मुरादाबाद: जिला कलक्ट्रेट में एक दिव्यांग युवती को धरने पर इसलिए बैठना पड़ा, क्योंकि उसके घर लगा बिजली का कनेक्शन विभाग ने बिना कारण बताए काट दिया. सौभाग्य योजना के तहत एक साल पांच महीने पहले बिजली का कनेक्शन लगा था. जिलाधिकारी के अलावा बिजली विभाग के कई अफसरों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
पीड़िता के पिता का आरोप है कि दबंग पड़ोसी की नीयत उनके मकान पर है, जिसके लिए बिजली विभाग के लाइनमैन के साथ मिलकर बिजली का मीटर उतरवाया और अब हमको बेवजह परेशान किया जा रहा है.
सौभाग्य योजना के तहत मिला था कनेक्शन
पीड़िता के पिता विपिन रस्तोगी और उनकी दिव्यांग बेटी मानसी मियां साहब की गली अमरोहा गेट कोतवाली थाना क्षेत्र के एक जर्जर मकान में रहते हैं. शुरू से ही विपिन के घर में बिजली का कनेक्शन नहीं था. यूपी सरकार की सौभाग्य योजना के तहत 12 जनवरी 2019 को बिजली का कनेक्शन दिव्यांग बेटी मानसी के नाम से उनके घर पर लगाया गया. एक जमाने बाद मिली यह खुशी 24 घंटे भी उनके घर टिक नहीं सकी. अगले ही दिन 13 जनवरी 2019 को कागजों में कमी और मीटर में कमी बताकर मीटर और बिजली का केबल उतारकर लेकर चले गए. ले जाने वाले बोले कि दो चार दिनों में फिर लग जाएगा, लेकिन एक साल पांच महीने बाद भी मानसी के घर बिजली का कनेक्शन नहीं लग सका.
बिजली विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा परेशान
कागज को सही करने के नाम पर लाइनमैन चंद रुपये भी ऐंठ चुका है. दिव्यांग बेटी और पिता बिजली विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर थक गए, लेकिन किसी ने इनकी फरियाद नहीं सुनी. दो बार जिलाधिकारी से भी लिखित में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन शायद जिलाधिकारी को भी इस समस्या का निस्तारण करने के लिए समय नहीं मिल रहा है. इसलिए शुक्रवार को कलक्ट्रेट पर धरने पर बैठकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं. मानसी के पिता का आरोप है कि उनके मकान पर एक दबंग पड़ोसी की नीयत है, जिसके लिए वह बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलकर परेशान कर रहा है.
अधिकारी एसी में रहते हैं हमें एक पंखा नसीब नहीं
दिव्यांग मानसी के पिता विपिन रस्तोगी ने बताया कि सरकार की तरफ से सौभाग्य योजना से घर पर बिजली का कनेक्शन लगा था, लेकिन पड़ोसी की मिलीभगत से वह कनेक्शन अगले दिन ही उतार लिया गया. जिलाधिकारी सहित बिजली विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. गरीब आदमी हूं प्राइवेट नौकरी करता था अब नौकरी से निकाल दिया गया हूं, दो महीने से तनख्वाह भी नहीं मिली है.