मुरादाबाद : रेलवे की जमीन पर बनी अवैध सब्जी मंडी पर बुधवार को पुलिस बल के साथ रेलवे की टीम ने बुलडोजर चलवा दिया. मंडी हटाने को लेकर सब्जी मंडी के दुकानदारों ने जमकर विरोध किया. दुकानदारों का कहना है कि यह 200 साल पुरानी सब्जी मंडी है. यहीं से कारोबार करके वो अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं.
इस दौरान दुकानदारों ने दुकान लगाने के लिए जगह आवंटित किए जाने की मांग की. वहीं, सूचना पर भाजपा के शहर विधायक भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने रेलवे अधिकारियों से बात कर तोड़फोड़ रुकवा दी और समाधान निकाले जाने का आश्वाशन दिया है.
बता दें, मुरादाबाद में कपूर कंपनी पुल के नीचे रेलवे की जमीन है. इस पर सालों से अवैध रूप से बनी सब्जी मंडी लगती चली आ रही है. बुधवार को रेलवे विभाग के लोग आरपीएफ के साथ जेसीबी मशीन लेकर सब्जी मंडी को हटाने पहुंच गए. जैसे ही सब्जी मंडी में बुलडोजर चला, लोगों में हड़कंप मच गया. दुकानदारों ने इसका विरोध किया, लेकिन रेलवे विभाग ने किसी की एक नहीं सुनी. दुकानों और सब्जी मंडी में बने चबूतरों को तोड़ दिया गया. सब्जी मंडी तोड़े जाने की सूचना पर भाजपा से शहर विधायक रितेश गुप्ता भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ कपूर कंपनी सब्जी मंडी पहुंच गए. इसके बाद विधायक ने डीआरएम से बात कर बुलडोजर रुकवा दिया.
विधायक रितेश गुप्ता का कहना है कि अंग्रेजों के जमाने से यहां सब्जी मंडी लगती आ रही है. इस मंडी को रेलवे की तरफ से हटवाया जा रहा है. डीआरएम से इस बारे में बात की गई है. मंडी से लगभग 100 से ज्यादा परिवारों का पालन-पोषण होता है. अधिकारियों से मिलकर जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा. वहीं, मामले में सीनियर डीसीएम का कहना था कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. बताया कि दो दिन पहले सभी को दुकान हटाने के लिए नोटिस दिया गया था.
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कपूर कंपनी सब्जी मंडी में सब्जी व फल विक्रेता दुकानदारों का कहना है कि यह 200 साल पुरानी सब्जी मंडी है. इसी से उनके परिवारों का पालन-पोषण होता है. बताया कि वो किराए के मकान में रहते हैं. मंडी तोड़े जाने से उनके फल व सब्जियों का भारी नुकसान हुआ है. बताया उनके ऊपर लाखों रुपये का कर्ज है. मंडी खत्म होने पर उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. सिर्फ दो दिन पहले उन्हें अपनी दुकान हटाने के लिए बताया गया था. कहा- इसकी जगह उन्हें दूसरी जगह दुकान लगाने की जगह दी जाए, जिससे उनके परिवारों का भरण-पोषण हो सके.
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