मुरादाबाद: कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों पर है. ऐसे में पीतल नगरी भी खास तैयारियों में जुटी है. हस्तशिल्प के सबसे बड़े केंद्र मुरादाबाद में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर झूले तैयार किये जाते है. यहां पर हर साल मुस्लिम कारीगर बड़ी संख्या में झूलों का निर्माण कर इन्हें देश के कई राज्यों में भेजते हैं. इस साल भी लगभग दो करोड़ रुपये से ज्यादा के ऑर्डर कारीगरों को मिले हैं, जिसके बाद झूलों की सप्लाई का काम अंतिम चरण में है.
पीतल नगरी में कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर
हर साल देश में जन्माष्टमी के मौके पर पीतल और अन्य धातुओं से बने झूलों की मांग बढ़ती जा रही है. और हजारों मुस्लिम कारीगर आजकल इन्ही झूलों के निर्माण में जुटे है. धार्मिक मान्यताओं के तहत झूलों को तैयार कर उन्हें ऑर्डर के मुताबिक सप्लाई किया जा रहा है. मुरादाबाद में पिछले कुछ सालों में पीतल के सजावटी उत्पादों के काम में गिरावट आई है जिसके चलते मिक्स मेटल और लकड़ी के उत्पाद निर्यात किये जा रहे है. पीतल पर परम्परागत काम करने वाले कारीगरों के पास धार्मिक त्योहारों और आयोजनों का काम आज भी है और इसके जरिये कारीगर अपने परिवारों का पालन- पोषण कर रहें है.
जन्माष्ठमी के मौके पर तैयार पीतल, लोहे, एल्युमिनियम और लकड़ी के झूले तैयार करने वाले मुस्लिम कारीगर बढ़ते कारोबार से खुश है और हर साल झूलों के डिजाइन में बदलाव कर उसे आकर्षक बना रहे हैं. हालांकि डिजाइन में बदलाव के दौरान धार्मिक मान्यताओं की पूरी जानकारी रखी जाती है. कारीगरों के मुताबिक देश के हर त्योहारों की खूबसूरती यही है कि इसमें सभी देशवासियों की सहभागिता होती है जो एक मजबूत राष्ट्र की निशानी है.