मिर्जापुर: उत्तरप्रदेश के जिले मिर्जापुर के एक स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसे आम लोग खासकर किसानों की लाइफ आसान हो गई है. गुरु नानक इंटर कॉलेज में 11 वीं कक्षा के छात्र ओनम सिंह ने सब्जी धुलने वाली मशीन ईजाद की है. ओनम को इस अविष्कार के लिए आईएमएम गुजरात की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा. इस मशीन से सब्जी धुलने में पानी का भी कम प्रयोग होगा.
ओनम ने सब्जी धुलने के लिए एक मशीन बनाई है, जिससे पानी की भी बचत होती है. अब इस मशीन की चर्चा पूरे जिले में हो रही है. ओनम सिंह को अभी हाल ही में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने इन खोज को लेकर सम्मानित भी किया है. ओनम सिंह ने इस मशीन को कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया हैं. पढ़ाई के साथ हर दिन एक घंटे मशीन के लिए समय निकालता था. मशीन में कुल एक हजार रुपये खर्च किया है. इस मशीन में एक बाल्टी, एक मोटर पंप, तार, प्लास्टिक की टोकरी, पाइप और नल की टोटी का प्रयोग किया है.
क्यों आया सब्जी धोने की मशीन बनाने का आइडिया ? : जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक सुशील कुमार पांडेय ने छात्र ओनम सिंह ने इस इनोवेशन से पहले कईलोगों से बात की. बातचीत के जरिये उसने इलाके की समस्या के बारे में है जिससे मशीन बनाकर निजात मिल सकता है मिर्जापुर के जमुनहिया इलाके में सब्जी की खेती की जाती है. ओनम को पता चला कि मूली धुलने में किसानों को परेशानी आती है. इसके बाद उसने सब्जी धोने की एक मशीन बनाने का निर्णय लिया. सुशील पांडेय ने बताया कि अभी ओनम सिंह की सब्जी धोने वाली मशीन में कुछ काम करने की जरूरत है. इसके अपडेशन के लिए बीएचयू के वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है.
ओनम सिंह के पिता अमरेंद्र सिंह पेशे से इंजीनियर हैं और प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं . कुशीनगर के लाला गुखलिया के रहने वाले अमरेंद्र मिर्ज़ापुर भरूहना में किराये के मकान में रहते हैं . बेटा ओनम का सपना आईएएस बनने का है, मगर लोगों की जरूरत को देखते हुए मशीनों का आविष्कार भी करना चाहता है. जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक सुशील कुमार पांडेय का कहना हैं कि ओनम सिंह की सब्जी धोने वाली मशीन को क्लॉथ वॉशिंग मशीन की तरह अपडेट किया जा सकता है.
पढ़ें : मिर्जापुर के वैज्ञानिक डॉ. मयंक सिंह वैज्ञानिक संगठन SIGMA XI में शामिल हुए