मिर्जापुर : एक बार फिर गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल की मरम्मत 7.48 करोड़ की लागत से कराया जायेगा. तीन साल में मरम्मत के बाद कुल खर्च 21.12 करोड़ हो जायेगा. गंगा नदी पर बने शास्त्री सेतु का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने 1976 में किया था. बेयरिंग पर बने इस पुल की पहली बार मरम्मत के नाम पर वर्ष 2020 में 8 करोड़ रुपया खर्च किया गया था.
![गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल की होगी मरम्मत](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17-06-2023/up-mir-02-bridgerepair-visbite-up10113_16062023154513_1606f_1686910513_477.jpg)
बात दें कि यह पुल आम वाहनों के लिए शुरु कर दिया गया था, लेकिन कुछ माह बाद ही दोबारा कमजोर होने का दावा करते हुए उस पर भारी वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी गई. सूत्रों के मुताबिक, दोबारा फिर मरम्मत पर वर्ष 2021-22 में 5.64 करोड़ खर्च किया गया. तीसरी बार मरम्मत का काम मुंबई की कम्पनी को दिया गया है, जो करीब 5 महीने में 7.48 करोड़ की लागत से शास्त्री सेतु का मरम्मत करेगी, ताकि फिर भारी वाहनों का आवागमन चालू हो सके.
मध्यप्रदेश के साथ प्रदेश के तमाम जिलों और दुद्धी-लुम्बिनी मार्ग को जोड़ने वाला शास्त्री सेतु करीब 9 माह से भारी वाहनों के लिए बंद है. तीन साल में तीसरी बार मरम्मत के लिए हुए टेंडर हुआ है. जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि 'मरम्मत के बाद पुल से भारी वाहनों का आवागमन हो सकेगा. पुल बन्द हो जाने से जिले का खनन व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हो रहा था. एक बार फिर उम्मीद जगी है. पुल चालू हो जाने से वाहनों को दूर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, टोल टैक्स की भी बचत होगी.'
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