मुरादाबाद: जिले में बंद पड़े सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंची टीम का परिसर में रह रहे लोगों ने विरोध करते हुए यहां लैब नहीं बनाने का अनिरोध किया है. दरअसल कोरोना मरीजों के सैंपल जांच के लिए अलीगढ़, लखनऊ और बरेली भेजे जाते हैं. जिसे देखते हुए प्रशासन ने मुरादाबाद में कोरोना लैब बनने की कवायद शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में पुराने सरकारी अस्पतालों को लैब बनाने के लिए चयनित किया गया है.
विरोध कर रहे स्वास्थ्यकर्मी और स्वास्थ विभाग कर्मचारियों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल परिसर में कई परिवार रहते हैं. जिनमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं. कोरोना लैब बनने के बाद कोरोना बीमारी फैलने का खतरा यहां बढ़ जाएगा. लैब बनने की खबर मिलने के बाद से ही लोगों में भय का माहौल है. ऐसे में प्रशासन को एक बार फिर इस फैसले पर गौर करने की जरूरत है.
इस पुराने अस्पताल में 70 परिवार रहते हैं. जिसमें सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी हैं. पहले यह अस्पताल महिला अस्पताल हुआ करता था जो अब बंद हो गया है. अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सक और ओपीडी लगती है.
दरअसल दो दिन पहले यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम निरीक्षण करने आई थी. निरीक्षण करने पहुंची टीम ने बताया कि कोरोना लैब बनेगी साथ ही टेस्टिंग में उपयोग होने वाले सामान को भी यही डिस्ट्रॉय किया जाएगा. जिसके बाद से ही यहां रहने वाले स्वास्थ्यकर्मी और उनके परिजन इसका विरोध कर रहे हैं.
यह पुराना महिला अस्पताल टाउन हॉल पर है. जिसका पुराना नाम विक्टोरिया महिला अस्पताल था. हम कर्मचारी लोग काफी समय से यहां निवास कर रहे हैं. हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं. अभी हाल ही में हमें पता लगा कि यहां पर टीम आई और यह बताया कि यहां कोरोना लैब बनेगी. जो कि एक घातक रोग है और जिससे दुनिया जूझ रही है. हमारे बच्चों का इसमें क्या होगा और हमारा क्या होगा इसको देखते हुए गौर किया जाए और कोरोना लैब यहां नहीं बनने दी जाए.
-राजेंद्र सिंह, स्वास्थ्य कर्मचारी
यहां पर ओपीडी और आयुर्वेदिक अस्पताल चलता है. कोरोना लैब टेस्टिंग के लिए यहां पर लैब तैयार करने की बात कही जा रही है. पहले बहुत घातक है जिसको शहर से बाहर होना चाहिए.
-शकील सरवर हाशमी, परिजन, स्वास्थ्य कर्मचारी