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मिर्जापुर में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले का आरोपी गिरफ्तार

मिर्जापुर में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी छह वर्ष से फरार चल रहा था.

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मिर्जापुर : फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में फरार चल रहे एक अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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Published : Dec 1, 2022, 5:00 PM IST

मिर्जापुर : फर्जी शिक्षक भर्ती मामले (fake teacher recruitment case in Mirzapur) में छह साल से फरार चल रहे एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी का नाम मानवेंद्र है. वह गाजीपुर का रहने वाला है.

पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने 2016 में हुए शिक्षक भर्ती मामले में वांछित 25 हजार के इनामी कथित शिक्षक मानवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. घोटाले के दौरान जिले में 100 से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे. उसने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी हासिल की थी. उनके मुताबिक जल्द ही कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.

बता दें कि वर्ष 2016 में संयुक्त शिक्षा निदेशक विंध्याचल मंडल की ओर से शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे.आवेदकों की काउंसिंलिंग के बाद अस्थायी तौर पर एक वर्ष के लिए उनकी नियुक्ति कर दी गई थी. नियुक्ति के बाद जब शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की गई तो कई अभिलेख फर्जी मिले थे. कई आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इस मामले में फरार चल रहे है एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

ये भी पढ़ेंः वर्दी पर पेटीएम लगा बख्शीश वसूल रहा था हाईकोर्ट का अर्दली, निलंबित

मिर्जापुर : फर्जी शिक्षक भर्ती मामले (fake teacher recruitment case in Mirzapur) में छह साल से फरार चल रहे एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपी का नाम मानवेंद्र है. वह गाजीपुर का रहने वाला है.

पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने 2016 में हुए शिक्षक भर्ती मामले में वांछित 25 हजार के इनामी कथित शिक्षक मानवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है. घोटाले के दौरान जिले में 100 से अधिक आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए थे. उसने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी हासिल की थी. उनके मुताबिक जल्द ही कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.

बता दें कि वर्ष 2016 में संयुक्त शिक्षा निदेशक विंध्याचल मंडल की ओर से शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे.आवेदकों की काउंसिंलिंग के बाद अस्थायी तौर पर एक वर्ष के लिए उनकी नियुक्ति कर दी गई थी. नियुक्ति के बाद जब शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की गई तो कई अभिलेख फर्जी मिले थे. कई आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इस मामले में फरार चल रहे है एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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