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अब बॉर्डर पर आतंकियों का खात्मा करेगी रडार गन, मिर्जापुर के चार छात्रों ने किया तैयार

बॉर्डर पर आतंकियों को मार गिराने के लिये यूपी के मिर्जापुर जिले के चार स्कूली बच्चों ने टीवी एंटीना का प्रयोग करते हुए रडार गन बनाई है. इस गन की सबसे खास बात ये है कि अगर सेटेलाइट के सिंग्नल से इसे जोड़ा जाए तो सेना के जवान बिना नुकसान उठाए दुश्मनों को ढेर कर सकते हैं.

आतंकियों को देखते ही रडार गन करेगा खत्म.
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Published : Aug 5, 2019, 12:46 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. ऐसे ही खास प्रतिभा दिखा रहे मिर्जापुर के छात्रों ने देश की सीमा पर तैनात जवानों की सुरक्षा के लिए वायरलेस टीवी गन का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है. इसकी सहायता से देश की सीमा पर तैनात जवान सुरक्षित रहकर दुश्मनों का खात्मा कर सकेंगे.

आतंकियों को देखते ही खत्म करेगी रडार गन .

स्कूली छात्रों की सोच से तैयार इस गन की रेंज अभी 100 मीटर है लेकिन डीआरडीओ का मार्गदर्शन मिले तो इसकी क्षमता और बढ़ाई जा सकती है. कक्षा नौ और हाईस्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने इस मॉडल को तैयार किया है.

यह भी पढ़ें: दूसरे दिन भी सीतापुर जेल पहुंची सीबीआई, कुलदीप सिंह सेंगर से करेगी पूछताछ

मिर्जापुर जिले के चकचिड़िया गांव स्थित स्वामी विवेकानंद एकेडमी के छात्र गोकुल मिश्रा, शुभम उपाध्याय अभ्युदय सिंह और विशाल त्रिपाठी ने मिलकर इसे बनाया है. इसको बनाने में 15 से 20 हजार रुपए की लागत आई है, जिसे बनाने में कई दिन लगे हैं. यह रडार गन दुश्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार की गई है. बच्चों के यह मॉडल क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इनकी सोच को इनके प्रबंधक विनोद कुमार उपाध्याय भी सलाम कर रहे हैं.

देश की सुरक्षा सर्वोपरि है. इसी सोच के साथ बच्चों ने इस तरह का मॉडल तैयार किया है. उनको सहायता मिल जाए तो बच्चे और आगे डेवेलप कर सकते हैं. इनकी रडार गन तैयार होने से अभिभावक से लेकर हम स्कूल वालों को भी बहुत खुशी मिली है, कि हमारे बच्चे देश के लिए कुछ सोचते हैं.
-विनोद उपाध्याय, प्रबंधक, स्वामी विवेकानंद एकेडमी

मिर्जापुर: हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. ऐसे ही खास प्रतिभा दिखा रहे मिर्जापुर के छात्रों ने देश की सीमा पर तैनात जवानों की सुरक्षा के लिए वायरलेस टीवी गन का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है. इसकी सहायता से देश की सीमा पर तैनात जवान सुरक्षित रहकर दुश्मनों का खात्मा कर सकेंगे.

आतंकियों को देखते ही खत्म करेगी रडार गन .

स्कूली छात्रों की सोच से तैयार इस गन की रेंज अभी 100 मीटर है लेकिन डीआरडीओ का मार्गदर्शन मिले तो इसकी क्षमता और बढ़ाई जा सकती है. कक्षा नौ और हाईस्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने इस मॉडल को तैयार किया है.

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मिर्जापुर जिले के चकचिड़िया गांव स्थित स्वामी विवेकानंद एकेडमी के छात्र गोकुल मिश्रा, शुभम उपाध्याय अभ्युदय सिंह और विशाल त्रिपाठी ने मिलकर इसे बनाया है. इसको बनाने में 15 से 20 हजार रुपए की लागत आई है, जिसे बनाने में कई दिन लगे हैं. यह रडार गन दुश्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार की गई है. बच्चों के यह मॉडल क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इनकी सोच को इनके प्रबंधक विनोद कुमार उपाध्याय भी सलाम कर रहे हैं.

देश की सुरक्षा सर्वोपरि है. इसी सोच के साथ बच्चों ने इस तरह का मॉडल तैयार किया है. उनको सहायता मिल जाए तो बच्चे और आगे डेवेलप कर सकते हैं. इनकी रडार गन तैयार होने से अभिभावक से लेकर हम स्कूल वालों को भी बहुत खुशी मिली है, कि हमारे बच्चे देश के लिए कुछ सोचते हैं.
-विनोद उपाध्याय, प्रबंधक, स्वामी विवेकानंद एकेडमी

Intro:हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है ऐसे ही प्रतिभा दिखा रहे हैं मिर्जापुर के छात्रों ने देश की सीमा पर तैनात जवानों की सुरक्षा के लिए वायरलेस डिश टीवी गन का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है इसकी सहायता से देश की सीमा पर तैनात जवान सुरक्षित रखकर दुश्मनों का सामना कर सकेंगे छात्रों ने घर में इस्तेमाल होने वाले डिश टीवी के एंटीना को रडार की तरफ से माल किया है इस रडार सीमा के सामने आते ही मनुष्य जानवर को रडार भाप लेगा और सेकंडो में कैंप तक सूचना मिल जाएगी बिना नुकसान उठाए ही जवान अपने दुश्मनों को ढेर कर सकते हैं यह छात्रों का दावा है।


Body: 15 अगस्त और बॉर्डर पर आतंकियों की हरकतों को देख कर मिर्जापुर के 4 स्कूली बच्चों ने देश की सीमा पर घुसने से पहले आतंकियों के खात्मे के लिए कुछ हथियार बनाने की सोच पर काम करना प्रारंभ किया इस सोच पर महीनों तक काम करने के बाद पढ़ने वाले इन छात्रों ने डिश टीवी के एंटीना का प्रयोग करते हुए रडार गन बनाई है इस गन को सेटेलाइट के सिंग्नल से जोड़ा जाएगा तो सेना को बिना नुकसान उठाए दुश्मनों को भी ढेर कर सकती है स्कूली छात्रों की सोच से तैयार इस गन की रेंज अभी 100 मीटर है लेकिन डीआरडीओ का मार्गदर्शन मिले तो इसकी क्षमता और बढ़ाई जा सकती है। नववी दसवीं में पढ़ने वाले छात्रों ने इस मॉडल को तैयार किया है मिर्जापुर जिले के चकचिड़िया गांव स्थित स्वामी विवेकानंद एकेडमी के छात्र गोकुल मिश्रा शुभम उपाध्याय अभ्युदय सिंह विशाल त्रिपाठी ने मिलकर बनाया है इसको बनाने में 15 से 20 हजार रुपए की लागत आई है महीनों से ज्यादा समय लगा है बनाने में।

Bite-गोकुल मिश्रा-छात्र


Conclusion:यह रडार गन दुश्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार किया गया है बच्चों की इस मॉडल से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है इनके सोच को इनके प्रबंधक विनोद कुमार उपाध्याय सलाम कर रहे हैं उनका कहना है कि सरकार का सुरक्षा सर्वोपरि है इसी सोच के साथ बच्चों ने इस तरह का मॉडल तैयार किया है उनको सहायता मिल जाए तो बच्चे और आगे डिवेलप कर सकते हैं इनके रडार तैयार होने से अभिभावक से लेकर हम स्कूल वालों को बहुत खुशी है कि हमारे बच्चे देश के लिए कुछ सोचते हैं।

Bite-विनोद उपाध्याय-प्रबन्धक

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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