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मिर्जापुर: राष्ट्रीय महिला किसान दिवस पर बताए औषधीय खेती के फायदे - mirzapur latest news

यूपी के मिर्जापुर में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के मौके पर गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में पहुंचीं महिलाओं को नई तकनीक विधि से हो रही खेती के फायदों को बताया गया.

गोष्टी में मौजूद अधिकारी व किसान महिलाएं.
गोष्टी में मौजूद अधिकारी व किसान महिलाएं.
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Published : Oct 16, 2020, 7:19 PM IST

मिर्जापुर: कृषि में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय महिला किसान दिवस मनाया जाता है. इसी क्रम में गुरुवार को मिर्जापुर कृषि भवन पिपराडाड़ के सभाकक्ष में महिला किसानों की गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में पहुंचीं मझवां विधायक सूचीस्मिता मौर्य ने महिला किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि महिला किसान घर का काम करने के बाद नई तकनीकी से खेती कर रही हैं, जो अपने आप में एक बड़ी बात है.


औषधि की खेती करने को लेकर किया जागरूक

राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के मौके पर जनपद की अच्छी खेती करने वाली महिलाओं को कृषि विभाग ने सम्मानित किया. जिले से विभिन्न प्रकार की खेती करने वाली महिलाओं ने महिला किसान दिवस पर पहुंचकर गोष्ठी में भाग लिया और खेती करने की नई विधि भी जानी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय बरकछा से आए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एसएन सिंह ने महिला किसानों को रवि की खेती की तैयारी के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि वर्तमान परिवेश को देखते हुए अनाज-सब्जी के साथ-साथ औषधि की खेती भी करने की जरूरत है. औषधि पौधे में ब्राम्ही, सहजन, सतवार, हल्दी, लेमन घास की खेती कर आप अपनी इनकम में बढ़ोतरी कर सकती हैं.

पराली के दुष्प्रभाव को बताया

उप कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि धान की फसल का पराली या कोई और फसल के अवशेष जो होते हैं, उन्हें जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है. साथ ही मृदा उर्वरता भी घटती है. इसके लिए किसान महिला व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि लोग पराली न जलाएं. अन्यथा किसानों से पराली जलाने पर जुर्माना भी वसूला जाएगा.


नई तकनीक विधि से खेती के फायदों को गिनाया

महिला किसान सावित्री देवी ने बताया कि धान और गेहूं की खेती करती हूं. मगर मशरूम की खेती में मुझे बहुत फायदा हुआ है. पुरानी खेती विधि छोड़कर नई तकनीक विधि से खेती करने में ज्यादा फायदा है. हम महिलाओं के जीवन में पहले से बहुत बदलाव आ गया है. अब हम लोग बढ़-चढ़कर हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

महिला किसान अन्य खेती के अलावा वह अपने घर पर औषधि के पौधे की खेती करके परिवार को स्वस्थ रख सकती हैं. उसकी बिक्री कर अच्छी आमदनी कर सकती हैं. महिला किसान घर का काम करने के बाद नई तकनीकी से खेती कर रही हैं. यह बड़ी बात है. महिलाएं पुरुषों से ज्यादा अच्छा काम कर रही हैं, हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी देखी जा सकती है.

-सुचिस्मिता मौर्य, विधायक

मिर्जापुर: कृषि में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के लिए 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय महिला किसान दिवस मनाया जाता है. इसी क्रम में गुरुवार को मिर्जापुर कृषि भवन पिपराडाड़ के सभाकक्ष में महिला किसानों की गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में पहुंचीं मझवां विधायक सूचीस्मिता मौर्य ने महिला किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि महिला किसान घर का काम करने के बाद नई तकनीकी से खेती कर रही हैं, जो अपने आप में एक बड़ी बात है.


औषधि की खेती करने को लेकर किया जागरूक

राष्ट्रीय महिला किसान दिवस के मौके पर जनपद की अच्छी खेती करने वाली महिलाओं को कृषि विभाग ने सम्मानित किया. जिले से विभिन्न प्रकार की खेती करने वाली महिलाओं ने महिला किसान दिवस पर पहुंचकर गोष्ठी में भाग लिया और खेती करने की नई विधि भी जानी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय बरकछा से आए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एसएन सिंह ने महिला किसानों को रवि की खेती की तैयारी के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि वर्तमान परिवेश को देखते हुए अनाज-सब्जी के साथ-साथ औषधि की खेती भी करने की जरूरत है. औषधि पौधे में ब्राम्ही, सहजन, सतवार, हल्दी, लेमन घास की खेती कर आप अपनी इनकम में बढ़ोतरी कर सकती हैं.

पराली के दुष्प्रभाव को बताया

उप कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि धान की फसल का पराली या कोई और फसल के अवशेष जो होते हैं, उन्हें जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है. साथ ही मृदा उर्वरता भी घटती है. इसके लिए किसान महिला व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि लोग पराली न जलाएं. अन्यथा किसानों से पराली जलाने पर जुर्माना भी वसूला जाएगा.


नई तकनीक विधि से खेती के फायदों को गिनाया

महिला किसान सावित्री देवी ने बताया कि धान और गेहूं की खेती करती हूं. मगर मशरूम की खेती में मुझे बहुत फायदा हुआ है. पुरानी खेती विधि छोड़कर नई तकनीक विधि से खेती करने में ज्यादा फायदा है. हम महिलाओं के जीवन में पहले से बहुत बदलाव आ गया है. अब हम लोग बढ़-चढ़कर हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं.

महिला किसान अन्य खेती के अलावा वह अपने घर पर औषधि के पौधे की खेती करके परिवार को स्वस्थ रख सकती हैं. उसकी बिक्री कर अच्छी आमदनी कर सकती हैं. महिला किसान घर का काम करने के बाद नई तकनीकी से खेती कर रही हैं. यह बड़ी बात है. महिलाएं पुरुषों से ज्यादा अच्छा काम कर रही हैं, हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी देखी जा सकती है.

-सुचिस्मिता मौर्य, विधायक

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