मुरादाबाद: दिल्ली के जंतर मंतर पर हिंदू रक्षा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के द्वारा एक समुदाय विशेष के बारे में आपत्तिजनक नारेबाजी करने से नाराज मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने अपना एक बयान सोशल मीडिया पर खुद वायरल किया है. उन्होंने कहा यह लोग हिंदू-मुसलमान की गंगा जमुनी तहजीब को अलग नहीं कर सकते. इन लोगों के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा लगना चाहिए. रहा सवाल मुसलमानों को काटने का तो किसी की इतनी हिम्मत नहीं है कि मुसलमानों को कोई काट सके.
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि कुछ लोग हिंदू-मुसलमान की राजनीति करके अपनी दाल पकाना चाहते हैं. इसीलिए आए दिन राजनीतिक और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं. सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि कुछ जो फासिस्ट ताकतें हैं, उनकी कहीं दाल तो गल नहीं रही है. हिंदू समाज में भी यह एहसास हो गया है कि हिंदू-मुसलमान को कोई एक-दूसरे से अलग नहीं कर सकता है.
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि हजारों साल की हमारी गंगा-जमुनी तहजीब खत्म नहीं की जा सकती है. ये वो लोग हैं, जिनके ऊपर असलियत में देशद्रोह का मुकदमा लगना चाहिए. इस तरह की नारेबाजी और बयानबाजी देशहित में नहीं है. इन लोगों बारे में यह भी देखना चाहिए कि इन लोगों का किस देश के साथ कनेक्शन है, किस देश के साथ मिलकर यह लोग हमारे देश के अंदर कानून-व्यवस्था को खराब कर हमारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं.
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि कुछ लोग हिंदू-मुसलमानों को लड़ा कर अपनी राजनीति सीधी करना चाहते हैं, लेकिन हिंदू समाज इस बात को जानता है कि काठ की हांडी बार-बार तो चढ़ेगी नहीं. कब तक हिंदू-मुसलमान करेंगे. जमीन पर कुछ करके दिखाते तो शायद कुछ हो भी जाता. यह तो सिर्फ एक राजनीतिक मामला है. उन्होंने कहा कि न ही कोई मुसलमानों को काट सकता है और न ही किसी में इतनी हिम्मत है कि मुसलमान को हाथ लगाकर दिखा दे.
इसे भी पढ़ें:- आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद: उमा कांति पाल से PM मोदी ने पूछा, गुजरात जाना चाहेंगी
बता दें कि दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार 8 अगस्त को आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक धर्म विशेष के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. यहां जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए गए थे और एक धार्मिक समुदाय पर हमला करने की बात कही गई थी. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बताया था कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम विरोधी नारेबाजी से जुड़े मामले में पुलिस ने अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था. हालांकि अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली की निचली अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी थी.