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BHU मामले में बोले मुस्लिम राम कथा वाचक, छात्रों को करना चाहिए फिरोज खान का सम्मान

बीएचयू में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं. वहीं मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम धर्मों के लिए सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बने हुए हैं. उनका कहना है कि बीएचयू के छात्रों को प्रोफेसर फिरोज खान का सम्मान करना चाहिए.

BHU मामले पर मुस्लिम राम कथा वाचक का बयान.
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Published : Nov 22, 2019, 3:08 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर: बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र प्रोफेसर फिरोज खान से शिक्षा लेने से इनकार कर रहे हैं. वहीं राम कथा वाचक मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि बीएचयू के छात्रों को फिरोज खान का सम्मान करना चाहिए न कि विरोध करना चाहिए.

BHU मामले पर मुस्लिम राम कथा वाचक का बयान.

मोहम्मद इस्लाम प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में हैं. मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि शिक्षा कोई धर्म से नहीं होता है. एक शिक्षक सभी को शिक्षा देगा, उसमें यह नहीं देखा जाता कि किस धर्म का है. छात्र जो विरोध कर रहे हैं वह गलत है. बता दें कि मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लिए सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बने हुए हैं. पिछले 35 वर्षों से 5 वक्त के नमाज के साथ ही रामचरितमानस का पाठ करते हैं.

ये भी पढ़ें- काशी में जर्मन वैज्ञानिकों ने जानी गंगा की हालत, आंकड़े हैं डराने वाले

मिर्जापुर जिले के पहाड़ी ब्लॉक स्थित धरमदेवा गांव के रहने वाले राम कथा वाचक मोहम्मद इस्लाम अक्सर रोजा रख भी राम कथा कहते हैं. नमाज भी अदा करते हैं और मंदिरों में पूजा भी करते हैं. मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि उन्हें कभी भी किसी हिंदू के घर जाकर बेगानेपन का एहसास नहीं हुआ. मुझे हर जगह प्यार मिला है. छात्र जो फिरोज खान का विरोध कर रहे हैं वह गलत है.

मिर्जापुर: बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र प्रोफेसर फिरोज खान से शिक्षा लेने से इनकार कर रहे हैं. वहीं राम कथा वाचक मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि बीएचयू के छात्रों को फिरोज खान का सम्मान करना चाहिए न कि विरोध करना चाहिए.

BHU मामले पर मुस्लिम राम कथा वाचक का बयान.

मोहम्मद इस्लाम प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में हैं. मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि शिक्षा कोई धर्म से नहीं होता है. एक शिक्षक सभी को शिक्षा देगा, उसमें यह नहीं देखा जाता कि किस धर्म का है. छात्र जो विरोध कर रहे हैं वह गलत है. बता दें कि मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लिए सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बने हुए हैं. पिछले 35 वर्षों से 5 वक्त के नमाज के साथ ही रामचरितमानस का पाठ करते हैं.

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मिर्जापुर जिले के पहाड़ी ब्लॉक स्थित धरमदेवा गांव के रहने वाले राम कथा वाचक मोहम्मद इस्लाम अक्सर रोजा रख भी राम कथा कहते हैं. नमाज भी अदा करते हैं और मंदिरों में पूजा भी करते हैं. मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि उन्हें कभी भी किसी हिंदू के घर जाकर बेगानेपन का एहसास नहीं हुआ. मुझे हर जगह प्यार मिला है. छात्र जो फिरोज खान का विरोध कर रहे हैं वह गलत है.

Intro:बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नवनियुक्त मुस्लिम शिक्षक प्रकरण को लेकर छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं विश्वविद्यालय माहौल खराब होने की बात हो रही है छात्र प्रोफेसर फिरोज खान से शिक्षा लेने से इंकार कर रहे हो ऐसे माहौल में मिर्जापुर के मोहम्मद इस्लाम हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लिए सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बनकर उभरे हैं। पिछले 35 वर्षों से मुस्लिम होने के बावजूद इस्लाम रामचरितमानस का पाठ करते हैं पांच वक्त के नमाजी इस्लाम के बिना हिंदू परिवार में रामचरितमानस का पाठ अधूरा सा लगता है घर में पूजा के समय जो भी परिवार उन्हें बुलाता है पूरी तन्मयता के साथ इस्लाम मानस का पाठ करते हैं। अब तो उन्हें रामचरितमानस का पाठ जुबानी याद हो गया है। मानस का पाठ करते हुए लोग उनके साथ मिलकर पाठ करते हैं इतना ही नहीं इस्लाम हिंदू धर्म के भगवान का पूजा करना भी पसंद करते है मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और रामचरितमानस का पाठ करते हैं कोई उनका विरोध नहीं करता है। अब तो इस्लाम इतने प्रसिद्ध हो गए हैं कि जिले ही नहीं बाहर से भी उन्हें रामचरितमानस के पाठ के लिए बुलावा आता है वह हर जगह पाठ करने जाते हैं। इस्लाम का कहना है कि रामचरितमानस का पाठ वह बचपन से ही करते आए हैं पास के ही मंदिर में पाठ होता था वह उसे सुनते थे और फिर उस में सम्मिलित होने लगे बाद में अच्छा लगने लगा तो पाठ करना शुरू कर दिया। इस्लाम प्रोफेसर फिरोज खान के समर्थन में हैं मोहम्मद इस्लाम का कहना है कि शिक्षा कोई धर्म से नहीं होता है एक शिक्षक सभी को शिक्षा देगा उसमें यह नहीं देखा जाता कि किस धर्म का है छात्र जो विरोध कर रहे हैं वह गलत है।


Body:मिर्जापुर जिले के पहाड़ी ब्लाक स्थित धरमदेवा गांव के रहने वाले राम कथा वाचक मोहम्मद इस्लाम अक्सर रोजा रख भी राम कथा कहते हैं नमाज भी अदा करते हैं और मंदिरों में पूजा भी करते हैं इस्लाम का कोई विरोध नहीं करता है बल्कि कहता है इनकी वजह से हमारे गांव का प्रदेश का नाम हो रहा है हम लोगों को बहुत गर्व की बात है काशी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फिरोज खान का जिस तरह से छात्र विरोध कर रहे हैं लगातार नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं ऐसे में मिर्जापुर के मामा जिला में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लिए एक सामाजिक सद्भावना का प्रतीक बनकर घूम रहे हैं। पिछले 35 वर्षों से मुस्लिम होने के बाद इस्लाम रामचरितमानस का पाठ करते हैं पांच वक्त के नमाजी इस्लाम के बिना हिंदू परिवार में रामचरितमानस का पाठ अधूरा सा लगता है घर में पूजा के समय जो भी बुलाता है मानस का पाठ करते है। साथ ही सरोई बजरंग रामलीला कमेटी की व्यास गद्दी संभालने वाले इस्लाम रामलीला मंचन में रामचरितमानस का कलाकारों की ओर से पाठ करते हैं साथ ही लोगों के घरों में जाकर रामायण का पाठ भी करते हैं जब वह बोलना शुरू करते हैं तो इनके दोहे तथा चौपाई बरबस उनके मुंह से निकलने लगती है और लोग सुनने लगते हैं। अब तो उन्हें रामचरितमानस का पाठ जुबानी याद हो गया है मानस पाठ करते हुए लोग उनके साथ मिलकर पाठ करते हैं इतना ही नहीं इस्लाम को गौ सेवा करना भी पसंद है इसके लिए उन्होंने घर पर गाय भी रखी है अब तो इस्लाम इतने प्रसिद्ध हो गए हैं कि जिले ही नहीं बाहर से भी उन्हें रामचरितमानस के पाठ के लिए बुलावा आता है वह हर जगह पाठ करने जाते हैं ।वहीं काशी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर उनका कहना था कि हम प्रोफेसर के समर्थन में हमें कभी भी किसी हिंदू के घर जाकर बेगानेपन का एहसास नहीं हुआ हर जगह प्यार मिला है छात्र जो फिरोज खान का विरोध कर रहे हैं वह गलत है शिक्षक किसी एक धर्म का नहीं होता है शिक्षक सभी को पढ़ाता है शिक्षा में धर्म कोई लेना देना नहीं है। इस्लाम के रामचरितमानस का पाठ के जुनून को उनके गांव वाले भी समर्थन करते हैं इस्लाम के गांव वालों का कहना है उन्हें गर्व होता है कि वह उनके गांव के हैं जहां भी जाते हैं उन्हें इज्जत मिलती है आज लोग धर्म के नाम पर पता नहीं क्यों लड़ाते हैं ऐसे लोगों के लिए इस्लाम प्रेरणा है ।इस्लाम के साथ 20 सालों से ढोलक बाजार है सहयोगी का कहना है कि इस्लाम चाचा ही हमको संगीत की दुनिया में लाए हैं हम उनके साथ ही जहां भी जाते हैं बहुत सम्मान मिलता है। कोई यह नहीं कहता कि मुस्लिम है तो क्यों रामचरितमानस पाठ कर रहे हैं इनको नहीं करना चाहिए सभी लोग बल्कि समर्थन करते हैं और कहते हैं बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं आप लोग कोई भी बुलाता है घर पर या मंदिर पर जाकर रामचरितमानस पाठ करते हैं। बीएचयू के जो छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वह गलत है शब्द शिक्षक होता है किसी धर्म या मजहब का नहीं होता है बच्चों को उनसे शिक्षा लेनी चाहिए।

बाईट-मोहम्मद इस्लाम -रामकथा वाचक
बाईट-विजय कुमार-सहयोगी
बाईट-रमापति-ग्रामीण

जय प्रकाश सिंह
मिर्ज़ापुर
9453881630


Conclusion:
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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