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लॉकडाउन-3: व्यापारिक मैदान में उतरे पीतल निर्यातक, फैक्ट्रियों में तैयारियां शुरू - मुरादाबाद समाचार

लॉकडाउन-3 में कारोबारी गतिविधि में मिली छूट के बाद, यूपी के मुरादाबाद में पीतल कारोबार दोबारा शुरू किया जा रहा है. पीतल फर्मों और फैक्ट्रियों को साफ करने के साथ ही उनको सैनिटाइज भी किया जा रहा है. इतना ही नहीं निर्यात फर्मों में सैनिटाइजर टनल और अन्य जरूरी उपाय अपनाए जाएंगे.

मुरादाबाद में दोबारा शुरू की जा रहीं बंद पड़ी फैक्ट्रियां.
मुरादाबाद में दोबारा शुरू की जा रहीं बंद पड़ी फैक्ट्रियां.
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Published : May 5, 2020, 9:06 PM IST

Updated : May 14, 2020, 8:44 PM IST

मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद, एक बार फिर अपने कारोबार को रफ्तार देने की तैयारियों में जुट गया है. लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार ने खास दिशा-निर्देशों के साथ कारोबारी गतिविधि में छूट दी है. जिसके बाद पीतल फर्मों को सेनिटाइज करने के साथ अन्य जरूरी इंतजाम किए जा रहें हैं. कोरोना संकट से पीतल कारोबार को बड़ा झटका लगा है. लिहाजा कारोबारी अब उन विदेशी ग्राहकों पर नजर टिकाए हैं, जो पहले चाइना से कारोबार कर रहे थे. मुरादाबाद जनपद के रेड जोन में होने के चलते निर्यातकों के सामने कई मुश्किलें है, लेकिन कारोबारी सीमित संसाधनों के साथ एक बार फिर मैदान में है.

मुरादाबाद में दोबारा शुरू की जा रहीं बंद पड़ी फैक्ट्रियां.

'दोबारा शुरू हो रहीं बंद पड़ीं फैक्ट्रियां'

कोरोना संकट के कारण लगभग अस्सी फीसदी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद पीतल की बंद पड़ी फैक्ट्रियां दोबारा शुरू की जा रही हैं. जिसके लिए निर्यातक तैयारियों में जुट गए हैं. बंद पड़ी फैक्ट्रियों को सेनिटाइज करने के साथ ही साफ-सफाई की जा रही है. मजदूरों के लिए थर्मल गन, सेनिटाइजर और हेल्थ चेकअप के इंतजाम फैक्टियों में ही मुहैया कराए जाएंगे. निर्यात फर्मों में सेनिटाइजर टनल भी बनाये जा रहे हैं.


'11 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का होता है व्यापार'
पीतल नगरी मुरादाबाद हर साल साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये का विदेशी और तीन हजार करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार पीतल उत्पादों के जरिये करती है. पांच लाख पीतल मजदूरों वाले इस शहर में तीन हजार निर्यातक हैं. यह दिन-रात पीतल उत्पादों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाते हैं. कोरोना संकट के चलते इस साल पीतल कारोबारियों के पास विदेशी ऑर्डर न के बराबर हैं.

'विदेशी ग्राहकों को तलाश में जुटी निर्यातकों की नजरें'

पीतल निर्यातकों के मुताबिक कोरोना संकट के चलते इस बार विदेशों से ऑर्डर नहीं मिले है. चाइना में कोरोना फैलने के बाद कई विदेशी बाजारों ने भारत का रुख किया था और अब उनको रोके रखना कारोबार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. भारतीय हस्तशिल्प उघोग को चाइना हमेशा से टक्कर देता आया है. कोरोना संकट के बाद चाइना की अंतराष्ट्रीय छवि खराब हुई है, जिसका फायदा भारतीय कारोबारियों को मिल सकता है. हालांकि निर्यातकों के सामने दिक्कत यह भी है कि पीतल कारोबार से जुड़े ज्यादा कारीगर हॉटस्पॉट क्षेत्रों में रहते हैं और उनके घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है.

पीतल कारोबारियों के लिए यह समय विदेशी ऑर्डर लेने और उन्हें तैयार करने का होता है. लॉकडाउन-3 में कारोबार शुरू करने के निर्णय के बाद कारोबारी अब नई शुरुआत के लिए तैयार हैं. बंद पड़ी फैक्ट्रियों को कोरोना मुक्त रखने के इंतजाम के साथ ही निर्यातकों की नजरें विदेशी ग्राहकों को भी तलाशने में जुटी हैं.

मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद, एक बार फिर अपने कारोबार को रफ्तार देने की तैयारियों में जुट गया है. लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार ने खास दिशा-निर्देशों के साथ कारोबारी गतिविधि में छूट दी है. जिसके बाद पीतल फर्मों को सेनिटाइज करने के साथ अन्य जरूरी इंतजाम किए जा रहें हैं. कोरोना संकट से पीतल कारोबार को बड़ा झटका लगा है. लिहाजा कारोबारी अब उन विदेशी ग्राहकों पर नजर टिकाए हैं, जो पहले चाइना से कारोबार कर रहे थे. मुरादाबाद जनपद के रेड जोन में होने के चलते निर्यातकों के सामने कई मुश्किलें है, लेकिन कारोबारी सीमित संसाधनों के साथ एक बार फिर मैदान में है.

मुरादाबाद में दोबारा शुरू की जा रहीं बंद पड़ी फैक्ट्रियां.

'दोबारा शुरू हो रहीं बंद पड़ीं फैक्ट्रियां'

कोरोना संकट के कारण लगभग अस्सी फीसदी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद पीतल की बंद पड़ी फैक्ट्रियां दोबारा शुरू की जा रही हैं. जिसके लिए निर्यातक तैयारियों में जुट गए हैं. बंद पड़ी फैक्ट्रियों को सेनिटाइज करने के साथ ही साफ-सफाई की जा रही है. मजदूरों के लिए थर्मल गन, सेनिटाइजर और हेल्थ चेकअप के इंतजाम फैक्टियों में ही मुहैया कराए जाएंगे. निर्यात फर्मों में सेनिटाइजर टनल भी बनाये जा रहे हैं.


'11 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का होता है व्यापार'
पीतल नगरी मुरादाबाद हर साल साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये का विदेशी और तीन हजार करोड़ रुपये का घरेलू कारोबार पीतल उत्पादों के जरिये करती है. पांच लाख पीतल मजदूरों वाले इस शहर में तीन हजार निर्यातक हैं. यह दिन-रात पीतल उत्पादों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाते हैं. कोरोना संकट के चलते इस साल पीतल कारोबारियों के पास विदेशी ऑर्डर न के बराबर हैं.

'विदेशी ग्राहकों को तलाश में जुटी निर्यातकों की नजरें'

पीतल निर्यातकों के मुताबिक कोरोना संकट के चलते इस बार विदेशों से ऑर्डर नहीं मिले है. चाइना में कोरोना फैलने के बाद कई विदेशी बाजारों ने भारत का रुख किया था और अब उनको रोके रखना कारोबार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. भारतीय हस्तशिल्प उघोग को चाइना हमेशा से टक्कर देता आया है. कोरोना संकट के बाद चाइना की अंतराष्ट्रीय छवि खराब हुई है, जिसका फायदा भारतीय कारोबारियों को मिल सकता है. हालांकि निर्यातकों के सामने दिक्कत यह भी है कि पीतल कारोबार से जुड़े ज्यादा कारीगर हॉटस्पॉट क्षेत्रों में रहते हैं और उनके घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध है.

पीतल कारोबारियों के लिए यह समय विदेशी ऑर्डर लेने और उन्हें तैयार करने का होता है. लॉकडाउन-3 में कारोबार शुरू करने के निर्णय के बाद कारोबारी अब नई शुरुआत के लिए तैयार हैं. बंद पड़ी फैक्ट्रियों को कोरोना मुक्त रखने के इंतजाम के साथ ही निर्यातकों की नजरें विदेशी ग्राहकों को भी तलाशने में जुटी हैं.

Last Updated : May 14, 2020, 8:44 PM IST
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