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जहरीली हुई पीतलनगरी, देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में मुरादाबाद

अनलॉक 5.0 में जारी एक्यूआई के आंकड़ों में मुरादाबाद देश के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. हफ्ते भर पहले प्रदूषण में पहले स्थान पर पहुंच गया था. मुरादाबाद में वायु प्रदूषण के पीछे सबसे बड़ा कारक पीतल कारखानों से निकलने वाला धुआं है.

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अनलॉक पार्ट 5.0 में जहरीली हुई पीतलनगरी की हवा.
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Published : Oct 20, 2020, 12:31 PM IST

मुरादाबाद: कोरोना काल में पूरे देश में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया था, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक शुरू होने के बाद से अचानक वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है. पिछले कुछ सालों से मुरादाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है और इस साल भी वायु प्रदूषण का स्तर अन्य शहरों के मुकाबले कहीं अधिक है.

पीतल कारखानों से निकलने वाले धुएं के साथ सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ज्यादा होने से प्रदूषण का स्तर हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जनपद में कई विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे प्रदूषण का स्तर घटने की उम्मीद है.

प्रदूषण में टॉप पर पहुंच गया था मुरादाबाद
सर्दियों के मौसम में मुरादाबाद में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक, मुरादाबाद वायु प्रदूषण के मामलों में देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. वायु प्रदूषण के पीछे जहां पीतल कारखानों से निकलने वाला धुआं शामिल है. वहीं शहर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी बड़े पैमाने पर जलाया जाता रहा है. प्रशासन की सख्ती से इलेक्ट्रॉनिक कचरे के कारोबार पर रोक तो लगी है. बावजूद इसके प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अनलॉक 5.0 में जारी एक्यूआई के आंकड़ों में मुरादाबाद, जहां देश के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. वहीं एक सप्ताह पहले यह नम्बर एक तक पहुंच गया था, जिम्मेदार अधिकारी बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए सड़कों पर वाहनों की अधिक संख्या, नए निर्माण कार्य के शुरू होने और कारखानों से निकलते धुएं को वजह बताते हैं.


शहर के बाहर लगेंगी पीतल फैक्ट्रियां
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, शहर की घनी आबादी में संचालित पीतल फैक्ट्रियों को शहर से बाहर ले जाया जा रहा है. इससे प्रदूषण का स्तर कम होगा. प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम, एमडीए, आवास-विकास, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमों को मैदान में उतारा गया है, जो लगातार क्षेत्र में गश्त कर आवश्यक कार्रवाई करेंगी. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक, नगर निगम द्वारा लगातार सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इससे सड़क से उठने वाली धूल को उड़ने से रोका जा सके. इसके साथ ही निर्माण कार्यों पर भी नजर रखी जा रही है.

सर्दियों में जानलेवा हो जाता है प्रदूषण
सर्दियों के मौसम में कोहरे के साथ वायु प्रदूषण जानलेवा हो जाता है. बीमार बुजुर्गों और बच्चों को इस मौसम में प्रदूषण से काफी नुकसान पहुंचता है. प्रशासन भले ही प्रदूषण नियंत्रण के लाख दावे करता हो, लेकिन सर्दियां शुरू होने से पहले ही प्रदूषण का बढ़ता स्तर प्रशासन के दावों की पोल खोलता नजर आता है.

मुरादाबाद: कोरोना काल में पूरे देश में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया था, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक शुरू होने के बाद से अचानक वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है. पिछले कुछ सालों से मुरादाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है और इस साल भी वायु प्रदूषण का स्तर अन्य शहरों के मुकाबले कहीं अधिक है.

पीतल कारखानों से निकलने वाले धुएं के साथ सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ज्यादा होने से प्रदूषण का स्तर हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जनपद में कई विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे प्रदूषण का स्तर घटने की उम्मीद है.

प्रदूषण में टॉप पर पहुंच गया था मुरादाबाद
सर्दियों के मौसम में मुरादाबाद में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक, मुरादाबाद वायु प्रदूषण के मामलों में देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. वायु प्रदूषण के पीछे जहां पीतल कारखानों से निकलने वाला धुआं शामिल है. वहीं शहर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी बड़े पैमाने पर जलाया जाता रहा है. प्रशासन की सख्ती से इलेक्ट्रॉनिक कचरे के कारोबार पर रोक तो लगी है. बावजूद इसके प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अनलॉक 5.0 में जारी एक्यूआई के आंकड़ों में मुरादाबाद, जहां देश के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. वहीं एक सप्ताह पहले यह नम्बर एक तक पहुंच गया था, जिम्मेदार अधिकारी बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए सड़कों पर वाहनों की अधिक संख्या, नए निर्माण कार्य के शुरू होने और कारखानों से निकलते धुएं को वजह बताते हैं.


शहर के बाहर लगेंगी पीतल फैक्ट्रियां
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, शहर की घनी आबादी में संचालित पीतल फैक्ट्रियों को शहर से बाहर ले जाया जा रहा है. इससे प्रदूषण का स्तर कम होगा. प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम, एमडीए, आवास-विकास, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमों को मैदान में उतारा गया है, जो लगातार क्षेत्र में गश्त कर आवश्यक कार्रवाई करेंगी. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक, नगर निगम द्वारा लगातार सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इससे सड़क से उठने वाली धूल को उड़ने से रोका जा सके. इसके साथ ही निर्माण कार्यों पर भी नजर रखी जा रही है.

सर्दियों में जानलेवा हो जाता है प्रदूषण
सर्दियों के मौसम में कोहरे के साथ वायु प्रदूषण जानलेवा हो जाता है. बीमार बुजुर्गों और बच्चों को इस मौसम में प्रदूषण से काफी नुकसान पहुंचता है. प्रशासन भले ही प्रदूषण नियंत्रण के लाख दावे करता हो, लेकिन सर्दियां शुरू होने से पहले ही प्रदूषण का बढ़ता स्तर प्रशासन के दावों की पोल खोलता नजर आता है.

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