मुरादाबाद: पुलिस के एक सिपाही द्वारा एक किसान की जबरन जमीन हड़पने के मामले में पिछले 24 दिनों से भूख हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठे किसान ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया. किसान की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया.
मृतक किसान के परिजनों का आरोप है कि पुलिस के एक सिपाही ने पौने तीन बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराने के बहाने रजिस्ट्री करवा ली थी. जमीन के रुपये लेने के लिए किसान सिपाही के घर के चक्कर लगाता रहा था. रुपये नहीं मिलने पर न्याय के लिए जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई थी लेकिन फायदा नहीं हुआ. न्याय नहीं मिलने पर मृतक अपने घर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गया जिसकी आज मौत हो गई.
परिजन किसान का शव लेकर एसएसपी ऑफिस के बाहर बैठ गए. जिसके बाद पुलिस और मृतक के परिजनों के बीच शव को कब्जे में लेने के लिए खींचतान शुरू हुई. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
पूरा मामला
आमरण अनशन पर बैठे किसान शेर सिंह की शुक्रवार दोपहर मौत हो गई. वह पिछले 24 दिनों से अपने घर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे थे. 2011 में एक सिपाही ने उनकी पौने तीन बीघा जमीन को धोखे से अपने नाम कर उस पर जबरन कब्जा कर लिया था. किसान ने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों से भी शिकायत की थी. इंसाफ नहीं मिलने पर किसान ने भूख हड़ताल करने के फैसला लिया था. इतने लंबे वक्त तक भूख हड़ताल के कारण किसान का स्वास्थ्य लगातार गिरता चला गया और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई. किसान की पत्नी लीलावती ने सिपाही पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया है. महिला ने सिपाही के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को तहरीर दी है.
पत्नी लीलावती के अनुसार शेर सिंह की धीमरी गांव में ही पौना तीन बीघा जमीन थी. 2011 में सिविल लाइंस के हिमगिरी कालोनी निवासी सिपाही महेंद्र सिंह दलालों के साथ जमीन देखने पहुंच गया. उसको जमीन पसंद आ गई. सिपाही ने दलालों के जरिए 65 लाख में पौने तीन बीघा जमीन का किसान से सौदा कर लिया. सिपाही महेंद्र सिंह ने किसान को बयाना तौर पर 10 हजार रुपए दे दिए. जिसके बाद सिपाही शेर सिंह को एग्रीमेंट कराने के बहाने रजिस्ट्री ऑफिस ले गया. सिपाही ने एग्रीमेंट के बदले किसान से धोखाधड़ी करके पौने तीन बीघा जमीन का बैनामा करा लिया. किसान ने कुछ दिन बाद जब सिपाही से जमीन के पैसे मांगे तो उसको बैनामे की जानकारी हुई.
किसान ने अधिकारियों से लगाई थी गुहार
जब किसान को एग्रीमेंट के बहाने बैनामे की बात पता चली तो किसान के होश उड़ गए. किसान पटवारी और तहसीलदार समेत डीएम से मिले लेकिन उसको कहीं से भी मदद नहीं मिली. वह बीते 9 सालों से कोर्ट और प्रशासनिक अधिकारियों के ऑफिसों के चक्कर लगा रहे थे. मृतक किसान की पत्नी लीलावती के अनुसार अनशन से कुछ दिन पहले ही शेर सिंह मौजूदा डीएम राकेश कुमार सिंह से मिले थे. जिलाधिकारी से भी उनको निराशा ही हाथ लगी. इंसाफ नहीं मिलने पर उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला लिया.
शव लेकर एसएसपी कार्यालय के बाहर बैठे परिजन
सिपाही की गिरफ्तारी को लेकर मृतक किसान शेर सिंह का शव लेकर परिजन एसएसपी कार्यालय के बाहर बैठ गए. पुलिस वालों के द्वारा शव को कब्जे में लेने के लिए परिजनों और पुलिस वालों के बीच खींचतान हो गयी. जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
जिला अस्पताल के डॉक्टर एके सिंह ने बताया कि परिजन बुजुर्ग को मृत अवस्था में जिला अस्पताल लेकर आए थे. परिजनों ने जानकारी दी थी कि मृतक ने काफी दिनों से कुछ नहीं खाया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सब स्पष्ट हो पाएगा.
2015 में सिपाही के खिलाफ दर्ज कराया था मामला
एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि शेर सिंह नामक किसान की तबीयत काफी लंबे समय से खराब चल रही थी. जिसे लेकर शुक्रवार को उसके परिजन पुलिस कार्यालय पर आए. पुलिस तत्काल शेर सिंह को जिला अस्पताल लेकर पहुंची जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों का कहना है कि उन्होंने 2011 में सिपाही महेंद्र सिंह को जमीन बेची थी और 2015 में पैसे ना देने और धोखाधड़ी आरोप में थाना सिविल लाइन में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. जिसमें पुलिस ने चार्जशीट लगाई थी.
इस समय मुकदमा माननीय न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है कुछ दिन पूर्व महेंद्र पाल सिंह के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उन्होंने अपने निवास स्थान पर अनशन पर रहने की बात कही थी. उसके द्वारा उन्होंने अवगत कराया था कि अनशन समाप्त किया है. शेर सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे आज उनकी मृत्यु हो गई है. इसमें उनके शव को पीएम के लिए भेजा गया, सभी तत्वों का संज्ञान लेते हुए इसमें विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी.