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मिर्जापुर: कैंडल और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हो रहा इलाज - प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरसण्डी

यूपी के मिर्जापुर जिले स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरसण्डी में दो दिनों से मरीजों का इलाज कैंडल और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हो रहा है, जिसके पीछे की वजह ट्रांसफार्मर जल जाना बताया जा रहा है. वहीं डिलीवरी कराने आए मरीज के तीमारदारों का कहना है दो दिन से बिजली न होने के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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मोबाइल टार्च की रोशनी में हो रहा इलाज.
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Published : Oct 5, 2020, 10:55 PM IST

मिर्जापुर: जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरसण्डी में दो दिनों से ट्रांसफार्मर जल जाने की वजह से मरीजों का इलाज कैंडल और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हो रहा है. डिलीवरी कराने आए मरीज के तीमारदारों का कहना है कि दो दिन से बिजली नहीं है, जिससे हम लोग काफी परेशान हैं. तीमारदारों का कहना है कि वे हाथ से पंखा चलाकर और कैंडल जलाकर रहने को मजबूर हैं. वहीं स्टाफ नर्स का कहना है कि जनरेटर पहले से ही खराब चल रहा है और ट्रांसफार्मर जल गया है.

टार्च की रोशनी में हो रहा मरीजों का इलाज.

मामला ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के गृह जनपद मिर्जापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुरसण्डी का है, जहां दो दिन से अस्पताल का ट्रांसफार्मर जल जाने की वजह से अस्पताल परिसर में अंधेरा है. इस दौरान अस्पताल में कैंडल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं इस पूरे मामले में जिले के आला अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं. सरकार का दावा है कि शहर में 20 से 22 घंटे और तहसीलों में 18 से 20 घंटे बिजली मुहैया कराई जा रही है.

अस्पताल में नहीं है बैकअप की व्यवस्था
जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर पीएचसी अस्पताल गुरसण्डी में बीते शनिवार को अचानक ट्रांसफार्मर जल गया, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. अस्पताल में पॉवर बैकअप की व्यवस्था न होने से बिजली जाते ही पूरी व्यवस्था ठप पड़ गई है. ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण डिलीवरी और इलाज डॉक्टर कैंडल की रोशनी में करा रहे हैं.

तीमारदार संजय सिंह ने बताया कि वे अपनी बहन को डिलीवरी के लिए लाए हैं, लेकिन अस्पताल में लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण मरीज का इलाज कैंडल और मोबाइल टार्च की रोशनी में किया जा रहा है. मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज भी नहीं करा सकते हैं, क्योंकि 24 घंटे अस्पताल में रहना होता है. इसके साथ ही लोग खुद या मरीजों के लिए पंखा भी अपने हाथ से ही चला रहे हैं. अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स पूनम ने बताया कि शनिवार से ट्रांसफार्मर जल गया है और यहां का जनरेटर भी बहुत दिनों से खराब है. हम नाइट शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं और जब कोई डिलीवरी केस आता है तो कैंडल या मोबाइल टार्च की रोशनी में ही किया जाता है. उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है, जिस पर आश्वासन मिला है कि जल्द व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी.

मिर्जापुर: जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुरसण्डी में दो दिनों से ट्रांसफार्मर जल जाने की वजह से मरीजों का इलाज कैंडल और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में हो रहा है. डिलीवरी कराने आए मरीज के तीमारदारों का कहना है कि दो दिन से बिजली नहीं है, जिससे हम लोग काफी परेशान हैं. तीमारदारों का कहना है कि वे हाथ से पंखा चलाकर और कैंडल जलाकर रहने को मजबूर हैं. वहीं स्टाफ नर्स का कहना है कि जनरेटर पहले से ही खराब चल रहा है और ट्रांसफार्मर जल गया है.

टार्च की रोशनी में हो रहा मरीजों का इलाज.

मामला ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के गृह जनपद मिर्जापुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुरसण्डी का है, जहां दो दिन से अस्पताल का ट्रांसफार्मर जल जाने की वजह से अस्पताल परिसर में अंधेरा है. इस दौरान अस्पताल में कैंडल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहीं इस पूरे मामले में जिले के आला अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं. सरकार का दावा है कि शहर में 20 से 22 घंटे और तहसीलों में 18 से 20 घंटे बिजली मुहैया कराई जा रही है.

अस्पताल में नहीं है बैकअप की व्यवस्था
जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर पीएचसी अस्पताल गुरसण्डी में बीते शनिवार को अचानक ट्रांसफार्मर जल गया, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. अस्पताल में पॉवर बैकअप की व्यवस्था न होने से बिजली जाते ही पूरी व्यवस्था ठप पड़ गई है. ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण डिलीवरी और इलाज डॉक्टर कैंडल की रोशनी में करा रहे हैं.

तीमारदार संजय सिंह ने बताया कि वे अपनी बहन को डिलीवरी के लिए लाए हैं, लेकिन अस्पताल में लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण मरीज का इलाज कैंडल और मोबाइल टार्च की रोशनी में किया जा रहा है. मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज भी नहीं करा सकते हैं, क्योंकि 24 घंटे अस्पताल में रहना होता है. इसके साथ ही लोग खुद या मरीजों के लिए पंखा भी अपने हाथ से ही चला रहे हैं. अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स पूनम ने बताया कि शनिवार से ट्रांसफार्मर जल गया है और यहां का जनरेटर भी बहुत दिनों से खराब है. हम नाइट शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं और जब कोई डिलीवरी केस आता है तो कैंडल या मोबाइल टार्च की रोशनी में ही किया जाता है. उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है, जिस पर आश्वासन मिला है कि जल्द व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी.

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