मुरादाबादः जिले में बुधवार को बंजर जमीन को कब्जा मुक्त कराने SDM सदर के साथ गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया. विरोध कर रहे लोगों ने जेसीबी मशीन पर पथराव कर मशीन को तोड़ दिया. घटना में जेसीबी के ड्राइवर को मामूली चोट आई है. पथराव की सूचना पर एसपी सिटी भारी फोर्स लेकर घटना स्थल पर पहुंचे. पथराव करने वाले लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार करने के लिए पुलिस दबिश दे रही है.
पुलिस टीम थाना पाकबड़ा इलाके के नया मुरादाबाद में गाटा संख्या 680 से कब्जा हटाने पहुंची थी. प्रशासन के भी होश तब उड़ गए, जब इस सरकारी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास की तख्ती लगी देखी. फिलहाल एसडीएम ने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.
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बंजर जमीन पर कब्जा
मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में गाटा संख्या 680 नंबर की करीब 8 से 10 बीघा जमीन बंजर पड़ी थी. करीब दस दिन पहले एसडीएम इस जमीन का निरीक्षण करने गए थे. बंजर जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर मकान की नींव भर ली थी. जब एसडीएम ने उनसे जमीन के कागज मांगे तो कोई भी व्यक्ति कागज नहीं दिखा पाया. एसडीएम ने कब्जा करने वाले लोगों को जमीन खाली करने की चेतावनी दी और वहां से चले आए. इसके बाद बुधवार को एसडीएम जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए टीम के साथ पहुंचे थे. जैसे ही जेसीबी मशीन ने मकानों की नींव को ध्वस्त करना शुरू किया, वहां मौजूद लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. पथराव में जेसीबी मशीन के ड्राइवर को मामूली चोट भी आई है.
मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने पथराव कर रहे तीन लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन एसडीएम और पुलिस टीम के होश तब उड़ गए, जब उन्होंने इस जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना का बोर्ड लगा देखा. अब इस पूरे मामले की जांच की जा रही है कि सरकारी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बने तो किसी को जानकारी क्यों नहीं हुई.
जमीन पर कब्जेदारों ने दिखाए 1978 में सरकारी पट्टे के कागज
पाकबड़ा में सरकारी जमीन पर जेसीबी चलाकर प्रशासन ने अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि यह जमीन 1978 में प्रशासन ने उनको सरकारी पट्टे पर दी थी. प्रशासन ने निर्माण ध्वस्त करने से पहले उन्हें कोई सरकारी नोटिस तक नहीं दिया. हालांकि प्रशासन इस सरकारी पट्टे को फर्जी बता रहा है.
सरकारी जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना की लगी तख्ती
सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना की तख्ती लगी थी. अब प्रशासन इस पूरे मामले की जांच करने की बात कह रहा है. एसडीएम प्रशांत तिवारी ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि किस प्रकार से इस सरकारी योजना का लाभ अवैध तरीके से मिला.