मुरादाबाद : जिले के थाना भगतपुर के रुस्तमपुर तिगरी ग्राम पंचायत में बाहर से आए कुछ लोगों के फर्जी वोट बनाए जाने की शिकायत जिलाधिकारी को शपथपत्र के साथ 18 दिसंबर 2020 को गांव के ही निवासी नाजिर ने की थी. शिकायत में पूर्व प्रधान शकील अहमद पर बीएलओ से मिलीभगत कर फर्जी कागजों के आधार पर वोटर बनवाने की बात कही गई थी.
कार्यवाही न होने पर एक जनवरी 2021 को फिर से एक शिकायत कमिश्नर मुरादाबाद के पास भेजी गई. इसके बाद पूरे मामले की जांच में फर्जी वोट बनाने का मामला सही पाया गया. इसके बाद संबंधित बीएलओ को निलंबित कर दिया गया. वहीं, जिस परिवार का फर्जी वोट बनाए जाने का आरोप है, उस परिवार का कहना है कि वह लोग भोजपुर के ही रहने वाले है. पिछले पांच साल से वह भोजपुर से रूस्तमपुर में रह रहे हैं. किसी ने उनके परिवार पर झूठा आरोप लगाया है.
शिकायतकर्ता नाजिर का कहना हैं कि लॉकडाउन के समय कुछ लोग गांव में आए और यहां रहने लगे. इतना ही नहीं, पूर्व ग्राम प्रधान शकील ने इन सभी को ग्राम रुस्तमपुर तिगरी का निवासी बताते हुए बीएलओ प्रशांत कुमार से इन लोगों को वोटर लिस्ट में शामिल करा दिया. सभी का नाम परिवार रजिस्टर में भी दर्ज करा दिया.
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आधार कार्ड से फर्जी वोटर बनवाकर बैंक खाते भी खुलवाए
पहले वोटर आधार कार्ड बनवाए गए. उसके आधार पर ग्राम प्रधान ने फर्जी तरीके से इनके वोट बनवाए. वोटर और आधार कार्ड के आधारकार्ड के आधार पर फर्जी तरीके से बैंक में खाते भी खुलवा दिए गए. आरोप है कि ग्राम पंचायत चुनाव में लाभ लेने के लिए पूर्व ग्राम प्रधान ने यह फर्जी वोट बनवाए हैं.
कमिश्नर से शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
मुरादाबाद कमिश्नर को एक शिकायती पत्र 18 दिसंबर 2020 को नाजिर और पीरबख्श द्वारा दिया गया. इसकी जांच के आदेश एसडीएम सदर को दिए गए. जब जांच कराई गई तो फर्जी वोटर बनाए जाने की बात सही पाई गई. इसे लेकर बीएलओ प्रशांत कुमार को निलंबित कर दिया गया.
'पुलिस कर रही परेशान'
जिस परिवार का फर्जी वोट बनाए जाने का आरोप लगाया गया, उस परिवार की खुशी ने बताया कि पुलिस परेशान कर रही है. कहा, 'बस ऐसे ही कोई हमारे ऊपर कोई कार्रवाई करवा रहा है. पुलिस बार-बार नाम पता पूछती है. मेरे पापा हैं ही नहीं. मेरी तीन बहने और एक छोटा भाई है. भीख मांग के खाना खाते हैं. हमारे राशन कार्ड और आधारकार्ड बहुत पहले से बने हुए है. छह साल से हम लोग यहां रह रहे हैं'.
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हम लोग भोजपुर के रहने वाले
जरीना ने बताया, 'रुस्तमपुर तीगरी में पिछले 5 साल से रह रही हूं. हमें परेशान किया जा रहा है. किसी ने हमारे बारे में प्रार्थना पत्र दिया है. हमें बहुत समय गुजर गया यहां रहते हुए. हमें परेशान कर दिया. हमें फसवाना चाहते हैं. हमने एक बीघा जमीन ले रखी है. मेरे परिवार में 10 से 12 लोग हैं. हम तो भोजपुर के ही रहने वाले हैं. हमारे बाबा-दादा यहीं खत्म हो गए, वहां हमारी रिस्तेदारों से लड़ाई होती रहती है. मुझे और मेरे परिवार को मारते थे. इसके डर से बच्चों को लेकर यहां रहने लगी हूं. हमारे पास आधार कार्ड और पहचान पत्र भी है. हमें यहां से पता नही क्यों हटाया जा रहा है'.
बीएसए ने बीएलओ पर कार्रवाई की दी जानकारी
पूरे प्रकरण पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि फर्जी वोट बनवाए जाने की एक शिकायत की गई थी. इसकी जांच एसडीएम सदर ने करवाई तो 16 लोगों के गलत तरीके से वोट बनवाए जाने की बात सामने आई. इसकी रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी गई. चूंकि बीएलओ एक सरकारी स्कूल के एक सहायक अध्यापक है, इस आधार पर बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई को बोला गया. अध्यापक बीएलओ को निलंबित कर दिया गया है.