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महिला-बच्चे के लिए देवदूत बनी जीआरपी पुलिस, यूं बचाई जान - महिला बच्चे समेत ट्रेन के सामने कूद गई

मिर्जापुर में महिला बच्चे समेत ट्रेन के सामने कूद गई. मामले की जानकारी लगते ही जीआरपी पुलिस ने दोनों को पैदल इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है.

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Published : Oct 23, 2022, 12:53 PM IST

मिर्जापुर: जाको राखे साइयां मार सके ना कोय. ऐसा ही एक मामला मिर्जापुर के विंध्याचल रेलवे स्टेशन (Vindhyachal Railway Station) से सामने आया है. यहां शनिवार 1:30 बजे रात एक महिला त्रिवेणी एक्सप्रेस के सामने अपने मासूम बच्चे के साथ कूद गई, जिसे देख ड्राइवर ने भी ट्रेन को तत्काल रोक दिया. इस दौरान ट्रेन इंजन समेत तीन-चार बोगियां महिला और बच्चों के ऊपर से गुजर गई. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. जानकारी मिलते ही जीआरपी प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद यादव ने अपनी टीम के साथ ट्रेन के नीचे फंसे बच्चे महिला को आनन-फानन में कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला और तुरंत ट्रेन को रवाना किया गया. रात होने के चलते जीआरपी प्रभारी ने एंबुलेंस की मदद मांग फोन किया. एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर पैदल ही टीम के साथ घायलों को विंध्याचल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

जीआरपी पुलिस ने महिला-बच्चे की जान बचाई

जानकारी के मुताबिक, घायल महिला सीमा सिंह पटेल और बच्चा गांव बीबीपुर थाना गंभीरपुर आजमगढ़ (Village Bibipur Police Station Gambhirpur Azamgarh) के रहने वाले हैं. परिजनों के मुताबिक तीन दिन पहले जब खाना पीना खाकर सभी सोए हुए थे तभी रात तीन बजे महिला सीमा बच्चे को घर से लेकर निकल गई थी, जिसके चलते परिजनों ने गंभीरपुर थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी.

विंध्याचल जीआरपी प्रभारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि 1:30 बजे त्रिवेणी एक्सप्रेस के सामने एक महिला बच्चे के साथ कूद गई थी. ट्रेन ड्राइवर भी तत्काल ट्रेन को रोक दिया. कड़ी मशक्कत के बाद महिला बच्चों को बाहर निकाला गया. एंबुलेंस नहीं आने पर उसे पैदल ही घायल अवस्था में विंध्याचल समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. इस बीच एंबुलेंस से लेकर इलाज तक के लिए सीएमओ से बात की गई. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. बता दें कि, जीआरपी के इस सराहनीय कार्य का हर कोई तारीफ कर रहा है.

यह भी पढ़ें- मिर्जापुर में पैसों के लिए बेटों ने की पिता की हत्या, फरार

मिर्जापुर: जाको राखे साइयां मार सके ना कोय. ऐसा ही एक मामला मिर्जापुर के विंध्याचल रेलवे स्टेशन (Vindhyachal Railway Station) से सामने आया है. यहां शनिवार 1:30 बजे रात एक महिला त्रिवेणी एक्सप्रेस के सामने अपने मासूम बच्चे के साथ कूद गई, जिसे देख ड्राइवर ने भी ट्रेन को तत्काल रोक दिया. इस दौरान ट्रेन इंजन समेत तीन-चार बोगियां महिला और बच्चों के ऊपर से गुजर गई. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. जानकारी मिलते ही जीआरपी प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद यादव ने अपनी टीम के साथ ट्रेन के नीचे फंसे बच्चे महिला को आनन-फानन में कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला और तुरंत ट्रेन को रवाना किया गया. रात होने के चलते जीआरपी प्रभारी ने एंबुलेंस की मदद मांग फोन किया. एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर पैदल ही टीम के साथ घायलों को विंध्याचल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया.

जीआरपी पुलिस ने महिला-बच्चे की जान बचाई

जानकारी के मुताबिक, घायल महिला सीमा सिंह पटेल और बच्चा गांव बीबीपुर थाना गंभीरपुर आजमगढ़ (Village Bibipur Police Station Gambhirpur Azamgarh) के रहने वाले हैं. परिजनों के मुताबिक तीन दिन पहले जब खाना पीना खाकर सभी सोए हुए थे तभी रात तीन बजे महिला सीमा बच्चे को घर से लेकर निकल गई थी, जिसके चलते परिजनों ने गंभीरपुर थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी.

विंध्याचल जीआरपी प्रभारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि 1:30 बजे त्रिवेणी एक्सप्रेस के सामने एक महिला बच्चे के साथ कूद गई थी. ट्रेन ड्राइवर भी तत्काल ट्रेन को रोक दिया. कड़ी मशक्कत के बाद महिला बच्चों को बाहर निकाला गया. एंबुलेंस नहीं आने पर उसे पैदल ही घायल अवस्था में विंध्याचल समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. इस बीच एंबुलेंस से लेकर इलाज तक के लिए सीएमओ से बात की गई. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. बता दें कि, जीआरपी के इस सराहनीय कार्य का हर कोई तारीफ कर रहा है.

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