मुरादाबाद: कोरोना काल में जहां कारोबारी गतिविधियां ठप्प हुई थीं. वहीं अनलॉक 1.0 में शर्तों के साथ कारोबार शुरू करने की छूट दी गई है. हस्तशिल्प उत्पादों को दुनिया में निर्यात करने के मामले में मुरादाबाद देश में सबसे बड़ा केंद्र है. कोरोना काल में अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के मुताबिक उत्पाद तैयार करने और भेजने में अतिरिक्त सावधानी को देखते हुए सरकार ने अब नए कदम उठाए हैं.
भारत सरकार के धातु हस्तशिल्प सेवा केंद्र में जहां जरूरी दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है. वहीं निर्यातकों को भी कोरोना से लड़ने का पाठ पढ़ाया जा रहा है. मुरादाबाद स्थित केंद्र में कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद की टेस्टिंग की जाती है, जिसके बाद उसे दुनिया के अलग-अलग देशों को भेजा जाता है. भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले धातु हस्तशिल्प सेवा केंद्र हस्तशिल्प निर्यात में अहम भूमिका निभाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय मानकों का रखा जा रहा ख्याल
मुरादाबाद स्थित हस्तशिल्प सेवा केंद्र में कच्चे माल की जांच, उत्पादों की जांच और अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से निर्माण की जांच कर क्लियरेंस दी जाती है. दुनिया के अलग-अलग देश अपने मुताबिक उत्पादों को आयात करते हैं. लिहाजा निर्यातकों को निर्यात से पहले अपने उत्पादों की जांच करना अनिवार्य हो जाता है. कोरोना काल में दुनिया के कई देशों के ग्राहक वायरस के संक्रमण से दहशत में हैं.
इसे भी पढ़ें- मुरादाबाद: चौकी में नकली किन्नरों ने की पुलिस से हाथापाई
कोरोना के खतरे को देखते हुए विदेशी कम ले रहे रुचि
विदेशों में लोग उत्पादों को खरीदने में कम रुचि ले रहे हैं. भारत सरकार ने ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए धातु हस्तशिल्प केंद्र के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया है जो निर्यातकों को उत्पाद तैयार करने के हर चरण में जरूरी सावधानी से सम्बंधित है. धातु हस्तशिल्प केंद्र में कई स्थानीय निर्यातक न सिर्फ तैयार उत्पाद की जांच कराते हैं बल्कि प्लेटिंग का काम भी किया जाता है.
कर्मचारी पीपीई किट पहनकर करते हैं काम
कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्र में ज्यादातर कर्मियों को पीपीई किट दी गई है. साथ ही मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. शहर के 2200 निर्यातकों को सोशल मीडिया के जरिए हर रोज फैक्ट्रियों को खोलने और कारीगरों की जांच के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश भेजे जा रहें है. विदेशी ग्राहकों की मांग के मुताबिक धातु हस्तशिल्प केंद्र के कर्मी निर्यातकों को उत्पाद को सुरक्षित करने के लिए तय प्रोटोकॉल भी समझा रहे हैं.