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केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल बोलीं, बिरसा मुंडा के नाम पर बनेगा चौराहा, प्रतिमा होगी स्थापित - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा (Freedom fighter Birsa Munda) के 148वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Union Minister Anupriya Patel) पहुंची. मंत्री ने कहा कि शहर के चौराहे पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 16, 2023, 9:51 AM IST

मिर्जापुर: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर पहुंची. यहां मंत्री ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं जननायक बिरसा मुंडा की जंयती के एक कार्यक्रम में शामिल हुई. उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि मिर्जापुर में बिरसा मुंडा के नाम से एक चौराहा और एक जनजातीय संग्रहालय स्थापित किया जाएगा.

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पहुंचीं.

सांसद अनुप्रिया पटेल अपने संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर के ठाना लक्ष्मनपुर डगमगपुर पहुंची. यहां आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती में शिरकत की. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही जनपद में भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि सांसद निधि से जनपद में कई चौराहों का सौंदर्यीकरण कराया जा चुका है. अब वहां महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्थापित किया जा रहा है. इसी तरह अब जनपद के चौराहे पर भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की प्रतिमा चौराहे पर स्थापित होगी.

मीडिया से बात करती हुई अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जनजातीय समाज में पैदा हुए भगवान बिरसा मुंडा ने सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ लगान माफी के लिए लोहा लिया था, जिसकी वजह से उन्हें 2 वर्षों के लिए जेल में डाल दिया गया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समुदाय को संगठित कर अंग्रेज सैनिकों के छक्के छुड़ा दिये थे. उन्होंने देश की आजादी के लिए जो संघर्ष किया है, उसे देश की आने वाली पीढ़ियों को जानने के लिए आवश्यक है. इसके लिए सभी को समय-समय पर संगोष्ठी के तौर पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहने चाहिए, ताकि उनके व्यक्तित्व एवं उनके संघर्ष के बारे में आने वाली भावी पीढ़ी को जानने का अवसर मिल सके. ऐसे अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर नाट्य मंचन करना चाहिए, जिसमें बच्चे भाग लें और भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लें.

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट से जनजातीय संग्रहालय की मंजूरी मिल चुकी है. जनपद में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए पिछले महीने 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पिछले 2 सालों से मिर्जापुर और सोनभद्र में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए प्रयासरत थी.

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मिर्जापुर: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर पहुंची. यहां मंत्री ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं जननायक बिरसा मुंडा की जंयती के एक कार्यक्रम में शामिल हुई. उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि मिर्जापुर में बिरसा मुंडा के नाम से एक चौराहा और एक जनजातीय संग्रहालय स्थापित किया जाएगा.

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पहुंचीं.

सांसद अनुप्रिया पटेल अपने संसदीय क्षेत्र मिर्जापुर के ठाना लक्ष्मनपुर डगमगपुर पहुंची. यहां आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की 148वीं जयंती में शिरकत की. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बहुत जल्द ही जनपद में भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि सांसद निधि से जनपद में कई चौराहों का सौंदर्यीकरण कराया जा चुका है. अब वहां महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्थापित किया जा रहा है. इसी तरह अब जनपद के चौराहे पर भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की प्रतिमा चौराहे पर स्थापित होगी.

मीडिया से बात करती हुई अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जनजातीय समाज में पैदा हुए भगवान बिरसा मुंडा ने सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ लगान माफी के लिए लोहा लिया था, जिसकी वजह से उन्हें 2 वर्षों के लिए जेल में डाल दिया गया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद भगवान बिरसा मुंडा ने जनजातीय समुदाय को संगठित कर अंग्रेज सैनिकों के छक्के छुड़ा दिये थे. उन्होंने देश की आजादी के लिए जो संघर्ष किया है, उसे देश की आने वाली पीढ़ियों को जानने के लिए आवश्यक है. इसके लिए सभी को समय-समय पर संगोष्ठी के तौर पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहने चाहिए, ताकि उनके व्यक्तित्व एवं उनके संघर्ष के बारे में आने वाली भावी पीढ़ी को जानने का अवसर मिल सके. ऐसे अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर नाट्य मंचन करना चाहिए, जिसमें बच्चे भाग लें और भगवान बिरसा मुंडा के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लें.

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट से जनजातीय संग्रहालय की मंजूरी मिल चुकी है. जनपद में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए पिछले महीने 31 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पिछले 2 सालों से मिर्जापुर और सोनभद्र में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए प्रयासरत थी.

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