हर किरदार की भूमिका, कश्मीर के संदिग्ध के संपर्क में था मिनहाज
गौरतलब है कि चंदोली में असलहों की बड़ी खेप बरामद हो चुकी है. साल 2019 में मुगलसराय पुलिस ने व्यासनगर स्थित खंडहरनुमा मकान में छापेमारी के दौरान संजय शर्मा को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से अवैध असलहा बनाने के उपकरण के साथ 12 बोर के तीन तमंचे, 315 बोर का तीन तमंचा, चार खराब रिवाल्वर, एक खराब पिस्टल, छह कारतूस, अर्द्धनिर्मित नाल, बैरल की सात पाइप समेत सामान बरामद किए थे. इसके अलावा डीडीयू जीआरपी ने भी पिछले दो सालों में असलहों की बड़ी खेप बरामद की है. 2019 में एक असलहा तस्कर के पास से चार पिस्टल और आठ मैगजीन बरामद किया था. जुलाई 2019 को जीआरपी ने प्लेटफार्म चेकिंग के दौरान एक आरोपित को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से 23 पिस्टल समेत 46 मैगजीन बरामद हुआ था. जबकि फरवरी 2020 में डीडीयू जीआरपी ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था. जिनके पास से 32 बोर के 24 पिस्टल और 48 मैगजीन बरामद किया था. ये सभी गिरफ्तार अभियुक्त बिहार के मुंगेर, सुलतानंज समेत अन्य जगहों से लाकर यूपी में सप्लाई करते थे.

बता दें कि लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद के दो आतंकियों मिनहाज अहमद और मशीरुद्दीन से पूछताछ के आधार पर यूपी एटीएस ने वजीरगंज निवासी मोहम्मद शकील, हसनगंज खदरा से मोहम्मद मुस्तकीम और हैदरगंज टेंपल रोड लखनऊ से मोहम्मद मोईद को गिरफ्तार किया था. रिमांड मिलने के बाद एटीएस इनसे पूछताछ कर रही है, जिसमें संदिग्ध आतंकियों ने कई खुलासे किए हैं.

चंदौलीः राजधानी लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के दोनों आतंकियों के मददगारों से यूपी एटीएस (UP ATS) की पूछताछ में चंदौली कनेक्शन सामने आया है. पूछताछ के दौरान असलहों की सप्लाई के लिए कानपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद के अलावा चंदौली का नाम बताया है. जहां से उन्होंने आतंकी मसीरुद्दीन और मिनहाज को असलहे दिलाए थे. एटीएस की टीम ने इसका जिक्र कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र में भी किया है. इस खुलासे ने चंदौली पुलिस की इंटेलिजेंस पर सवाल खड़े कर दिए है.

अलकायदा आतंकियों के मददगार शकील, मो. मुईद और मो. मुस्तकीम द्वारा एटीएस को दी गई जानकारी के बाद एटीएस की नजर उनके बताए गए चारों जनपदों पर हैं. जिनमें चंदौली भी शामिल है. आतंकियों का कनेक्शन चंदौली जिले से होने की जानकारी का बाद अन्य सुरक्षा एजेंसियां सकते में है. जिले से आतंकियों को असलहा सप्लाई होता रहा और सुरक्षा एजेंसियों को इसकी सुगबुगाहट भी नहीं हुई. ऐसे में चंदौली की सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

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बता दें की करीब दो वर्ष पूर्व मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चौरहट गांव से ISI एजेंट राशिद को गिरफ्तार किया था. मूलरूप से वाराणसी के प्रह्लादघाट निवासी राशिद चौरहट में अपने नाना के यहां रहता था. आर्मी इंटेलिजेंस और एटीएस की टीम को ISI एजेंट राशिद के खिलाफ पाकिस्तान की सरपरस्ती की सबूत मिले थे. जो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भारतीय ठिकानों की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजता था.

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गौरतलब है कि चंदोली में असलहों की बड़ी खेप बरामद हो चुकी है. साल 2019 में मुगलसराय पुलिस ने व्यासनगर स्थित खंडहरनुमा मकान में छापेमारी के दौरान संजय शर्मा को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से अवैध असलहा बनाने के उपकरण के साथ 12 बोर के तीन तमंचे, 315 बोर का तीन तमंचा, चार खराब रिवाल्वर, एक खराब पिस्टल, छह कारतूस, अर्द्धनिर्मित नाल, बैरल की सात पाइप समेत सामान बरामद किए थे. इसके अलावा डीडीयू जीआरपी ने भी पिछले दो सालों में असलहों की बड़ी खेप बरामद की है. 2019 में एक असलहा तस्कर के पास से चार पिस्टल और आठ मैगजीन बरामद किया था. जुलाई 2019 को जीआरपी ने प्लेटफार्म चेकिंग के दौरान एक आरोपित को गिरफ्तार किया था. जिसके पास से 23 पिस्टल समेत 46 मैगजीन बरामद हुआ था. जबकि फरवरी 2020 में डीडीयू जीआरपी ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था. जिनके पास से 32 बोर के 24 पिस्टल और 48 मैगजीन बरामद किया था. ये सभी गिरफ्तार अभियुक्त बिहार के मुंगेर, सुलतानंज समेत अन्य जगहों से लाकर यूपी में सप्लाई करते थे.

बता दें कि लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद के दो आतंकियों मिनहाज अहमद और मशीरुद्दीन से पूछताछ के आधार पर यूपी एटीएस ने वजीरगंज निवासी मोहम्मद शकील, हसनगंज खदरा से मोहम्मद मुस्तकीम और हैदरगंज टेंपल रोड लखनऊ से मोहम्मद मोईद को गिरफ्तार किया था. रिमांड मिलने के बाद एटीएस इनसे पूछताछ कर रही है, जिसमें संदिग्ध आतंकियों ने कई खुलासे किए हैं.

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