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एक फैसले ने MDA के 110 कर्मियों की छीन ली नौकरी

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में आईएएस यशू रुस्तगी के एक फैसले ने तकरीबन 110 चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों की नौकरी एक झटके में ले ली. नौकरी से निकालने की मांग को लेकर कर्मचारी 2 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं.

आंदोलन करते मुरादाबाद विकास प्राधिकरण कर्माचारी.
आंदोलन करते मुरादाबाद विकास प्राधिकरण कर्माचारी.
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Published : Jan 5, 2021, 6:06 PM IST

मुरादाबादः एक तरफ जहां योगी सरकार लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करने का प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के ही आला अधिकारी वर्षों पुराने चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को उनकी नौकरी से निकालने पर आमादा हैं. इसी कड़ी में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (MDA) में आईएएस यशू रुस्तगी के एक फैसले ने तकरीबन 110 चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों की नौकरी एक झटके में ले ली. नौकरी जाने के कारण कर्मचारी 2 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. वह भी ऐसे समय में जब जिले में धारा 144 लागू है.

नौकरी जाने के बाद प्रदर्शन कर रहे MDA के कर्मचारी.

दो दिनों से धरने पर बैठे कर्मचारी
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन के साथ अन्य संगठनों के बैनर तले मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यालय परिसर में तकरीबन 110 कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन चल रहा है. दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत कर्मियों को मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष यशु रस्तोगी ने एक झटके में बाहर कर दिया. इन्हें ना तो किसी तरह की पूर्व सूचना दी गयी. बिना बताए ही 24 दिसंबर से इन कर्मियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया. जिसकी वजह से आधी उम्र के पड़ाव में पहुंच चुके कर्मी अब आंदोलन के लिए बाध्य हैं.

आंदोलन करते मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारी.
आंदोलन करते मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारी.
बिना कारण ही नौकरी से निकाला
महिला कर्मियों ने कहा कि हमें बिना कारण ही नौकरी से बाहर कर दिया गया है. हम अपने पति की जगह पर नौकरी कर रहे थे. हमारे पति का देहावसान हो गया था इसलिए हम चपरासी के पद पर कार्यरत थे. लेकिन मैडम ने हम लोगों को बिना कोई कारण बताए या बिना कोई भत्ता दिए नौकरी से बाहर निकाल दिया.
तीन महीने से नहीं मिला वेतन
महिलाओं ने कहा कि हमें तो तीन महीने का वेतन भी नहीं मिला है. हम लोगों जैसे-तैसे उधार लेकर किसी तरह त्योहार बिताएं हैं. विकास प्राधिकरण की कार्यशैली के कारण पैसे-पैसे को मोहताज हो गए. अब हमारी ज़िंदगी कैसे कटेगी इसका कोई उपाय नज़र नहीं आ रहा है.
जीवन यापन के लिए नहीं दूसरा सहारा
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन के प्रांतीय महामंत्री वृंदावन दोहरे ने कहा कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में कार्यरत 110 कर्मियों को एक झटके में बाहर निकाल दिया गया है. यह सब समूह 'घ' के कर्मचारी थे. जो बेलदार, मेट, सफाई कर्मचारी, चपरासी इत्यादि पदों पर तैनात थे. उन्होंने बताया कि हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य हैं क्योंकि अब इन परिवारों के पास कोई सहारा नहीं है. ऐसे में अगर इन्हें नौकरी से बाहर निकाल दिया जाता है तो यह क्या करेंगे.
मांगें पूरी तक जारी रहेगा आंदोलन
दोहरे ने बताया कि हम लोगों को आंदोलन तक नहीं करने दिया जा रहा है. हम लोग जब सुबह यहां पर आए तो हमें गेट के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा था. धारा 144 लागू होने की बात कहकर हमारे आंदोलन को भी बंद करवाया जा रहा था. लेकिन हम लोग नहीं माने. हम लोग आंदोलन तब तक करते रहेंगे, जब तक मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष यशु रूस्तगी हमारी बातों को मान नहीं लेती. इस पूरे मसले पर ईटीवी भारत ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी से भी बातचीत करनी चाहिए लेकिन उन्होंने मीटिंग का हवाला देते हुए चुप्पी साध गईं.

मुरादाबादः एक तरफ जहां योगी सरकार लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करने का प्रयास कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार के ही आला अधिकारी वर्षों पुराने चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को उनकी नौकरी से निकालने पर आमादा हैं. इसी कड़ी में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (MDA) में आईएएस यशू रुस्तगी के एक फैसले ने तकरीबन 110 चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों की नौकरी एक झटके में ले ली. नौकरी जाने के कारण कर्मचारी 2 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. वह भी ऐसे समय में जब जिले में धारा 144 लागू है.

नौकरी जाने के बाद प्रदर्शन कर रहे MDA के कर्मचारी.

दो दिनों से धरने पर बैठे कर्मचारी
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन के साथ अन्य संगठनों के बैनर तले मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यालय परिसर में तकरीबन 110 कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन चल रहा है. दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत कर्मियों को मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष यशु रस्तोगी ने एक झटके में बाहर कर दिया. इन्हें ना तो किसी तरह की पूर्व सूचना दी गयी. बिना बताए ही 24 दिसंबर से इन कर्मियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया. जिसकी वजह से आधी उम्र के पड़ाव में पहुंच चुके कर्मी अब आंदोलन के लिए बाध्य हैं.

आंदोलन करते मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारी.
आंदोलन करते मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के कर्मचारी.
बिना कारण ही नौकरी से निकाला
महिला कर्मियों ने कहा कि हमें बिना कारण ही नौकरी से बाहर कर दिया गया है. हम अपने पति की जगह पर नौकरी कर रहे थे. हमारे पति का देहावसान हो गया था इसलिए हम चपरासी के पद पर कार्यरत थे. लेकिन मैडम ने हम लोगों को बिना कोई कारण बताए या बिना कोई भत्ता दिए नौकरी से बाहर निकाल दिया.
तीन महीने से नहीं मिला वेतन
महिलाओं ने कहा कि हमें तो तीन महीने का वेतन भी नहीं मिला है. हम लोगों जैसे-तैसे उधार लेकर किसी तरह त्योहार बिताएं हैं. विकास प्राधिकरण की कार्यशैली के कारण पैसे-पैसे को मोहताज हो गए. अब हमारी ज़िंदगी कैसे कटेगी इसका कोई उपाय नज़र नहीं आ रहा है.
जीवन यापन के लिए नहीं दूसरा सहारा
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण कर्मचारी संयुक्त संगठन के प्रांतीय महामंत्री वृंदावन दोहरे ने कहा कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में कार्यरत 110 कर्मियों को एक झटके में बाहर निकाल दिया गया है. यह सब समूह 'घ' के कर्मचारी थे. जो बेलदार, मेट, सफाई कर्मचारी, चपरासी इत्यादि पदों पर तैनात थे. उन्होंने बताया कि हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य हैं क्योंकि अब इन परिवारों के पास कोई सहारा नहीं है. ऐसे में अगर इन्हें नौकरी से बाहर निकाल दिया जाता है तो यह क्या करेंगे.
मांगें पूरी तक जारी रहेगा आंदोलन
दोहरे ने बताया कि हम लोगों को आंदोलन तक नहीं करने दिया जा रहा है. हम लोग जब सुबह यहां पर आए तो हमें गेट के अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा था. धारा 144 लागू होने की बात कहकर हमारे आंदोलन को भी बंद करवाया जा रहा था. लेकिन हम लोग नहीं माने. हम लोग आंदोलन तब तक करते रहेंगे, जब तक मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष यशु रूस्तगी हमारी बातों को मान नहीं लेती. इस पूरे मसले पर ईटीवी भारत ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी से भी बातचीत करनी चाहिए लेकिन उन्होंने मीटिंग का हवाला देते हुए चुप्पी साध गईं.
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