मिर्जापुर: कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से देश भर के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे. इसी क्रम में विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर का कपाट लॉकडाउन के पहले 20 मार्च से ही बंद कर दिया था. 8 जून से शर्तों के साथ देश भर के मंदिरों को खोलने को कहा गया था, मगर मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में कोरोना संक्रमित का मामला पाए जाने पर मंदिर को बंद ही रखा गया. 103 दिन बाद मंदिर खुलने से श्रद्धालुओं से लेकर पंडा समाज, दुकानदार साथ ही स्थानीय लोगों में खुशी है. मंदिर खुलने के पहले रविवार को जिला प्रशासन ने व्यवस्था का जायजा लिया था और पंडा समाज से बात कर मंदिर शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दी थी.
दर्शन के लिए बनाए गए हैं चार मार्ग
श्रद्धालुओं को मंदिर पर पहुंचने और निकासी के लिए दो-दो मार्ग बनाए गए हैं. इनमें वीआईपी गली, जयपुरीया गली, पक्का घाट और थाना शामिल है. वहीं पक्का घाट को निकासी के लिए बनाया गया है. इसके अलावा सभी गलियों को भी निकासी के लिए इस्तेमाल करने के लिए बैरिकेटिंग किया गया है.
103 दिनों बाद खुला मंदिर
103 दिनों के बाद मंदिर खुला है. यहां नवरात्रि जैसा व्यवस्था की गई है. मंदिर से 500 मीटर दूर पर ही बैरिकेटिंग कर गाड़ियों को रोका जा रहा है. मंदिर पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सर्कल बनाया गया है. वहीं मंदिर में एक साथ सिर्फ पांच दर्शनार्थियों को अंदर जाने की अनुमति दी गई है. यही व्यवस्था मंदिर की झांकी से दर्शन के लिए भी किया गया है.
बिना मास्क मंदिर में प्रवेश नहीं
मंदिर प्रशासन ने बिना मास्क के श्रद्धालु, पंडा समाज आदि के मंदिर परिसर में प्रवेश से रोक लगा रखी है. साथ ही सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. मंदिर के घंटे को ढक दिया गया है, ताकि कोई घंटा न बजाए. साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. 8 जून को मंदिर खोला जाना था, मगर मंदिर परिसर में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आने पर मंदिर को बंद रखा गया था.