मिर्जापुर: जनपद में शहर की तर्ज पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में सामुदायिक शौचालय बनाए जा रहे हैं. इस सामुदायिक शौचालय की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथ में होगी. इसी क्रम में मिर्जापुर जनपद की 809 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाए जा रहे हैं. इनमें से 578 शौचालय बनकर तैयार हो गए हैं, इसके अलावा बचे हुए सौचालय का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. ओडीएफ के तहत बनाए जा रहे ये सामुदायिक शौचालय किसी लग्जरी गेस्ट हाउस की तर्ज पर तैयार किए जा रहे हैं.
महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग व्यवस्था
'स्वच्छ भारत मिशन' योजना के तहत देश भर में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है. यह महत्वाकांक्षी योजना अब रंग लाने लगी है. इस कड़ी में मिर्जापुर जिले के गांवो में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तेजी से हो रहा है. इन शौचालयों का निर्माण किसी लग्जरी होटल की तर्ज पर किया जा रहा है. 'ओडीएफ' के तहत गांव-गांव में बनाए जा रहे इन शौचालय में महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है. इतना ही नहीं इन शौचालय में नहाने के लिए शावर भी लगाए जा रहे हैं.
महिलाओं के हाथ में होगी शौचालयों के कायाकल्प की जिम्मेदारी
'ओडीएफ' के तहत मिर्जापुर जनपद में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तेजी से हो रहा है. इन शौचालयों की देखरेख व कायाकल्प की जिम्मेंदारी महिलाओं को सौंपी गई है. 'स्वयं सहायता समूह' की महिलाएं इन शौचालयों की देखरेख करेंगी. साथ ही घर-घर जाकर लोगों को खुले में शौच न करने के लिए जागरुक करेंगी. इसके अलावा 'स्वयं सहायता समूह' की महिलाएं शौचालयों में साफ-सफाई रखने के लिए भी लोगों को जागरुक करेंगी.
दिन में दो बार की जाएगी शौचालयों की सफाई
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव में बनाए जा रहे सामुदायिक शौचालयों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इन शौचालयों में प्रतिदिन सफाई की जाएगी, इसके लिए कर्मचारी लगाए जाएंगें. शौचालयों में प्रतिदिन कम से कम 2 बार सफाई कराई जाएगी. शौचालयों में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रति माह 6,000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा. इनकी साफ-सफाई व देखरेख की खर्च ग्राम पंचायत उठाएगी. इसके अलावा ग्राम पंचायत द्वारा बिजली, प्लंबिंग, मरम्मत, हाउस कीपिग का सामान आदि भी उपलब्ध कराई जाएगी. यह सभी कार्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के निगरानी में होगा. जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.
मॉडल सामुदायिक शौचालय लोगों को रहे आकर्षित
'ओडीएफ' के तहत मिर्जापुर जनपद में 809 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनवाए जा रहे हैं. इनमें से 578 शौचालय बनकर तैयार हो गए हैं, बचे हुए शौचालयों निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रह है. यह शौचालय किसी होटल में बने शौचालय से कम नहीं हैं. इन शौचालयों में कई तरह की सुविधा के साथ-साथ इनकी रंगाई-पुताई का भी ध्यान रखा गया है. इनकी पेंटिंग गाढ़े रंग से की गई है, जिसके कारण ये दूर से पहचाने जा सकते हैं. ये मॉडल सामुदायिक शौचालय अपनी विशेषता के कारण लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं.
थर्ड पार्टी करेगी शौचालयों के गुणवत्ता की जांच
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत बनाए जा रहे हैं निर्माणाधीन सामुदायिक शौचालयों का थर्ड पार्टी द्वारा वेरीफिकेशन होगा. थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन के दौरान निर्माण कार्य के गुणवत्ता की जांच करेगी. इसके अलावा वेरिफिकेशन पार्टी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इनकी देखरेख और व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव देगी. वेरिफिकेशन पार्टी द्वारा 15 दिनों से 1 माह के बाद दिए गए सुझाव के अनुपालन की स्थिति का सत्यापन भी करेगी.
क्या है आम लोगों की राय ?
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांव बनाए जा रहे शौचालयों को लेकर ग्रामीण खुश हैं. उनका कहना है कि पहले वो शहरों में इस तरह के शौचालय देखते थे. वहीं अब गांव में इस तरह के शौचालय बन जाने से उन्हें खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी गांव में टॉयलेट बनने से खुश हैं. उनका कहना है कि महिलाओं को गांव में शौचालय बनने से रोजगार मिलेगा. ग्रामीणों का मानना है कि यह सरकार की बहुत अच्छी योजना है.