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मुरादाबाद: UP पुलिस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल महामारी

यूपी के मुरादाबाद स्थित पुलिस अकादमी के पाठ्क्रम पर "महामारियों में पुलिस की भूमिका" को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. महामारी के दौरान पुलिस किस तरह खुद को सुरक्षित रखे और लोगों की उम्मीदों को कैसे पूरा करे. इसके लिए बाकायदा अकादमी के सिलेबस में नया पाठ्यक्रम शुरू किया गया है.

"महामारियों में पुलिस की भूमिका" पाठ्यक्रम शामिल.
"महामारियों में पुलिस की भूमिका" पाठ्यक्रम शामिल.
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Published : Apr 18, 2020, 2:11 PM IST

मुरादाबाद: कोरोना संकट ने जहां पूरी दुनिया की रफ्तार को ब्रेक लगाया है. वहीं इस संकट काल में आवश्यक सेवा दे रहे कर्मियों के लिए यह नया अनुभव है. महामारियों के दौरान पुलिस किस तरह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे और लोगों की कैसे मदद करे, इसको लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है.

"महामारियों में पुलिस की भूमिका" पाठ्यक्रम शामिल

मुरादाबाद स्थित पुलिस अकादमी के पाठ्क्रम में "महामारियों में पुलिस की भूमिका" को शामिल किया गया है. साथ ही ट्रेनी पुलिस कर्मियों को कोरोना संकट का हवाला देकर महामारी के दौरान लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. कोरोना संकट के चलते पुलिस को नई जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही हैं. लिहाजा अब कर्मियों को प्रशिक्षण देकर इस तरह की स्थिति के लिए तैयार किया जाएगा.

lockdown in moradabad
"महामारियों में पुलिस की भूमिका" पाठ्यक्रम शामिल.

कोरोना महामारी में बदला पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में शामिल भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी में सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी ट्रेनिंग लेते हैं. यूपी कैडर के ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों को भी कुछ दिनों के लिए अकादमी में प्रशिक्षण देकर प्रदेश की जानकारियों से रूबरू कराया जाता है. बीते सालों में प्रदेश पुलिस को कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों से आधुनिक बनाया गया है, लेकिन कोरोना महामारी ने पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को बदलने पर मजबूर किया है.

lockdown in moradabad
राजीव कृष्ण निदेशक पुलिस अकादमी.

राजीव कृष्ण निदेशक पुलिस अकादमी ने बताया

अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे डिप्टी एसपी और सब इंस्पेक्टर के बैच को दो हिस्सों में महामारी से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पुलिस कर्मियों को मेडिकल प्रोटोकॉल को ध्यान में रख कर लोगों की मदद करने, मेडिकल टीम के निर्देशों पर ध्यान देने और खुद को सुरक्षित रखने के तरीके पाठ्यक्रम में पढ़ाये जा रहे हैं. दूसरे हिस्से में पुलिस कर्मियों को कानून की जानकारी दी जा रही है. महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम की जानकारी देकर किस तरह शरारती तत्वों पर कार्रवाई की जाए. इसको भी विशेषज्ञ हर रोज क्लास में पढ़ा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के कानूनों को कई साल बाद लागू किया जा रहा है. लिहाजा प्रशिक्षण जरूरी है.

मानवीय संवेदनओं को समझेगी यूपी पुलिस

पुलिस प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ कोरोना संकट में बेहतर कार्य करने वाले अधिकरियों और पुलिस कर्मियों की जानकारी भी प्रशिक्षु कैडेट को दी जा रहीं है. मानवीय मदद कर रहे विभिन्न जनपदों के पुलिस कर्मियों के कार्यों को केस स्टडी के तौर पर अकादमी में पढ़ाया जा रहा है, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस को मानवीय संवेदना से जोड़ कर महामारियों के दौरान बेहतर फोर्स में तब्दील किया जाए.

मुरादाबाद: कोरोना संकट ने जहां पूरी दुनिया की रफ्तार को ब्रेक लगाया है. वहीं इस संकट काल में आवश्यक सेवा दे रहे कर्मियों के लिए यह नया अनुभव है. महामारियों के दौरान पुलिस किस तरह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे और लोगों की कैसे मदद करे, इसको लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है.

"महामारियों में पुलिस की भूमिका" पाठ्यक्रम शामिल

मुरादाबाद स्थित पुलिस अकादमी के पाठ्क्रम में "महामारियों में पुलिस की भूमिका" को शामिल किया गया है. साथ ही ट्रेनी पुलिस कर्मियों को कोरोना संकट का हवाला देकर महामारी के दौरान लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. कोरोना संकट के चलते पुलिस को नई जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही हैं. लिहाजा अब कर्मियों को प्रशिक्षण देकर इस तरह की स्थिति के लिए तैयार किया जाएगा.

lockdown in moradabad
"महामारियों में पुलिस की भूमिका" पाठ्यक्रम शामिल.

कोरोना महामारी में बदला पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्रों में शामिल भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी में सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी ट्रेनिंग लेते हैं. यूपी कैडर के ट्रेनी आईपीएस अधिकारियों को भी कुछ दिनों के लिए अकादमी में प्रशिक्षण देकर प्रदेश की जानकारियों से रूबरू कराया जाता है. बीते सालों में प्रदेश पुलिस को कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों से आधुनिक बनाया गया है, लेकिन कोरोना महामारी ने पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को बदलने पर मजबूर किया है.

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राजीव कृष्ण निदेशक पुलिस अकादमी.

राजीव कृष्ण निदेशक पुलिस अकादमी ने बताया

अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे डिप्टी एसपी और सब इंस्पेक्टर के बैच को दो हिस्सों में महामारी से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पुलिस कर्मियों को मेडिकल प्रोटोकॉल को ध्यान में रख कर लोगों की मदद करने, मेडिकल टीम के निर्देशों पर ध्यान देने और खुद को सुरक्षित रखने के तरीके पाठ्यक्रम में पढ़ाये जा रहे हैं. दूसरे हिस्से में पुलिस कर्मियों को कानून की जानकारी दी जा रही है. महामारी अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम की जानकारी देकर किस तरह शरारती तत्वों पर कार्रवाई की जाए. इसको भी विशेषज्ञ हर रोज क्लास में पढ़ा रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक इस तरह के कानूनों को कई साल बाद लागू किया जा रहा है. लिहाजा प्रशिक्षण जरूरी है.

मानवीय संवेदनओं को समझेगी यूपी पुलिस

पुलिस प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ कोरोना संकट में बेहतर कार्य करने वाले अधिकरियों और पुलिस कर्मियों की जानकारी भी प्रशिक्षु कैडेट को दी जा रहीं है. मानवीय मदद कर रहे विभिन्न जनपदों के पुलिस कर्मियों के कार्यों को केस स्टडी के तौर पर अकादमी में पढ़ाया जा रहा है, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस को मानवीय संवेदना से जोड़ कर महामारियों के दौरान बेहतर फोर्स में तब्दील किया जाए.

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