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मिर्जापुर के ब्लैक राइस को राष्ट्रपति के कार्यक्रम के दौरान लांच करने की तैयारी

यूपी के मिर्जापुर में किसानों ने 250 हेक्टेयर में 2500 कुंतल काला चावल पैदावार किया है. 14 मार्च को आ रहे राष्ट्रपति के कार्यक्रम में काले चावल की लांचिंग मुख्यमंत्री के हाथों से जिला प्रशासन कराने की तैयारी में जुटा है.

ब्लैक राइस
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Published : Mar 9, 2021, 7:39 PM IST

मिर्जापुर: देशभर में अधिकांश किसान सफेद रंग के चावल की पैदावार करते हैं. मगर अब किसान सफेद चावल की जगह काले चावल की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. यह चावल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है. बता दें कि सफेद चावल की जगह काला चावल महंगे दामों में बिक रहा है. इस सीजन में मिर्जापुर के किसानों ने 250 हेक्टेयर में 2500 कुंतल काला चावल पैदावार किया है. 14 मार्च को आ रहे राष्ट्रपति के कार्यक्रम में काले चावल की लांचिंग मुख्यमंत्री के हाथों से जिला प्रशासन कराने की तैयारी में जुटा है.

इस काले चावल का नाम विंध्य ब्लैक राइस रखा जा रहा है. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इसे प्रदेश के साथ ही देश-विदेश में भी भेजने की प्लानिंग चल रही है. विकास भवन के सभागार में कृषि अधिकारियों और किसानों के साथ मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बैठक करके तैयारियां पूर्ण करने के लिए दिशा निर्देश दिया.

ब्लैक राइस को राष्ट्रपति के कार्यक्रम के दौरान लांचिंग करने की तैयारी

सफेद चावल से अधिक है इसका दाम
काले चावल की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है. सफेद या ब्राउन राइस की तुलना में इसकी कीमत मार्केट में अधिक है. काला चावल सामान्य तौर पर 200 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. जबकि सामान्य सफेद चावल 25 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. जैविक तरीके से उगाए गए काले चावल की कीमत 500 प्रति किलो तक मार्केट में है. हालांकि काले चावल की पैदावार अन्य चावलों की तुलना में बहुत कम होती है. सफेद चावल जहां एक एकड़ में 20 से 25 कुंतल पैदावार की जा सकती है तो वहीं काले चावल की पैदावार 8 से 10 कुंतल ही हो पाती है.

जिला प्रशासन कर रहा मार्केट उपलब्ध कराने की तैयारी
किसानों की आय दुगनी कैसे हो इसके लिए केंद्र सरकार प्रदेश सरकार से लेकर जिले के आला अधिकारी भी कोशिश में जुटे हैं. मिर्जापुर जनपद में भारी मात्रा में इस सीजन में काले चावल की उत्पादन हुआ है जिसे मार्केट उपलब्ध कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह किसानों से वार्तालाप कर बात कही है. मुख्य विकास अधिकारी एफपीओ बेसिक शिक्षा विभाग और एनआरएलएम से एक एग्रीमेंट कराने जा रहे हैं. पैदा हो रहे काला चावल को बेसिक शिक्षा विभाग में पढ़ रहे जनपद में दो लाख से अधिक छात्रों को प्रोटीन युक्त काला चावल देने का प्लान चल रहा है. इसके साथ ही चावल को विंध्य ब्लैक राइस नाम देते हुए प्रदेश और देश में भी सप्लाई की जाएगी जिससे किसानों की आय दुगनी हो सके.

मिर्जापुर: देशभर में अधिकांश किसान सफेद रंग के चावल की पैदावार करते हैं. मगर अब किसान सफेद चावल की जगह काले चावल की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. यह चावल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है. बता दें कि सफेद चावल की जगह काला चावल महंगे दामों में बिक रहा है. इस सीजन में मिर्जापुर के किसानों ने 250 हेक्टेयर में 2500 कुंतल काला चावल पैदावार किया है. 14 मार्च को आ रहे राष्ट्रपति के कार्यक्रम में काले चावल की लांचिंग मुख्यमंत्री के हाथों से जिला प्रशासन कराने की तैयारी में जुटा है.

इस काले चावल का नाम विंध्य ब्लैक राइस रखा जा रहा है. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इसे प्रदेश के साथ ही देश-विदेश में भी भेजने की प्लानिंग चल रही है. विकास भवन के सभागार में कृषि अधिकारियों और किसानों के साथ मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने बैठक करके तैयारियां पूर्ण करने के लिए दिशा निर्देश दिया.

ब्लैक राइस को राष्ट्रपति के कार्यक्रम के दौरान लांचिंग करने की तैयारी

सफेद चावल से अधिक है इसका दाम
काले चावल की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है. सफेद या ब्राउन राइस की तुलना में इसकी कीमत मार्केट में अधिक है. काला चावल सामान्य तौर पर 200 से 500 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. जबकि सामान्य सफेद चावल 25 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है. जैविक तरीके से उगाए गए काले चावल की कीमत 500 प्रति किलो तक मार्केट में है. हालांकि काले चावल की पैदावार अन्य चावलों की तुलना में बहुत कम होती है. सफेद चावल जहां एक एकड़ में 20 से 25 कुंतल पैदावार की जा सकती है तो वहीं काले चावल की पैदावार 8 से 10 कुंतल ही हो पाती है.

जिला प्रशासन कर रहा मार्केट उपलब्ध कराने की तैयारी
किसानों की आय दुगनी कैसे हो इसके लिए केंद्र सरकार प्रदेश सरकार से लेकर जिले के आला अधिकारी भी कोशिश में जुटे हैं. मिर्जापुर जनपद में भारी मात्रा में इस सीजन में काले चावल की उत्पादन हुआ है जिसे मार्केट उपलब्ध कराने के लिए मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह किसानों से वार्तालाप कर बात कही है. मुख्य विकास अधिकारी एफपीओ बेसिक शिक्षा विभाग और एनआरएलएम से एक एग्रीमेंट कराने जा रहे हैं. पैदा हो रहे काला चावल को बेसिक शिक्षा विभाग में पढ़ रहे जनपद में दो लाख से अधिक छात्रों को प्रोटीन युक्त काला चावल देने का प्लान चल रहा है. इसके साथ ही चावल को विंध्य ब्लैक राइस नाम देते हुए प्रदेश और देश में भी सप्लाई की जाएगी जिससे किसानों की आय दुगनी हो सके.

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