मुरादाबाद: इंसान के मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई राह मुश्किल नहीं होती, जी हां कुछ ऐसा ही जज्बा दिखाया है जिले के मुल्लानो मोहल्ले के रहने वाले सैकड़ों युवाओं ने. बेरोजगारी और तंगहाली में जीवन गुजार रहे इस मोहल्ले में आज हर महीने लाखों रुपये का कारोबार हो रहा है. हर रोज यहां दिल्ली से लाए गए कपड़ों को सिलाई मशीन के जरिये सिलकर वापस भेजा जाता है, जिससे घर में बैठी लड़कियों और बेरोजगारों को रोजगार मिल रहा है. स्थानीय लोगों द्वारा शुरू किए इस कारोबार से जहां गरीब परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है. वहीं घर बैठे रोजगार मिलने से लोग भी खुश है. दिन-रात सिलाई मशीन पर काम कर रहे लोगों के मुताबिक हर महीने इस काम से उनको दस से पंद्रह हजार रुपये की आमदनी आसानी से हो जाती है.
घर-घर में सिलाई कर पैसे कमा रहे लोग
मुख्यालय से पंद्रह किलोमीटर दूर पाकबड़ा क्षेत्र में स्थित इस मोहल्ले का नाम मुल्लानो वाला है. दस साल पहले इस मोहल्ले में ज्यादातर लोग रोजगार की तलाश में शहर के चक्कर लगाते थे लेकिन अब यहां काम की कोई दिक्कत नहीं है. दरअसल इस मोहल्ले में जींस के कपड़ों को सिलने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. जहां दिल्ली से लाए गए जींस के कपड़ों को यहां सिलाई मशीन के जरिये सिला जाता है और फिर तैयार कपड़े को वापस दिल्ली भेज दिया जाता है. जींस के एक कपड़े को सिलने पर यहां काम करने वाले कारीगरों को बीस से पच्चीस रुपये की आमदनी होती है और एक दिन में कारीगर चालीस से पचास कपड़ों को सिला जाता है. दिल्ली से कपड़े लेकर आने वाले कारोबारी इन कपड़ों को स्थानीयों के घरों तक पहुंचाते हैं.
घर पर ही मिल रहा है बेरोजगारों को रोजगार
पाकबड़ा के इस मोहल्ले में हर घर में सिलाई मशीन लगी हुई है और बढ़िया आमदनी होने के चलते घरों से बाहर काम तलाश करने वाले युवक भी अब सिलाई के इस काम को कर रहे हैं. गरीब परिवारों के लिए सिलाई का यह काम किसी तोहफे से कम नहीं है.
स्थानीयों के मुताबिक इस काम के लिए उन्हें किसी भी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिली है और स्थानीय लोग ही दिल्ली से अपने प्रयासों से कपड़ों को लेकर आते है. तंगहाली में अपने परिवार की मदद कर रहीं लड़कियों के मुताबिक घर से बाहर काम तलाश करने में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन घर बैठे काम मिलने के चलते अब यह दिक्कत नहीं है.
सिलाई कर लाखों रुपये कमा रहे हैं युवा
जींस के कपड़ों को सिलने के इस काम से यहां हर महीने लाखों रुपये की आमदनी लोगों को हो रही है. स्थानीय कारोबारियों के मुताबिक हर महीने एक लाख से ज्यादा कपड़े यहां तैयार किये जा रहे हैं. सिलाई मशीन पर अपने हाथों के हुनर से अपनी जिंदगी बदल रहे लोगों को जहां अपनी कामयाबी पर खुशी है. वहीं इस मोहल्ले की बदलती तकदीर आस-पास के लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.