मुरादाबाद: पिछले कुछ सालों से बदहाली की मार झेल रहे पीतल उद्योग में अब कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाये जाने के बाद नई उम्मीद जगी है. कारोबारियों के लिए कश्मीर में उद्योग विकसित करने का आह्वान प्रधानमंत्री ने भी किया है ऐसे में मुरादाबाद के पीतल उद्योग से जुड़े कारोबारी कश्मीर में कारोबार को लेकर राह तलाश रहे हैं.
मुरादाबाद का पीतल उद्योग पिछले कुछ सालों से लगातार अपनी चमक खोता जा रहा है. बदहाली और मंदी से बचने के लिए आज ज्यादातर कारोबारी पीतल को अलविदा कहकर मिक्स मैटल को अपना चुके हैं. दुनिया की मांग पर पीतल नगरी ने लकड़ियों के बने उत्पादों को भी बनाना शुरू किया है. मुरादाबाद में निर्यात होने वाले लकड़ी के उत्पाद आम की लकड़ी से तैयार किये जाते हैं लेकिन कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद कारोबारियों की नजर अब अखरोट की लकड़ी पर है जो कश्मीर में भरपूर है और आम की लकड़ी से ज्यादा मजबूत और सस्ती भी है.
यूरोप और अमेरिका में निर्यात होने वाले पेपर मैसी और क्रिसमस उत्पाद के लिए भी कश्मीर में बहुत सम्भावना है. कश्मीर का पारंपरिक कालीन उद्योग भी विदेशी मुद्रा अर्जित करने का सबसे बड़ा माध्यम बन सकता है. निर्यातकों के मुताबिक कश्मीर में उद्योग शुरू करने से जहां कश्मीर की कारीगरी दुनिया में पहुंचाई जा सकती है वहीं कश्मीर को लेकर एक फायदा यह भी है कि ज्यादातर विदेशी ग्राहक यहां व्यापार और पर्यटन एक साथ कर पाएंगे.