मुरादाबाद: जनपद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र के गुरैठा गांव के रहने वाले शिक्षक अशोक की तीन महीने पहले हुई हत्या के मामले में नया मोड़ आया है. मृतक के परिजनों ने एक स्थानीय भाजपा नेता पर हत्या का आरोप लगाया है. परिजनों के मुताबिक आरोपी नेता को भाजपा के बड़े नेताओं का संरक्षण हासिल है, इसलिए पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. बता दें कि अभी तक पुलिस घटना का खुलासा नहीं कर पाई है. मृतक के भाई ने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई गई है.
दरअसल, पाकबड़ा थाना क्षेत्र के गुरैठा गांव में रहने वाले शिक्षक अशोक चौधरी तीन महीने पहले गांव के बाहर बने एक मकान में बेहोशी की हालत में पड़े मिले थे. परिजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी मौत हो गयी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. अशोक के परिजन घटना के बाद से ही स्थानीय भाजपा नेता पर हत्या का शक जता रहे हैं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
मृतक अशोक कुमार के भाई ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री और स्थानीय पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है. परिजनों के मुताबिक पुलिस की जांच में स्थानीय भाजपा नेता की लोकेशन घटना के वक्त मौके पर पाई गई, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई. जारी वीडियो में मृतक के भाई ने आरोप लगाया है कि भाजपा के बड़े नेताओं का आरोपी को संरक्षण है, जिसके चलते पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही. वीडियो में हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री का आरोपी के घर आने का भी जिक्र किया गया है. परिजनों द्वारा भाजपा नेता को आरोपी बताए जाने के बाद मामला दुबारा सुर्खियों में है.
शिक्षक हत्याकांड में परिजनों के आरोपों पर पुलिस अधिकारी ज्यादा कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन एसपी सिटी अमित आंनद के मुताबिक मामले के हर पहलू की जांच जारी है और जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा. पुलिस को अभी तक कोई अहम सबूत हाथ नहीं लगा है, जिसके चलते घटना के खुलासे में देरी हो रही है. परिजनों द्वारा भाजपा नेता को आरोपी बताए जाने पर पुलिस अधिकारी जांच पूरी होने के बाद आधिकारिक बयान देने का दावा कर रहे हैं.
शिक्षक अशोक चौधरी हत्याकांड के खुलासे के लिए परिजन सीबीआई जांच की भी मांग कर चुके हैं. पिछले तीन महीने में परिजनों ने कई बार प्रदर्शन कर खुलासे की मांग की है. परिजनों के मुताबिक शुरुआत में पुलिस की ओर से थोड़ी कार्रवाई की गई थी, लेकिन भाजपा नेता का नाम सामने आने के बाद मामले की जांच में ब्रेक लगा दिया गया है.