मुरादाबादः जिले के बिलारी विधानसभा से विधायक के चाचा व सपा नेता पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता ने सपा विधायक और उनके परिवार वालों पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत की थी. इस पर डीएम मुरादाबाद ने मामले की जांच एसडीएम बिलारी को सौंप दी थी. जांच में बिलारी विधायक फहीम के चाचा उस्मान दोषी पाए गए. एसडीएम के आदेश पर बिलारी थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
विधायक सहित पूरे परिवार पर था आरोप
बिलारी तहसील के ही जटपुरा गांव के निवासी सन्नी लाठर ने आरोप लगाया था कि बिलारी क्षेत्र से सपा विधायक फहीम और उनके परिवार वालों ने सामान्य जाति के होने के बाद भी पिछड़ी जाति (झोजा जाति) का फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ा था. इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी. मुख्यमंत्री के आदेश पर मुरादाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार ने 2 सितंबर 2020 को इसकी जांच एसडीएम बिलारी को सौंपी. एसडीएम बिलारी प्रशांत तिवारी ने जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर 10 सितंबर को प्रमाण पत्र निरस्त करते हुए मुकदमे के आदेश दिए थे.
धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
एसडीएम बिलारी प्रशांत तिवारी ने बताया कि सन्नी लाठर ने इस मामले में शिकायत की थी. जांच में बिलारी से सपा नेता मोहम्मद उस्मान के प्रमाण पत्र फर्जी निकले हैं. उनके खिलाफ बिलारी थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है.
सपा नेता ने सोशल मीडिया पर रखा अपना पक्ष
बिलारी सपा नेता मोहम्मद उस्मान को अपने ऊपर मुकदमा दर्ज होने की जानकारी हुई तो उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने वीडियो वायरल करते हुए बताया कि राजनीतिक तौर पर मुझे फंसाया जा रहा है. आगामी पंचायती चुनाव में में हिस्सा लेने वाला हूं. समाजवादी पार्टी का एक सक्रिय कार्यकर्ता हूं. सिर्फ इस खातिर मुझ पर यह मुकदमा कराया गया है क्योंकि मैं चुनाव नहीं लड़ सकूं.
निचले स्तर पर न्याय नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट में करूंगा अपील
मोहम्मद उस्मान ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार बनाते हैं. मेरा जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार बिलारी की तरफ से जारी किया गया था. शिकायत के बाद जिला स्तरीय सत्यापन समिति ने उसकी समीक्षा की. उसमें भी गलत आधार पर उसको निरस्त करने का आदेश कर दिया. उसके खिलाफ मैंने मंडल स्तरीय फोरम में अपील कर दी है. वहां से भी अगर मुझे राजनीति दबाव में मेरे खिलाफ आदेश करा दिया गया तो फिर मेरे लिए विकल्प राज स्तरीय कमेटी का बनता है. वहां से भी अगर मेरे खिलाफ किसी दबाव में आदेश कर दिया गया तो फिर मेरे पास हाईकोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट के विकल्प मौजूद हैं. वैसे मैं उम्मीद करता हूं कि मंडल स्तरीय फोरम भी हर हालत में तथ्यों के आधार पर फैसला करेगी और वो फैसला मेरे पक्ष में होगा.
एसडीएम ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर दिए मुकदमे के आदेश
इस मामले में एसडीएम प्रशांत तिवारी ने बताया एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें कार्यकर्ता के आरोपों में जांच की गई. उसमें वह दोषी पाया गया है और आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए.