मिर्जापुर: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में मिर्जापुर से आए भैंस के बच्चे का पथरी ऑपरेशन किया गया. भैंस के मालिक ने डॉक्टरों को बताया कि बछड़ा एक सप्ताह से पेशाब नहीं कर पा रहा था. एक्स-रे करने से पता चला कि उसके मूत्राशय में पथरी जमा है, जिसके बाद चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने आधे घंटे में सफल ऑपरेशन कर बछड़े की जान बचाई.
BHU में तीन माह के बछड़े का किया गया पथरी का ऑपरेशन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय(Banaras Hindu University) के राजीव गांधी दक्षिणी परिसर(Rajiv Gandhi Southern Campus) में भैंस के बच्चे का सफल पथरी का ऑपरेशन किया गया. इसमें चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम शामिल रहीं, जिसने आधे घंटे में सफल ऑपरेशन कर बछड़े की जान बचाई.
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मिर्जापुर: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राजीव गांधी दक्षिणी परिसर में मिर्जापुर से आए भैंस के बच्चे का पथरी ऑपरेशन किया गया. भैंस के मालिक ने डॉक्टरों को बताया कि बछड़ा एक सप्ताह से पेशाब नहीं कर पा रहा था. एक्स-रे करने से पता चला कि उसके मूत्राशय में पथरी जमा है, जिसके बाद चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ने आधे घंटे में सफल ऑपरेशन कर बछड़े की जान बचाई.
आपने अभी तक इंसानों में ही पथरी के बारे में सुना होगा. लेकिन यह जानलेवा बीमारी न सिर्फ इंसानों में बल्कि जानवरों में भी तेजी से बढ़ रही है. बीएचयू साउथ कैम्पस में एक भैंस के बछड़े में पथरी की समस्या के बाद डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन किया. बछड़ा बहुत कमजोर था. पशु चिकित्सकों की टीम ने एक्सरे किया तो उसके मूत्राशय में कई छोटे-छोटे स्टोन पाए गए, जिसके बाद डॉक्टरों ने बछड़े के पथरी का ऑपरेशन किया गया. बछड़ा अब पूरी तरह से स्वस्थ है.
बीएचयू साउथ कैंपस में बछड़े का पथरी ऑपरेशन
8 फरवरी को पशुपालक अपने तीन महीने के बछड़े को पेशाब न होने की समस्या के बाद मिर्जापुर से बीएचयू लेकर पहुंचा था. उसने डॉक्टरों से बताया कि एक हफ्ते से वह पेशाब नहीं कर पा रहा है. डॉक्टरों ने देखा और जब बछड़े का एक्सरे किया तो पता चला कि छोटे छोटे पत्थर उसके मूत्राशय में हैं और उसका मूत्र मार्ग में फट गया है. इसको देखते हुए डॉक्टर एनके सिंह के नेतृत्व में डॉक्टर डीडी मेथेऊ, डॉक्टर आरके उदेहिया और डॉक्टर विनोद कुमार की टीम ने तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया. बछड़ा बहुत कमजोर था और डिहाइड्रेशन बहुत हो चुका था. उसने खाना पीना छोड़ दिया था. लेकिन कमजोर बछड़े का आधे घंटे में सफल ऑपरेशन कर पथरी बाहर निकाल लिया गया और बछड़े की जान बचा ली गई.
ऑपरेशन न किया जाता तो बछड़े की जा सकती थी जान
मूत्राशय में पथरी होने के कारण पेशाब बाहर नहीं आ पा रहा था, जिसके चलते मूत्राशय फट गया था, जिससे बहुत सारी समस्याएं खड़ी हो सकती थीं. यह जानलेवा भी हो सकता था, लेकिन फालिज कैथहीटर लगाकर मूत्रमार्ग बाईपास कर पेशाब कराया गया.
पशुओं में क्यो होती है पथरी
डॉक्टर एनके सिंह के मुताबिक पालतू पशुओं में पथरी की बीमारी देखने को मिल रही है. हर साल पथरी से ग्रसित जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है. मेल बछड़ों में पथरी होने की संभावना ज्यादा होती है. यह रोग ज्यादातर पानी की कमी होने, विटामिन ए की कमी या विटामिन डी की अधिकता होने पर भी पथरी की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा पशुओं को संतुलित आहार न देने की वहज से भी पथरी होती है.
आपने अभी तक इंसानों में ही पथरी के बारे में सुना होगा. लेकिन यह जानलेवा बीमारी न सिर्फ इंसानों में बल्कि जानवरों में भी तेजी से बढ़ रही है. बीएचयू साउथ कैम्पस में एक भैंस के बछड़े में पथरी की समस्या के बाद डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन किया. बछड़ा बहुत कमजोर था. पशु चिकित्सकों की टीम ने एक्सरे किया तो उसके मूत्राशय में कई छोटे-छोटे स्टोन पाए गए, जिसके बाद डॉक्टरों ने बछड़े के पथरी का ऑपरेशन किया गया. बछड़ा अब पूरी तरह से स्वस्थ है.
बीएचयू साउथ कैंपस में बछड़े का पथरी ऑपरेशन
8 फरवरी को पशुपालक अपने तीन महीने के बछड़े को पेशाब न होने की समस्या के बाद मिर्जापुर से बीएचयू लेकर पहुंचा था. उसने डॉक्टरों से बताया कि एक हफ्ते से वह पेशाब नहीं कर पा रहा है. डॉक्टरों ने देखा और जब बछड़े का एक्सरे किया तो पता चला कि छोटे छोटे पत्थर उसके मूत्राशय में हैं और उसका मूत्र मार्ग में फट गया है. इसको देखते हुए डॉक्टर एनके सिंह के नेतृत्व में डॉक्टर डीडी मेथेऊ, डॉक्टर आरके उदेहिया और डॉक्टर विनोद कुमार की टीम ने तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया. बछड़ा बहुत कमजोर था और डिहाइड्रेशन बहुत हो चुका था. उसने खाना पीना छोड़ दिया था. लेकिन कमजोर बछड़े का आधे घंटे में सफल ऑपरेशन कर पथरी बाहर निकाल लिया गया और बछड़े की जान बचा ली गई.
ऑपरेशन न किया जाता तो बछड़े की जा सकती थी जान
मूत्राशय में पथरी होने के कारण पेशाब बाहर नहीं आ पा रहा था, जिसके चलते मूत्राशय फट गया था, जिससे बहुत सारी समस्याएं खड़ी हो सकती थीं. यह जानलेवा भी हो सकता था, लेकिन फालिज कैथहीटर लगाकर मूत्रमार्ग बाईपास कर पेशाब कराया गया.
पशुओं में क्यो होती है पथरी
डॉक्टर एनके सिंह के मुताबिक पालतू पशुओं में पथरी की बीमारी देखने को मिल रही है. हर साल पथरी से ग्रसित जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है. मेल बछड़ों में पथरी होने की संभावना ज्यादा होती है. यह रोग ज्यादातर पानी की कमी होने, विटामिन ए की कमी या विटामिन डी की अधिकता होने पर भी पथरी की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा पशुओं को संतुलित आहार न देने की वहज से भी पथरी होती है.