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मुरादाबाद: प्रदूषण नियंत्रण में फेल अस्पतालों पर लगा 24 लाख का जुर्माना

मुरादाबाद में पिछले कुछ सालों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है. वहीं प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कार्रवाई के बाद भी ज्यादातर विभाग मानकों का पालन नहीं कर रहें है. प्रदूषण को लेकर चिंतित एनजीटी द्वारा सख्ती बरतने के बाद अब प्रदूषण रोकने को लेकर विभाग एक्शन मोड में है.

प्रदूषण नियंत्रण में फेल होने पर हुई कार्रवाई
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Published : Sep 25, 2019, 7:55 PM IST

मुरादाबाद: देश में प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावों के बाद भी सरकारी महकमे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला मुरादाबाद का है, जहां प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हुए जिला महिला एवं पुरुष अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाया गया है. अस्पतालों के वेस्टेज का सही तरीके से निस्तारण न होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी के आदेश के बाद अस्पतालों पर बारह-बारह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पताल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रडार पर है.

जिले के कई अस्पतालों पर हुई कार्रवाई.

प्रदूषण नियंत्रण में निजी अस्पतालों के साथ सरकारी अस्पताल भी नाकाम साबित हो रहें हैं. मुरादाबाद जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला महिला एवं पुरुष अस्पताल पर प्रदूषण रोकने के प्रभावी इंतजाम करने में विफल रहने पर कुल चौबीस लाख रुपये का जुर्माना किया है.

इसे भी पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खां को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक

2016 में एनजीटी ने सभी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकारी अस्पतालों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले सप्ताह अस्पतालों को सहमति पत्र लेने का नोटिस जारी किया था, लेकिन अस्पतालों ने इसे भी किनारे कर दिया. जिला महिला एवं पुरुष अस्पताल की जांच पिछले महीने एनजीटी की एक टीम ने की थी, जिसमें अस्पताल प्रदूषण के मानक पर फेल साबित हुए थे.

एनजीटी के आदेशों के बाद भी सरकारी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लग पाया है, जिससे अस्पतालों से निकलने वाला प्रदूषित पानी पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है. जिला अस्पतालों की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद जुर्माने की कार्रवाई की गई है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक मुरादाबाद जनपद के सरकारी अस्पतालों पर कार्रवाई के बाद अब निजी अस्पतालों की जांच की जा रही है और एनजीटी के सख्त आदेश हैं कि मानकों को पूरा न करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाए.

मुरादाबाद: देश में प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावों के बाद भी सरकारी महकमे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला मुरादाबाद का है, जहां प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हुए जिला महिला एवं पुरुष अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाया गया है. अस्पतालों के वेस्टेज का सही तरीके से निस्तारण न होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी के आदेश के बाद अस्पतालों पर बारह-बारह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पताल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रडार पर है.

जिले के कई अस्पतालों पर हुई कार्रवाई.

प्रदूषण नियंत्रण में निजी अस्पतालों के साथ सरकारी अस्पताल भी नाकाम साबित हो रहें हैं. मुरादाबाद जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला महिला एवं पुरुष अस्पताल पर प्रदूषण रोकने के प्रभावी इंतजाम करने में विफल रहने पर कुल चौबीस लाख रुपये का जुर्माना किया है.

इसे भी पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खां को बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर रोक

2016 में एनजीटी ने सभी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकारी अस्पतालों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले सप्ताह अस्पतालों को सहमति पत्र लेने का नोटिस जारी किया था, लेकिन अस्पतालों ने इसे भी किनारे कर दिया. जिला महिला एवं पुरुष अस्पताल की जांच पिछले महीने एनजीटी की एक टीम ने की थी, जिसमें अस्पताल प्रदूषण के मानक पर फेल साबित हुए थे.

एनजीटी के आदेशों के बाद भी सरकारी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लग पाया है, जिससे अस्पतालों से निकलने वाला प्रदूषित पानी पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है. जिला अस्पतालों की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद जुर्माने की कार्रवाई की गई है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक मुरादाबाद जनपद के सरकारी अस्पतालों पर कार्रवाई के बाद अब निजी अस्पतालों की जांच की जा रही है और एनजीटी के सख्त आदेश हैं कि मानकों को पूरा न करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाए.

Intro:एंकर: मुरादाबाद: देश में प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावों के बाद भी सरकारी महकमे सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. ताजा मामला मुरादाबाद जनपद के है जहां प्रदूषण रोकने में नाकाम साबित हुए जिला महिला एंव पुरुष अस्पतालों पर भारी जुर्माना लगाया गया है. अस्पतालों के वेस्टेज के सही तरीके से निस्तारण न होने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी के आदेश के बाद बारह- बारह लाख रुपये का जुर्माना अस्पतालों पर लगाया है. सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पताल भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रडार पर है और निजी अस्पतालों की जांच का काम जारी है.


Body:वीओ वन: प्रदूषण नियंत्रण में निजी अस्पतालों के साथ सरकारी अस्पताल भी नाकाम साबित हो रहें है. मुरादाबाद जिले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुरुष एंव महिला जिला अस्पताल पर प्रदूषण रोकने के प्रभावी इंतजाम करने में विफल रहने पर कुल चौबीस लाख रुपये का जुर्माना किया है. दरअसल 2016 में एनजीटी ने सभी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए थे लेकिन सरकारी अस्पतालों ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले सप्ताह अस्पतालों को सहमति पत्र लेने का नोटिस जारी किया था लेकिन अस्पतालों ने इसे भी किनारे कर दिया. जिला महिला एंव पुरुष अस्पताल की जांच पिछले महीने एनजीटी की एक टीम ने की थी जिसमें अस्पताल प्रदूषण के मानक पर फेल साबित हुए थे.
बाईट: अजय शर्मा: क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी
वीओ टू: सरकारी अस्पतालों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एनजीटी के आदेशों के बाद भी नहीं लग पाया है जिससे अस्पतालों से निकलने वाला प्रदूषित पानी पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है. जिला अस्पतालों की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद जुर्माने की कार्रवाई की गई है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक मुरादाबाद जनपद के सरकारी अस्पतालों पर कार्रवाई के बाद अब निजी अस्पतालों की जांच की जा रही है और एनजीटी के सख्त आदेश है कि मानकों को पूरा न करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाय.
बाईट: अजय शर्मा: क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी



Conclusion:वीओ तीन: मुरादाबाद जनपद में पिछले कुछ सालों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कार्रवाई के बाद भी ज्यादातर विभाग मानकों का पालन नहीं कर रहें है. रामगंगा में प्रदूषण को लेकर चिंतित एनजीटी द्वारा सख्ती बरतने के बाद अब प्रदूषण रोकने को लेकर विभाग एक्शन मोड में है और विभागीय अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही मानकों का पालन न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
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