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लॉकडाउन: मंडी में सब्जियां फेंकने को मजबूर व्यापारी, शहर में दाम आसमान पर

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Published : Mar 26, 2020, 5:41 PM IST

कोरोनावायरस के चलते खाद्य सामाग्री और सब्जियां खरीदने को लेकर बाजारों, दुकानों में खासा भीड़ देखने को मिल रही है. हालांकि मंडियों में सब्जियां भरपूर है. लेकिन फुटकर विक्रेताओं को प्रशासन मंडी तक जाने से रोक रहा है, जिससे सब्जियों के दाम इस समय आसमान छू रहे हैं.

मंडी में सब्जियों की बिक्री कम होने से व्यापारियों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान.
मंडी में सब्जियों की बिक्री कम होने से व्यापारियों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान.

मुरादाबाद: कोरोनावायरस को लेकर मंडी के थोक विक्रेता काफी परेशान हैं. हालत यह है कि शहर में 40 रुपये किलो मिलने वाली गोभी थोक सब्जी मंडी में 50 रुपये में 25 किलो यानी महज दो रुपये किलो के हिसाब से मिल रही है. फिर मंडी में रोजाना सब्जियों को फेंकना पड़ रहा है. गर्मी के मौसम में एक ही दिन में ताजी सब्जियां खराब हो रही हैं.

थोक विक्रेताओं को उठाना पड़ रहा नुकसान

गोभी, मटर, हरी धनिया सहित कई सब्जियां फेंकनी पड़ रही हैं, जिसकी वजह से सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. थोक विक्रेता कैलाश सैनी ने बताया कि सुबह प्रशासन ने बाहर से सब्जी खरीदने आए व्यापारियों को वापस कर दिया. प्रशासन ने यहां पर किसी भी गाड़ी को अंदर नहीं आने दिया. यही कारण है कि हमारी दुकान सब्जियों से भरी हुई है.

मंडी में सब्जियों की बिक्री कम होने से व्यापारियों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान.

फुटकर सब्जी व्यापारियों को प्रशासन नहीं जाने दे रहा मंडी

मुरादाबाद की मंडी में सब्जी की कोई कमी नहीं है, लेकिन सब्जी खरीदने वाला कोई भी मंडी में नहीं आ पा रहा है. प्रशासन की तरफ से फुटकर सब्जी व्यापारियों को अंदर नहीं दिया जा रहा, जिसकी वजह से सब्जियां बहुत कम दामों में बेचनी पड़ रही हैं.

शहरों में सब्जियों के दाम छू रहे आसमान

व्यापारियों का कहना है कि अगर प्रशासन व्यापारियों को खरीदारी करने के लिए मंडी आने देता तो सब्जियां शहर पहुंच जाती, जिससे शहरों में इसकी किल्लत न होती. वहीं मांग के मुताबिक सब्जियां शहरों में कम पहुंच रही है, जिससे सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

मुरादाबाद: कोरोनावायरस को लेकर मंडी के थोक विक्रेता काफी परेशान हैं. हालत यह है कि शहर में 40 रुपये किलो मिलने वाली गोभी थोक सब्जी मंडी में 50 रुपये में 25 किलो यानी महज दो रुपये किलो के हिसाब से मिल रही है. फिर मंडी में रोजाना सब्जियों को फेंकना पड़ रहा है. गर्मी के मौसम में एक ही दिन में ताजी सब्जियां खराब हो रही हैं.

थोक विक्रेताओं को उठाना पड़ रहा नुकसान

गोभी, मटर, हरी धनिया सहित कई सब्जियां फेंकनी पड़ रही हैं, जिसकी वजह से सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. थोक विक्रेता कैलाश सैनी ने बताया कि सुबह प्रशासन ने बाहर से सब्जी खरीदने आए व्यापारियों को वापस कर दिया. प्रशासन ने यहां पर किसी भी गाड़ी को अंदर नहीं आने दिया. यही कारण है कि हमारी दुकान सब्जियों से भरी हुई है.

मंडी में सब्जियों की बिक्री कम होने से व्यापारियों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान.

फुटकर सब्जी व्यापारियों को प्रशासन नहीं जाने दे रहा मंडी

मुरादाबाद की मंडी में सब्जी की कोई कमी नहीं है, लेकिन सब्जी खरीदने वाला कोई भी मंडी में नहीं आ पा रहा है. प्रशासन की तरफ से फुटकर सब्जी व्यापारियों को अंदर नहीं दिया जा रहा, जिसकी वजह से सब्जियां बहुत कम दामों में बेचनी पड़ रही हैं.

शहरों में सब्जियों के दाम छू रहे आसमान

व्यापारियों का कहना है कि अगर प्रशासन व्यापारियों को खरीदारी करने के लिए मंडी आने देता तो सब्जियां शहर पहुंच जाती, जिससे शहरों में इसकी किल्लत न होती. वहीं मांग के मुताबिक सब्जियां शहरों में कम पहुंच रही है, जिससे सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं.

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