मुरादाबाद: देश में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामलों को लेकर हर कोई चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार भी प्रदूषण रोकने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है. देश के कई शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर जहां समाज में भी जागरूकता बढ़ रहीं है वहीं जिले में बीटेक के तीन छात्रों ने प्रदूषण मापने के लिए खास डिवाइस तैयार की है.
प्रदूषण मापने के लिए छात्रों ने बनाया नया डिवाइस
यह डिवाइस कीमत में सस्ती और आकार में छोटी है. इस डिवाइस को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है. छात्रों द्वारा बनाई यह डिवाइस अपने आस-पास का तापमान, आद्रता और कार्बन का स्तर मापती है. डिवाइस पर लगी स्क्रीन आंकड़ों को प्रदर्शित करती है, जिसके जरिए आसानी से प्रदूषण का स्तर मालूम किया जा सकता है.
बीटेक के छात्रों ने बनाया डिवाइस
जनपद के सिविल लाइन स्थित एक निजी कॉलेज में बीटेक के छात्रों द्वारा तैयार की गई यह डिवाइस आसानी से वायु प्रदूषण का स्तर माप सकती है. इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के फाइनल सेमेस्टर के तीन छात्रों ने इस डिवाइस को दीपावली के बाद लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते तैयार किया. प्रदूषण मापने के लिए बाजार में मौजूद डिवाइसों की कीमत दस से पन्द्रह हजार रुपये से शुरू होती है. ज्यादा कीमत होने के चलते कम लोग ही इन्हें खरीद पाते थे. लिहाजा छात्रों ने महज एक हजार रुपयों की लागत में यह डिवाइस तैयार की है, जिसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.
डिवाइस से तापमान, आद्रता और वायु में कार्बन का स्तर भी मापा जा सकेगा है
छात्रों ने इस डिवाइस से तापमान, आद्रता और वायु में कार्बन का स्तर मापने को लिए इसे तैयार किया है. डिवाइस में छात्रों द्वारा दो सेंसर का इस्तेमाल किया गया है, जो तापमान और कार्बन की मात्रा को मापते हैं. डिवाइस पर लगी एलसीडी डिवाइस के आंकड़ों को प्रदर्शित कर आंकड़े दर्शाती है. इस डिवाइस को लोग अपने घरों और ऑफिसों में भी इस्तेमाल कर वायु प्रदूषण की जांच कर जरूरी कदम उठा सकते हैं. छात्रों के मुताबिक उनकी अगली कोशिश कम कीमत में वायु प्रदूषण से जुड़े पीएम-2 और पीएम-10 को जांचने के लिए डिवाइस बनाने की है, जिसे लोगों को ज्यादा आंकड़े मिल सकें.
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प्रदूषण रोकने के लिए प्रशासन कर सकती है कई इंतजाम
डिवाइस तैयार करने के बाद छात्रों ने इसके जरिए शहर के कई इलाकों में प्रदूषण की जांच कर आंकड़ों का मिलान केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्र बोर्ड के आंकड़ो से भी किया, जिसमें आंकड़े एक समान मिलें. छात्रों के मुताबिक इस डिवाइस के जरिए प्रदूषण का स्तर मापने के बाद ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों के लिए प्रशासन अलग से कार्ययोजना तैयार कर सकता है. साथ ही कीमत कम होने के चलते आम लोग भी अपने घरों में प्रदूषण के स्तर को माप कर इसको कम करने के उपाय तलाश पाएंगे.